पटनाः बाढ़ के चपेट में आए राजधानी के कई श्मशान घाट, सड़क पर चिता जलाने को लोग हुए मजबूर
पटना। बिहार के कई जिलों में बाढ़ ने तबाही मचा रखी है। बाढ़ के चपेट में प्रदेश की राजधानी पटना के कई प्रमुख घाट भी आ गए हैं। पटना में पिछले एक हफ्ते से गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। राजधानी के पास के कई गांव बाढ़ में डूब गए हैं। गंगा के पानी से कई श्मशान घाट डूब चुके हैं, जिसके चलते घाट पर अंतिम संस्कार नहीं हो पा रहा है। इस कारण पटना की मुख्य सड़क के किनारे लोग अपनों का अंतिम संस्कार करने को मजबूर हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार करने की जगह बाढ़ के पानी में डूब गई है। इसलिए उन्हें मजबूरी में सड़क किनारे पर शव को जलाना पड़ रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक, पटना में गंगा के बढ़े जलस्तर से विद्युत शवदाह गृह से लेकर सामान्य श्मशान घाट भी पानी में डूब गए हैं। गुलाबी घाट स्थित विद्युत शव दाह गृह की बाढ़ के पानी से डूब गया है। जिससे मशीन बंद हैं। अब यहां अंतिम संस्कार नहीं हो रहा है।
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कुछ ऐसा ही हाल सामान्य श्मशान घाट का है, जहां लकड़ी से कराए जाने वाले अंतिम संस्कार स्थल भी बाढ़ के पानी में डूब गए हैं। इसके अलावा राजधानी पटना ही नहीं बल्कि भोजपुर जिले में भी गंगा ने लोगों की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। भोजपुर जिले में गंगा नदी में आए उफान के बाद आरा शहर से सटे सैकड़ों गांवों में बाढ़ की स्थिति बन गई है। बाढ़ का पानी अब नेशनल हाइवे पर चढ़ने लगा है, जिससे लोगों को आने-जाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।