बोले नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी- 'छोटी जाति की थीं मेरी दादी इसलिए गांव वाले हमसे नहीं रखते रिश्ता'
मुंबई। हिंदी सिनेमा के दिग्गज कलाकारों में से एक नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने उस वक्त ये कहकर लोगों को चौंका दिया कि आज भी उनके गांव वाले उनकी दादी के कारण उन्हें और उनके परिवार को स्वीकार नहीं करते क्योंकि उनकी दादी एक छोटी जाति की थीं,जबकि उनके दादा का परिवार शेख यानी कि उच्चजाति का है लेकिन दादी के परिवार में आने से उनके गांव और बिरादरी वाले उन्हें अपना हिस्सा नहीं मानते हैं, सिद्दीकी ने कहा कि हमारे समाज में जातिगत भेदभाव इतनी गहरा है कि उन्हें दूर करना बहुत ज्यादा मुश्किल है।
'मेरे गांव वाले जाति की मानसिकता से उबर नहीं पाए हैं'
एनडीटीवी से बात करते हुए नवाज ने कहा कि मैं यूपी एक गांव का रहने वाला हूं, आज भी मेरे गांव वाले जाति की मानसिकता से उबर नहीं पाए हैं, उच्च-निम्न जाति की बातें उनकी रगों में हैं, उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैं एक बॉलीवुड एक्टर या धनपति हूं, उन्हें बस अपनी जाति-परंपरा से मतलब हैं, वो अपने 'शेख' ( उच्च जाति) की मानसिकता से बाहर नहीं आ पाए हैं, वो अपने आप को शेर समझते है, जो कि कभी घास से, दोस्ती नहीं करता है।
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'समाज को तुच्छा मानसिकता से बाहर निकलना बेहद जरूरी'
नवाज ने कहा कि आज इतने बरस बीत जाने के बाद भी अगर मैं अपने मां के परिवार या पिता के परिवार वालों के बीच शादी कराना चाहूं तो संभव नहीं है, उल्टा मुझे विरोध झेलना पड़ेगा वो अलग, नवाज ने कहा कि देश और समाज को इस तुच्छा मानसिकता से बाहर निकलना बेहद जरूरी है।
'अब लोग गलत के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं'
हिंदी सिनेमा के बेहतरीन एक्टर में गिने जाने वाले नवाज ने हाथरस कांड पर गहरा दुख जताते हुए कहा कि वहां जो भी हुआ वो बेहद शर्मनाक और गलत है, आरोपियों को सजा हर हालत में मिलनी चाहिए, लेकिन साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि अच्छा है कि अब लोग गलत के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं।
'हाथरस में जो भी हुआ वो बेहद शर्मनाक है'
मालूम हो कि हाथरस में 14 सितंबर को एक 19 वर्षीय दलित लड़की के साथ गांव के चार लोगों ने गैंगरेप किया और उसके बाद उसे मारने की कोशिश की। उसकी रीढ़ की हड्डी तोड़ दी और जीभ काट दी, उसके बाद पीड़िता को गंभीर हालत में एम्स में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान लड़की ने दम तोड़ दिया, उसने जिन चार लोगों पर रेप का आरोप लगाया है, वो सभी गांव के उच्च जाति के लोग हैं, हालांकि चारों को अरेस्ट कर लिया गया है लेकिन पीड़िता की मौत के बाद यूपी पुलिस ने जबरन लड़की का परिवार की इच्छा के खिलाफ अंतिम संस्कार कर दिया, जिस पर काफी हंगामा मच गया, इसके बाद इस मुद्दे पर राजनीति गर्मा गई है और यूपी पुलिस और योगी सरकार विरोधियों के निशाने पर है, हालांकि जांच चल रही है, विरोधियों का कहना है कि सरकार उच्च जाति के आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रही है।
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