कछुए के 1000 से ज्यादा बच्चे टोकरों में भरकर समुद्र में छोड़े गए, यहां आखिर इतने आए कहां से?
विशाखापट्टनम। बंगाल की खाड़ी से सटे दक्षिण भारतीय राज्य आंध्र प्रदेश से कछुओं के हजारों बच्चों की तस्वीरें सामने आई हैं। इन बच्चों को टोकरों में भर-भरकर समुद्र में छोड़ा गया। सोशल मीडिया पर लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि इतने सारे कछुए के बच्चे आखिर आए कहां से? तो यहां हम बताते हैं आपको इस बारे में...
'ओलिव रिडले टर्टल'
ये तस्वीरें आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम स्थित आरके बीच की हैं, जहां एक छोटे आकार के कछुए, जिन्हें 'ओलिव रिडले टर्टल' कहा जाता है, उसके बच्चे समुद्र में छोड़े गए हैं। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि, ये दुर्लभ प्रजाति के कछुए होते हैं। ये इन दिनों पानी से बाहर भूमि पर चले आते हैं।
कुत्तों और लोमड़ियों का खतरा रहता है
इन कछुओं के बच्चे विशाखापत्तनम तट जगह-जगह नजर आ रहे हैं। जिनका कुत्तों और लोमड़ियों द्वारा शिकार किया जाता है। इसके अलावा इनकी जान पर और वजहों से भी खतरा बना रहता है। ऐसे में इन्हें बचाने के लिए टोकरों में भर-भरकर छोड़ा जाता है। हाल ही में ऐसे कछुओं के 1000 से अधिक बच्चों को समुद्र में छोड़ा गया।
इस साल 40,000 अंडे जुटाए गए
विशाखापत्तनम जिला कलेक्टर मल्लिकार्जुन और वन अधिकारियों ने बताया कि, इन कछुओं के इस साल कुल 40,000 अंडे एकत्र किए गए। उनसे कछुए के बच्चे हुए और अब तक विभिन्न चरणों में 4,000 कछुओं को समुद्र के पानी में छोड़ा जा चुका है।
पांच स्थानों पर हैचरी
इन दुर्लभ कछुओं को कुत्तों और लोमड़ियों द्वारा खाए जाने से रोकने के लिए वन अधिकारियों ने विशाखापत्तनम तट के साथ पांच स्थानों पर हैचरी स्थापित की है।
छोटे छोटे हैं बच्चे
कर्मचारी इस गर्मी के मौसम में भी बंगाल की खाड़ी में ओलिव रिडले हैचलिंग को छोड़ने की व्यवस्था करने में व्यस्त हैं।
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टोकरों में रखकर छोड़ा
आंध्र प्रदेश वन विभाग की ओर से बताया गया कि, ये कछुए दिसंबर में और उसके बाद में आंध्र प्रदेश के तट पर अंडे देते हैं। उन अंडों को एकत्र किया जाता है।