स्मॉग और अस्थमा के बाद अब दिल्ली हुई मोटापे का शिकार, खतरे में भविष्य!
दिल्ली में मौसम की मार के साथ ही बीमारियों ने भी दस्तक देनी शुरू कर दी है। प्रदूषण की समस्या ने पहले ही दिल्ली वालों का दम घोंट रखा है। अब एक और बीमारी दिल्ली को अपनी जकड़ में ले रही है। दिल्ली में मोटापा धीरे-धीरे अपना पैर फैला रहा है।
नई दिल्ली। दिल्ली में मौसम की मार के साथ ही बीमारियों ने भी दस्तक देनी शुरू कर दी है। प्रदूषण की समस्या ने पहले ही दिल्ली वालों का दम घोंट रखा है। अब एक और बीमारी दिल्ली को अपनी जकड़ में ले रही है। दिल्ली में मोटापा धीरे-धीरे अपना पैर फैला रहा है और 40 प्रतिशत बच्चों को ये अपना शिकार बना चुका है। हाल ही में हुई एक स्टडी में ये चौंकाने वाला सच सामने आया है।
40 प्रतिशत बच्चे मोटापे का शिकार
दिल्ली में पिछले एक महीने से हालात काफी खराब हैं। स्मॉग के चलते दिल्लीवासियों का सांस लेना भी दूभर हो गया है। और अब एक स्टडी ने एक और बढ़ती बीमारी की ओर इशारा किया है। आजकल के बच्चों में फास्ट फूड का चलन काफी चल पड़ा है। दिल्ली में 84 प्रतिशत लड़कियां और 82 प्रतिशत लड़के मोटापे की गिरफ्त में हैं।
फिजिकल एक्टिविटी नहीं करता कोई
इन बच्चों में मोटापे का सबसे बड़ा कारण ज्यादा खाना बताया गया है। ओवर ईटिंग के अलावा जेनेटिक कारण से भी बच्चे मोटापे का शिकार हो रहे हैं। मोटापे से इन बच्चों पर भावनात्मक रूप से गलत प्रभाव पड़ रहा है। मैक्स हॉस्पिटल के सर्जन के अनुसार बच्चों की आदतें भी मोटापे में योगदान दे रही हैं। 'बच्चे रात को देर से सोते हैं और जो कैलरी खाते हैं वो बर्न नहीं होती। आजकल के बच्चों फिजिकल एक्टिविटी भी नहीं करते।' इन कारणों से न केवल मोटापा बढ़ रहा है, बल्कि बच्चों में स्ट्रेस का लेवल भी बढ़ा हुआ पाया गया है।
बाहर फास्ट फूड खाना है बड़ी समस्या
स्टडी में पाया गया है कि 29 प्रतिशत बच्चे मोटापे के कारण डिप्रेशन में हैं। 39 प्रतिशत बच्चों को सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, वहीं 15 प्रतिशत बच्चों में ज्वाइंट्स में दिक्कत है। बच्चों में मोटापे का सबसे बड़ा कारण बाहर फास्ट फूड खाना बताया गया है। स्टडी में सामने आया है कि लगभग 78 प्रतिशक बच्चे हफ्ते में तीन बार बाहर खाना खाते हैं।
टेक्नोलॉजी के कारण बिगड़ी और हालत
बच्चों में पाया गया है कि वो खाना खाते वक्त किसी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का यूज करते हैं जिससे उनके खाने की आदत प्रभावित होती है। बच्चे खाना खाने के बाद फिजिकल एक्टिविटी भी कम करते हैं। टेक्नोलॉजी के बढ़ते चलन के कारण अब बच्चे बाहर खेलने कम ही जाते हैं जिससे कैलरी बर्न नहीं हो पाती। ये पूरी स्टडी 5 से 9 साल, 10 से 14 साल और 15 से 17 साल तक के बच्चों के ऊपर की गई है।
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