शी जिनपिंग अनिश्चितकाल के लिए चीन के राष्ट्रपति बनने को तैयार, 5 हजार प्रतिनिधियों ने शुरू की प्रक्रिया
बीजिंग। चीन के कानून निर्माताओं ने शी जिनपिंग को अनिश्चितकाल के लिए राष्ट्रपति बनाने की प्रक्रिया शनिवार से शुरू कर दी है। संविधान में संशोधन कर दो बार के लिए चीन के राष्ट्रपति के कार्याकाल की समय सीमा को खत्म कर दिया जाएगा। चीनी पीपुल्स पॉलिटिकल कंसलटेटिव कॉन्फ्रेंस (CPPCC) और नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (NPC) के करीब 5,000 प्रतिनिधि मिलकर चीन संविधान में बहुत बड़ा परिवर्तन करने जा रहे है, जिसमें चीन कम्युनिस्ट पार्टी (CPC) के सुप्रीम लीडर को ही अनिश्चितकाल के लिए देश का राष्ट्रपति घोषित कर दिया जाएगा।
पार्टी से लेकर सेना प्रमुख की कमान संभालेंगे शी
पिछले माह सीपीसी ने एक प्रस्ताव रखा था, जिसमें पूराने संविधान को संशोधन करने की मांग की थी, जिसमें राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति कार्यकाल के दो बार (10 साल) वाले सीमा को समाप्त करने की बात कही गई थी। इस प्रस्ताव ने चीन से लेकर विदेशों में भी चिंता और अटकलें शुरू कर दी है कि हाल ही में दूसरी बार राष्ट्रपति बने शी जिनपिंग देश के सर्वोच्च नेता होने के अलावा पार्टी और सेना की भी प्रमुखता से कमान संभालेंगे। संविधान में संशोधन के बाद चीन क्रांति के हीरो माओ जेदांग के बाद शी जिनपिंग दो से ज्यादा बार देश की सत्ता अनिश्चितकाल के लिए अपने हाथ में ले लेंगे।
संसद सत्र हुआ शुरू
बीजिंग के ग्रेट हॉल ऑफ पीपल में सीपीपीसीसी के उद्घाटन के साथ औपचारिक रूप से संसद का सत्र शुरू हुआ, जिसमें राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी मौजूद थे। सत्र उद्घाटन का पूरे देश में लाइव टेलीकास्ट किया गया। इसके अलावा, पार्टी के प्रमुख और सीपीसी स्टैंडिंग कमेटी के मेंबर ली केक्यांग सहित अन्य पार्टी के नेताओं की मौजूदगी देखी गई।
चीन की राजनीति में आएगा बदलाव
संविधान में संशोधन के अलावा चीन की राजनीति में बहुत कुछ बदलाव देखने को मिल सकता है। चीन के विदेश मंत्री वांग ई को स्टेट काउंसिलर के रूप में चार्ज दिया सकता है, वहीं देश को नया विदेश मंत्री मिल सकता है। इसके अलावा यांग जेइची को सीपीसी के पोलिटब्यूरो में जगह मिल सकती है, जिन्होंने भारत-चीन सीमा वार्ता के लिए स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव के रूप अपनी भूमिका निभाई थी।
शी के 4 नए वाइस प्रिमेयर्स होंगे
इस बदलाव के बाद शी जिनपिंग अपने चार नए वाइस प्रिमेयर्स को टीम में शामिल करेंगे। जो राष्ट्रपति के लोकप्रिय प्रोग्राम जैसे गरीबी उन्मुलन, पर्यावरण रक्षा और अर्थव्यवस्था को गति देने का काम करेंगे। चीन में होने जा रहे इस बड़े बदलाव को देखते हुए विशेषज्ञ मानते हैं कि शी जिनपिंग भ्रष्ट नहीं है और ना ही उन्हें संपत्ति या धन को जरूरत है, लेकिन वे सत्ता के लालची जरूर है। बता दें कि इस प्रस्ताव के बाद चीन के ज्यादातर लोग विरोध भी कर रहे हैं।