'हमें 700 बागियों के साथ बॉर्डर पर भेज दो, आतंकवादियों को चुन-चुनकर मारेंगे'
Kanpur news, कानपुर। बीहड़ में आतंक का पर्याय बन चुके मलखान सिंह भले ही अपनी बंदूक छोड़ चुके हों, लेकिन पुलवामा घटना को लेकर उनका खून खौल रहा है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में 700 बागी बचे हैं, अगर शासन चाहे तो बिना किसी शर्त, बिना वेतन के बॉर्डर पर अपने देश के लिए मरने को तैयार हैं हम, पीछे नहीं हटेंगे और आतंकवादियों को चुन चुनकर मारेंगे।
हमें वेतन नहीं चाहिए, लिखकर ले सकते हैं
पुलवामा घटना में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए कानपुर पहुंचे पूर्व दस्यु सरगना मलखान सिंह में मीडिया से बात करते हुए कहा कि पुलवामा में जो हमारे सैनिक शहीद हुए है उसको लेकर हमारा खून खौल रहा है। सरकार अगर हमको इजाजत दे तो हमारे साथ 700 बागी हैं, जो अपनी जान पर खेलकर आतंकवादियों से लड़ेंगे। हमें कोई वेतन नहीं चाहिए, यह हमसे लिखकर ले सकते हैं। जब मलखान सिंह से पूछा गया कि कितनों को मारोगो तो उनका जवाब था कि हम अनाड़ी नहीं है, हमने 15 साल तक चम्बल घाटी में कोई कथा नहीं बाची जो होगा देखा जाएगा, लेकिन मलखान सिंह पीछे नहीं हटेगा, क्योंकि हमारी प्लानिंग बहुत पक्की रहेगी। इसलिए हम चाहते हैं कि हमको बॉर्डर पर भेज दिया जाए।
राजनीति के सवाल पर क्या बोले मलखान सिंह
राजनीति के सवाल पर मलखान सिंह का जवाब था की जो पार्टी वादा करके उनको पूरा नहीं करती वह हार जाती है। जैसे बीजेपी राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश में चुनाव हार गई। अगर वो फिर वायदे करेगी और उनको पूरा नहीं करेगी तो फिर हारेगी, क्योंकि लोकसभा चुनाव आने वाला है। मलखान सिंह ने कहा की चुनाव तो होते ही रहेंगे, लेकिन पहले सरकार को कश्मीर का बदला लेना चाहिए। पुलवामा में हुए आतंकी हमले पर मलखान सिंह ने कहा की इसके लिए सभी नेताओं को पार्लियामेंट के बाहर धरने पर बैठना चाहिए और वह तब धरने से हटे जब फैसला हो जाए कि पकिस्तान में घुसकर मारो।
अन्याय के खिलाफ लड़ने के लिए राजनीति करेंगे
पूर्व दस्यु सरगना मलखान सिंह ने अपने बारे में बताते हुए कहा कि उन्होंने सन 1982 में मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के समय आत्मसमर्पण किया था। समर्पण पर एलान किया था कि अगर कोई महिला कह दे की मलखान सिंह ने उसके साथ किसी घटना को अंजाम दिया है तो मुझे मंच के सामने फांसी पर लटका दो। उन्होंने कहा कि हम पेट भरने के लिए नहीं, बल्कि अन्याय के खिलाफ लड़ने के लिए राजनीति करेंगे।
देश के बागी नहीं हैं
मलखान सिंह से जब उनसे उनके बारे में पूछा गया तो उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि बीहड़ में मेरा इतिहास साफ सुथरा रहा। ऐसे महात्मा जो अपने आप को बड़े सच्चे बताते हैं, उनका इतिहास नहीं रहा, जो बागियों का रहा। तमाम साधू तो घेरे में आ चुके हैं। कुछ तो जेल में पड़े हुए हैं, लेकिन कोई बागी ऐसा नहीं है। मलखान सिंह ने साफ कहा की तमाम लोग मेरे बारे में कहते हैं की तमाम कत्ल किए, कई डकैती डाली, लेकिन वह सब झूठे हैं। मेरे साथ जो अन्याय हुआ उसको लेकर हम एक सी लड़ाई लड़ी है। दुनिया से नहीं हम बागी हैं, लेकिन देश के बागी नहीं है।
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