आगरा में मिला ऐसा दुर्लभ कछुआ, जिसकी बॉडी पार्ट्स से बनते हैं चिप्स, कीमत जानकर रह जाएंगे हैरान
आगरा, 08 जून: आगरा रेलवे स्टेशन के पास एक 25 किलो का दुर्लभ कछुआ मिला है। कछुआ को रस्सी से जकड़ कर एक बोरी में बंद करके रखा गया था। बताया जा रहा है कि यह कछुआ साउथ एशिया में मीठे पानी में रहने वाली एक दुर्लभ प्रजाति का है। ये कछुआ, दूसरे कछुओं से दिखने में काफी अलग होता है। इस कछुए को वाइल्ड लाइफ एसओएस की टीम ने बरामद किया है।
विदेशों में हैं इस कछुए की डिमांड
जानकारों के मुताबिक, दुर्लभ प्रजाति के इस कछुए की विदेशों में काफी डिमांड रहती है। इसका मांस और उससे बने चिप्स की कीमत लाखों रुपए किलो तक है। इसकी तस्करी करते हुए पकड़े जाने पर 3 से 7 साल तक की सजा का भी प्रावधान है। आगरा रेलवे स्टेशन के पास ये कछुआ एक बोरी में बंद मिला। ऐसे में माना जा रहा है कि तस्कर पकड़े जाने की डर से इसे यहीं छोड़कर भाग गए।
चिप्स बनाने में किया जाता है इन कछुओं का इस्तेमाल
'न्यूज 18 हिंदी' ने लिखा है कि पर्यावरणविद और गंगा अभियान से जुड़े रहे राजीव चौहान ने बताया कि चंबल नदी से लगे आगरा के पिनहाट और इटावा के ज्ञानपुरी और बंसरी में निलसोनिया गैंगटिस और चित्रा इंडिका तीन ऐसी प्रजाति हैं जिनका इस्तेमाल चिप्स बनाने में किया जाता है। उन्होंने बताया कि कछुए के पेट की स्किन को प्लैस्ट्रान कहा जाता है। इसी प्लैस्ट्रान के चिप्स बनाए जाते हैं। राजीव चौहान के मुताबिक, चिप्स बनाने के लिए प्लैस्ट्रान को काटकर अलग किया जाता है। फिर इसे उबालकर सुखाया जाता है।
इन 3 देशों में बिकता है 2 लाख रुपए किलो चिप्स
राजीव चौहान ने स्थानीय तस्करों से मिली जानकरी का हवाला देते हुए बताया कि कछुओं को पकड़ने और उनके चिप्स बनाने वाले 5 हजार रुपए किलो के हिसाब से ज्ञानपुरी और बंसरी में पकड़े गए निलसोनिया गैंगटिस और चित्रा इंडिका कछुओं के चिप्स बेचते हैं। इटावा, पिनहाट से यह चिप्स 24 परगना पहुंचाए जाते हैं, जहां से यह थाईलैंड, मलेशिया और सिंगापुर को तस्करी कर दिए जाते हैं। तस्कर बताते हैं कि इन तीन देशों में पहुंचने के बाद चिप्स की कीमत 2 लाख रुपए तक पहुंच जाती है।