अमेरिकी रेग्युलेटर की जांच के दायरे में ICICI बैंक और चंदा कोचर
नई दिल्ली। आईसीआईसीआई बैंक की प्रमुख चंदा कोचर और उनके परिवार पर लगे कथित अनियमितता के आरोपों की जहां भारत में कई एजेंसियां जांच कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर यह मामला अमेरिकी मार्केट रेग्युलेटर SEC (सिक्यॉरिटीज ऐंड एक्सचेंज कमिशन) के रेडार में भी आ चुका है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, भारतीय रेग्युलेटर और जांच एजेंसियां मारिशस समेत विदेश में अपनी समकक्ष अथॉरिटी से जांच में मदद लेने पर गंभीरता से विचार कर रही हैं।
अमेरिकी मार्केट रेग्युलेटर एसईसी के पब्लिक अफेयर्स के प्रवक्ता से जब आईसीआईसीआई बैंक और कोचर को लेकर उनकी जांच के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इस पर कमेट करने से इनकार कर दिया। इस संबंध में आईसीआईसीआई बैंक को भी भेजे गए सवाल का जवाब अभी तक नहीं मिला है। बता दें, बैंक पहले ही चंदा कोचर के खिलाफ कुछ कॉरपोरेट्स को लोन देने के मामले में पक्षपात करने और पद का गलत इस्तेमाल करने के आरोपों की स्वतंत्र जांच बैठा चुका है।
मार्च के शुरुआती हफ्ते में इस संबंध में पहली रिपोर्ट आई थी, तब बैंक और उसके बोर्ड ने कहा था कि उसे कोचर में पूरा भरोसा है। सूत्रों का कहना है कि SEC (सिक्यॉरिटीज ऐंड एक्सचेंज कमिशन) पूरे मामले पर नजर रखे हुए है क्योंकि ICICI बैंक अमेरिकी बाजार में भी सूचीबद्ध है।
चंदा कोचर पर क्या हैं आरोप?
चंदा कोचर और उनकी फैमली पर आरोप है कि वीडियोकॉन ग्रुप को लोन देने में उन्हें निजी तौर पर लाभ हासिल हुआ है। इसी के बाद बैंक ने चंदा के खिलाफ लोन बांटने में 'कान्फ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट'और निजी लाभ के लिए काम करने के आरोपों की स्वतंत्र जांच कराने का आदेश दिया।
आरोप है कि वीडियोकॉन ग्रुप को दिए गए लोन का पैसा चंदा कोचर के पति की कंपनी न्यूपॉवर में आया। इस मामले पर पिछले हफ्ते ही सेबी ने भी नोटिस जारी कर चंदा कोचर से पूरे मामले पर जानकारी देने को कहा था। आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन ग्रुप को 3,250 करोड़ रुपए का लोन वर्ष 2012 में दिया था, जिसमें से 2,810 करोड़ रुपए नहीं लौटाए गए। बैंक ने वर्ष 2017 में इसे एनपीए घोषित कर दिया था।