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बिहार में बारिश, खेतों में लौटे किसान

By Neha Nautiyal
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पटना। सावन माह के अंत में हुई झमाझम बारिश ने सूखाग्रस्त बिहार में किसानों के चेहरे की खुशी लौटा दी है। किसानों के लिए यह बारिश 'डूबते को तिनके के सहारे' की तरह है।

मानसून की बेरुखी के कारण बारिश नहीं होने से असहाय किसानों के चेहरों पर पिछले 24 घंटे में हुई बारिश के बाद एक बार फिर मुस्कान लौट आई है और उनके मन में अच्छी फसल की आस जगा दी है। किसान भी इस बारिश के बाद एक बार फिर अपने खेतों में लौट आए हैं।

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उल्लेखनीय है कि इस साल बिहार सरकार ने राज्य के 38 जिलों में से 28 जलों को सूखाग्रस्त घोषित किया है। पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य के लगभग सभी क्षेत्रों में अच्छी बारिश हुई है। कृषि वैज्ञानिक रामकुमार प्रसाद सिन्हा कहते हैं कि बारिश से खेतों में लगी धान की फसल को काफी लाभ मिलेगा।

उन्होंने कहना है कि इससे दलहन और तिलहन को भी फायदा हुआ है। सिन्हा बताते हैं कि बारिश का सबसे अच्छा प्रभाव यह हुआ है कि खेतों को जरुरी नमी मिल गई है। मगर उन क्षेत्रों में स्थिति अब भी बद्तर है जहां के किसान धान की रोपाई नहीं कर पाए हैं।

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कृषि विभाग के आंकड़ों की मानें तो अब तक राज्य में मात्र 16.5 लाख हेक्टेयर भूमि में ही धान की रोपाई हो पाई है जबकि अब तक सामान्य तौर पर 32 लाख हेक्टेयर भूमि में धान की रोपाई हो जानी चाहिये थी। पिछले वर्ष भी मानसून की बेरूखी के कारण राज्य के सभी 38 जिलों को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया गया है।

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