बिहार उपचुनावः अररिया-जहानाबाद में RJD की जीत, भभुआ में खिला कमल
उपचुनाव के अररिया लोकसभा तथा जहानाबाद व भभुआ विधानसभा सीटों पर विजयी प्रत्याशियों की बात करें तो उन्हें सहानुभूति वोट भी मिले हैं।
नई दिल्ली। बिहार की अररिया लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में राष्ट्रीय जनता दल के उम्मीदवार सरफराज आलम जीत ने दर्ज की है। सरफराज आलम ने अपने पिता मोहम्मद तसलीमुद्दीन के निधन के बाद खाली हुई सीट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। दो विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में जहानाबाद से राजद उम्मीदवार कुमार कृष्ण मोहन उर्फ सुदय यादव और भभुआ से भाजपा की रिंकी रानी पांडेय ने जीत हासिल की है। जहानाबाद विधानसभा सीट से राजद के कुमार कृष्ण मोहन ने जदयू उम्मीदवार अभिराम को 35036 वोटों से जीत हासिल की, वहीं भभुआ विधानसभा सीट से भाजपा की उम्मीदवार रिंकी रानी पांडेय ने 15 हजार से अधिक वोटों से कांग्रेस के उम्मीदवार शंभू पटेल को हराया है। भले ही ये उपचुनाव था लेकिन इस चुनाव में जीत अहम है।
भभुआ में महागठबंधन का कमाल क्यों नहीं चला?
बिहार में मिली जीत के बाद तेजस्वी यादव ने कहा 'जो लोग कहते थे कि लालू जी खत्म हो गए हैं आज हम उनको कह सकते हैं कि लालूजी एक विचारधारा का नाम है। बिहार की जनता को इस जीत के लिए धन्यवाद देता हूं और साथ ही मांझीजी को भी धन्यवाद देता हूं।' इधर, चुनाव नतीजे पर प्रतिक्रिया देते हुए उपमुख्यमंत्री व भाजपा नेता सुशील मोदी ने कहा है कि यह किसी का कोई कमाल नहीं। सहानुभूति का कमाल है। बिहार में लोगों ने परिवारों को जिता दिया। भभुआ में महागठबंधन का कमाल क्यों नहीं चला
अहम रहा सहानुभूति फैक्टर
उपचुनाव के अररिया लोकसभा तथा जहानाबाद व भभुआ विधानसभा सीटों पर विजयी प्रत्याशियों की बात करें तो उन्हें सहानुभूति वोट भी मिले हैं। मो. तस्लीमुद्दीन के निधन से रिक्त अररिया लोकसभा सीट पर राजद से उनके पुत्र मो. सरफराज आलम विजयी रहे। उन्होंने तस्लीमुद्दीन के कार्यों पर वोट मांगा था। उधर, राजद विधायक मुंद्रिका प्रसाद यादव के निधन से रिक्त जहानाबाद विधानसभा सीट पर उनके पुत्र व राजद प्रत्याशी सुदय यादव विजयी रहे। भभुआ में भाजपा विधायक आनंद भूषण पांडेय की मृत्यु से रिक्त सीट पर भाजपा से उनकी पत्नी रिंकी रानी की जीत हुई है। बिहार के उपमुख्यमंत्री व भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने भी अपने ट्वीट में माना कि चुनाव में 'सहानुभूति लहर' थी। मोदी ने कहा कि लोकसभा की एक और विधान सभा की दो सीटें निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की असामयिक मृत्यु से रिक्त हुईं थीं, जिनपर उनके परिजन ही चुनाव लड़ रहे थे। जनता ने सहानुभूति में उन्हें शेष बचे कार्यकाल के लिए वोट देकर विजयी बनाया है।
बिहार में आरजेडी ने बचाई सीट, भारी पड़े तेजस्वी
वहीं बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) अररिया लोकसभा सीट को बचाने में सफल रही है। महागठबंधन टूटने और लालू प्रसाद यादव के चारा घोटाले में सजा होने के बाद हुए यह उप-चुनाव उनके बेटे तेजस्वी यादव के लिए परीक्षा की तरह था, जिसमें वह पास होने में सफल रहे हैं।गौरतलब है कि 2015 का विधानसभा चुनाव जेडीयू-आरजेडी-कांग्रेस महागठबंधन ने साथ में लड़ा था और तब अररिया सीट आरजेडी के खाते में गई थी और पार्टी ने तस्लीमुद्दीन को टिकट दिया था।वहीं बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए ने यह सीट राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) को दी, लेकिन चुनाव में आरजेडी विजयी हुई। तस्लीमुद्दीन के निधन के बाद आरजेडी ने उनके बेटे सरफराज आलम को टिकट दिया जबकि बीजेपी ने प्रदीप कुमार सिंह अपना उम्मीदवार बनाया। इस सीट पर बीजेपी और आरजेडी के बीच सीधी टक्कर थी, जिसमें आरजेडी कामयाब रही है। अररिया सीट के नतीजों ने बीजेपी और जेडीयू गठबंधन को भी झटका दिया है।
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