लोकसभा में उठा मुजफ्फरपुर शेल्टर होम रेप केस का मामला, राजद सांसद का बिहार सरकार की भूमिका पर सवाल
नई दिल्ली। बिहार के मुजफ्फपुर जिले में 34 बच्चियों के साथ रेप का मामला सोमवार को एक बार फिर संसद में उठाया गया। राष्ट्रीय जनता दल के सांसद जय प्रकाश नारायण ने लोकसभा में कहा कि इस पूरे मामले में बिहार सरकार का भूमिका संदेह के घेरे में है। यादव ने कहा कि सुबूतों के साथ छेड़छाड़ की जा रही है और इसमें बिहार सरकार शामिल हैं। बिहार के सुपौल से कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने इस मामले को लेकर लोकसभा में कार्य स्थगन प्रस्ताव दिया।
रंजीता रंजन ने कहा है कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह में हुई ज्यादती की गवाह बच्ची को वहां से मधुबनी भेजा गया लेकिन अब वो गायब है। मुजफ्फरपुर बालिका गृह रेप कांड की गवाह के मधुबनी सेल्टर होम से गायब होने पर रंजीत रंजन ने लोकसभा में कार्यस्थगन प्रस्ताव दिया है। 30 मई को मजफ्फरपुर बालिका गृह से 14 बच्चियों को मधुबनी बालिका गृह के स्पेशल यूनिट में भेजा गया था। इन बच्चियों में से कुछ के गायब हो जाने की बात सामने आई है।
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इससे पहले भी रंजीत रंजन इस मामले को लोकसभा में उठा चुकी हैं। इससे पहले रंजन ने ही लोकसभा में मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग उठाई थी। सांसद पप्पू यादव भी इस मामले को लोकसभा में उठा चुके हैं।
बता दें कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह में बच्चियों के साथ यौन हिंसा किए जाने का मामला सामने आया है। इस मामले में कई प्रभावशाली लोगों पर शामिल होने के आरोप हैं। विपक्ष लगातार आरोप लगा रहा है आरोपियों के प्रभाव के जदयू-भाजपा की सरकार उन्हें बचाने की कोशिश कर रही है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि इस मुजफ्फरपुर मामले पर वो शर्मिंदा हैं और इस बात का विश्वास दिलाते हैं कि मामले में शामिल किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जाएगा। मुजफ्फरपुर मामले पर पटना हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने भी संज्ञान लिया है और मामले पर रिपोर्ट मांगी है।
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