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Surgical strikes 2: जानिए, भारत ने एयर स्ट्राइक (Air Strike) के लिए पाकिस्तान के बालाकोट को ही क्यों चुना?

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नई दिल्ली- 26 फरवरी, 2019 की रात पाकिस्तान में मौजूद आतंकी कैंपों पर भारतीय वायुसेना (IAF) के लड़ाकू विमानों से किया गया हमला मामूली नहीं है। यह भारत की बदली रणनीति की कहानी बयां करती है। भारतीय जनमानस पुलवामा आतंकी हमले का जल्द से जल्द जवाब चाहता था। प्रधानमंत्री मोदी हर मौके पर माकूल जवाब देने की बात कह भी रहे थे। लेकिन, भारतीय वायुसेना के फाइटर पायलट पाकिस्तान की सीमा में 80 किलोमीटर तक भीतर घुसकर बमों की बारिश कर देंगे, यह शायद पाकिस्तान ने सपने में भी नहीं सोचा होगा। सवाल उठता है कि अबकी बार भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक के लिए पाकिस्तान के बालाकोट को क्यों चुना?

पुलवामा हमले की साजिश बालाकोट में ही रची गई थी

इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले की साजिश पाकिस्तान के बालाकोट में मौजूद जैश-ए-मोहम्मद के कैंप में ही रची गई थी। खुफिया जानकारी ये थी कि हाल के दिनों में यहां आतंकी गतिविधियों में बहुत ज्यादा इजाफा हुआ है। इस हमले में जैश के कश्मीर ऑपरेशन के चीफ और मौलाना मसूद अजहर के बड़े भाई इब्राहिम अजहर को भी निशाना बनाया गया है। वो आईसी-814 (IC-814) के अपहरण में भी शामिल था। जानकारी के मुताबिक जिस वक्त भारतीय वायुसेना ने बम गिराए, उस समय कैंप में मौजूद आतंकी गहरी नींद में सोए हुए थे। जानकारी के मुताबिक इसी आतंकी कैंप में जैश के सरगना मौलाना मसूद अजहर के बेटे अब्दुल्लाह ने दिसंबर 2017 में एडवांस ट्रेनिंग ली थी।

बालाकोट में फिर चल रही थी हमले की तैयारी

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया है कि सरकार के पास पुख्ता जानकारी थी कि जैश-ए-मोहम्मद फिर से भारत में हमले की तैयारी कर रही है। इसलिए, उसके खिलाफ सख्त और तुरंत कार्रवाई समय की जरूत थी। खबरें यहां तक हैं कि अभी हाल ही में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) से करीब 350 आतंकवादियों, कमांडरों और ट्रेनर को बालाकोट शिफ्ट किया गया था। ये भी बताया जा रहा है कि करीब 60 आतंकियों को वहां तीन महीने की खास ट्रेनिंग देकर भारत में हमले के लिए विशेषतौर पर तैयार किया गया था। उन्हें पुलवामा की तरह कार से हमले की ट्रेनिंग भी दी जा रही थी।

भारत विरोधी आतंकिवादी गतिविधियों का अड्डा है बालाकोट

बालाकोट पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा (KPK)प्रांत के मनसेहरा जिले में है। यहां से करीब 20 किलोमीटर दूर जैश का सबसे बड़ा आतंकी ट्रेनिंग कैंप एक पहाड़ी क्षेत्र में मौजूद था। 2001 में तालिबान के खत्म होने के बाद जैश-ए-मोहम्मद ने इस क्षेत्र को ही अपने बेस के तौर पर विकसित किया। दुनिया की इंटेलिजेंस एजेंसियों में ये इलाका जिहाद के केंद्र के रूप में भी चर्चित रहा है। बालाकोट तब अमेरिकी सेना की नजरों में भी आया था, जब ओसामा बिन लादेन को मारने के लिए वो पास ही के एबोटाबाद में दाखिल हुई थी। खास बात ये है कि इस इलाके में मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड और जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद की गतिविधियां भी देखने को मिलती हैं, क्योंकि अभी तक पाकिस्तानी सेना इस क्षेत्र को आतंकवादियों के लिए बेहद महफूज मानती रही थी।

भारतीय जवानों के सिर काटने से भी जुड़े हैं बालाकोट के तार

भारतीय जवानों के सिर काटने से भी जुड़े हैं बालाकोट के तार

भारतीय जवानों के सिर काटने से भी जुड़े हैं बालाकोट के तार
बालाकोट पाकिस्तान की बोर्डर एक्शन टीम (Border Action Teams-BAT) के कैंप लिए भी कुख्यात है। गौरतलब है कि बोर्डर एक्शन टीम सीमापार और एलओसी (LoC) पार की गतिविधियों को अंजाम देती है। बैट में पाकिस्तानी आर्मी और आतंकवादी दोनों के कमांडो मौजूद होते हैं। यही वो टीम है जो पूर्व में भारतीय जवानों के सिर काटने के लिए जिम्मेदार है।

इसे भी जरूर पढ़ें- Air Strike: बालाकोट में इंडियन एयरफोर्स के हमले में जैश सरगना मसूद अजहर का भाई भी ढेरइसे भी जरूर पढ़ें- Air Strike: बालाकोट में इंडियन एयरफोर्स के हमले में जैश सरगना मसूद अजहर का भाई भी ढेर

English summary
Surgical strikes 2 Know, why did India choose Balakot of Pakistan for Air Strike
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