अनोखा मामला: महराजगंज में कैदियों ने रिहाई लेने से किया इनकार, जेलर को लिखा पत्र
महराजगंज, मई 24: यूपी के महराजगंज जिले में एक अनोखा मामला सामने आया है। दरअसल यहां जेल में बंद कैदियों ने अपनी रिहाई लेने से ही इनकार कर दिया है। इसके लिए दो कैदियों ने जेलर को पत्र भी लिखा है। पत्र मिलने के बाद जेलर ने दोनों कैदियों की रिहाई पर रोक लगा दी है। बता दें, कोरोना संक्रमण को देखते हुए शासन की तरफ से जेल से बंदियों को अंतरिम जमानत और सजायाफ्ता कैदियों को 60 दिनों की पैरोल पर छोड़ा जा रहा है। महराजगंज जिला जेल से 76 बंदी अंतरिम जमानत पर रिहा किए जा चुके हैं, जबकि पैरोल के लिए सात कैदियों को चिह्नित किया गया है। इनमें से दो कैदियों ने अपनी रिहाई लेने से इनकार किया है।
आर्थिक तंगी, कोरोना वायरस का दिया हवाला
घुघली के हरपुर महंथ निवासी 31 वर्षीय बृहस्पति और श्यामदेउरवा के कछरहवां निवासी 29 वर्षीय कमलेश ने जेलर को पत्र लिखकर आर्थिक तंगी और बढ़ते कोरोना संक्रमण का हवाला देकर जेल में ही रहने देने की गुहार लगाई है। दोनों दहेज हत्या में सात-सात साल की कैद में हैं और 2017 से जेल में हैं। दोनों पिछले वर्ष भी पैरोल पर रिहा हुए थे। बताया गया कि तब कोई काम ना मिलने के कारण उन्हें कई बार भूखा तक रहना पड़ा था। इस बार जब शासन की तरफ से पैरोल पर जाने का आदेश मिला तो दोनों ने ये कहते हुए जेलर को पत्र लिखकर जेल के बाहर जाने से मना कर दिया कि लॉकडाउन के कारण उन्हें बाहर कोई काम नहीं मिलेगा और जेल के बाहर उन लोगों को कोरोना का डर भी बना रहेगा क्योंकि, कोरोना का संक्रमण बढ़ता जा रहा है। इस वजह से उन्हें जेल में ही रहना पसंद है। फिलहाल, जेलर ने दोनों की रिहाई रोक दी है।
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जेलर ने बताई ये खास बात
कैदी कमलेश के मुताबिक, वह मजदूरी करता था, लेकिन लॉकडाउन में उसे जेल के बाहर मजदूरी नहीं मिलेगी, इसलिए उसने जेल से बाहर आने से मना किया है। कमलेश ने कहा कि जब सजा खत्म हो जाएगी, तभी बाहर जाएगा। कैदी बृहस्पति का कहना है कि पिछले लॉकडाउन में वो पैरोल पर जेल से बाहर गया था, लेकिन उसे कोई काम नहीं मिला, इसलिए इस बार वो पैरोल मिलने पर भी बाहर नहीं जाएगा। इस संबंध में जेलर अरविंद श्रीवास्तव ने बताया कि पिछली बार लॉकडाउन में भी दोनों कैदियों को पैरोल पर रिहा किया था, लेकिन बाहर इन्हें कोई काम नहीं मिला। इस वजह से दोनों ने इस बार जेल से बाहर जाने से मना कर दिया है। उन्होंने ये भी कहा कि जेल में कोरोना के संक्रमण की वजह से काढ़ा समेत पौष्टिक भोजन कैदियों को दिया जा रहा है, इसलिए ये भी कारण हो सकता है कि कैदी बाहर ना जाना पसंद कर रहे हों।