आचार संहिता लागू होने के बाद भी होगी शिक्षकों की ज्वॉइनिंग, इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा आदेश
Prayagraj news, प्रयागराज। यूपी में आचार संहिता लागू होने के बाद भी टीचरों की ज्वॉइनिंग होगी। इस पर किसी भी तरह से रोक नहीं लगाई जा सकेगी। इस बावत इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुये यूपी में चयनित हुए टीचरों की ज्वॉइनिंग पर रोक लगाने वाले आदेश को रद्द कर दिया है और स्पष्ट किया कि शिक्षण संस्थानों में अध्यापकों की नियुक्ति अथवा कार्यभार ग्रहण करने पर चुनाव आचार संहिता के तहत किसी तरह की रोक का प्रावधान नहीं है। ऐसे में शिक्षकों की ज्वॉइनिंग को इस कारण रोक देना की आचार संहित लागू है, सही नहीं है। फिलहाल, हाईकोर्ट के आदेश का लाभ अब हजारों शिक्षकों को मिलेगा, जो टीचर भर्ती में चयनित होने के बाद आचार संहिता के कारण अपने पद पर ज्वॉइन नहीं कर पा रहे थे।
क्या है मामला
उत्तर प्रदेश में सहायक भर्ती में निशा शर्मा का चयन सहायक अध्यापक पद पर हुआ था। निशा को गाजियाबाद जिला आवंटित हुआ और उन्हे बीएसए ने नियुक्ति का अनुमोदन भी दे दिया। प्रबंध समिति की ओर से निशा को नियुक्ति पत्र भी जारी कर दिया। निशा जब अपना पद ज्वॉइन करने के लिए पहुंची तो बीएसए ने आचार संहिता का हवाला देते हुए कहाकि अभी उनकी ज्वॉइनिंग नहींं हो सकती। कारण के तौर पर बीएसए ने लोकसभा लोकसभा चुनाव की आचार संहिता बताया। बीएसए ने निशा की ज्वॉइनिंग को आचार संहिता लागू रहने तक रोक दी और बीएसए के इसी आदेश को निशा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चैलेंज किया, जिस पर हाईकोर्ट ने निशा के हक में फैसला सुनाया है।
कोर्ट ने क्या कहा?
इलाहाबाद हाईकोर्ट में निशा की याचिका पर सुनवाई जस्टिस प्रकाश पाडिया ने की। कोर्ट को आचार संहिता और उसमें उपबंधों पर तर्क दिए गए। साथ ही यह बताया गया कि ऐसा कोई नियम नहीं है कि आचार संहिता लागू हो तो टीचरों की ज्वॉइनिंग रोक दी जाए। हाईकोर्ट ने आचार संहिता में दिए गए प्रावधानों का अवलोकन किया तो यह पाया कि चुनाव आचार संहिता में शिक्षण संस्थानों में अध्यापकों की नियुक्ति या कार्यभार ग्रहण करने पर रोक जैसा कोई उपबंध ही नहीं है।
नहीं रोकी जा सकती शिक्षकों की ज्वॉइनिंग
इस आधार पर हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि चुनाव आचार संहिता की वजह से नियुक्त शिक्षकों की ज्वॉइनिंग नहीं रोकी जा सकती। हाईकोर्ट ने गाजियाबाद बीएसए के ज्वॉइनिंग रोकने के आदेश को रद्द कर दिया और आदेशित किया कि 10 दिन में ज्वॉइनिंग आदेश जारी कर याची को पद ग्रहण कराया जाए। हाईकोर्ट ने साफ तौर पर बीएसए को नए सिरे आदेश पारित करने का निर्देश दिया है। फिलहाल, हाईकोर्ट के इस आदेश का फायदा उन सभी टीचरों को मिलेगा, जिन्हें आचार संहिता का हवाला देकर ज्वॉइनिंग नहीं दी जा रही है।
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