इतने पर भी सचिन पायलट को आखिर कांग्रेस क्यों नहीं कर रही पार्टी से बाहर? जानिए वजह
इतने पर भी सचिन पायलट को आखिर कांग्रेस क्यों नहीं कर रही पार्टी से बाहर?
जयपुर। राजस्थान में चल रहे सियासी संकट को पूरे 15 दिन बीत चुके हैं यहां की सियासत में उथल पुथल जारी है। इस पूरे घटनाक्रम पर गौर करें तो राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत लगातार सचिन पायलट के लिए वापसी के सारे रास्ते बंद करने की फिराक में दिख रहे हैं। वहीं सचिन पायलट के बगावती तेवर के बावजूद, कांग्रेस पार्टी आलाकमान ने सचिन पायलट को पार्टी से बाहर निकालने की कार्रवाई अभी तक नहीं की है। ऐसे में सवाल उठता है कि इतना कुछ होने के बावजूद आखिर कांग्रेस सचिन पायलट को पार्टी से बाहर क्यों नहीं कर रही है?
पार्टी से निकालने के बजाय सचिन पायलट को मनाने की हो रही कोशिश
राजस्थान सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोलने के बाद से सचिन पायलट को पार्टी से निकाले जाने के बजाए कांग्रेस के बड़े नेता लगातार उन्हें मनाने की कोशिश कर रहे हैं। राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत अपनी सरकार बचाने के लिए अपने विधायकों को लेकर राजभवन में धरना देने समेत अन्य प्रयास कर रहे हैं। वहीं सचिन पायलट को मनाने के लिए दिल्ली से कांग्रेस के नेता रणदीप सुरजेवाला, अजय माकन और अविनाश पांडेय को भेजा गया है।
कांग्रेस लगातार कह रही कि सचिन पायलट के लिए दरवाजे अभी खुले हैं
रणदीप सुरजेवाला तो पहले दिन से लेकर अब तक कई बार सचिन पायलट से अपील कर चुके हैं कि कांग्रेस में उनके लिए दरवाजे अभी खुले हुए हैं। लेकिन सचिन पायलट हैं जो अपने फैसले पर अटल है उन्होंने अभी तक कांग्रेस की ओर लौटने का कोई संकेत नहीं दिया है। लेकिन शुक्रवार को उन्होंने ये जरुर कहां कि कांग्रेस केवल अशोक गहलोत की पार्टी नहीं है। उन्होंने ये भी बयान दिया कि कांग्रेस के विधायकों की खरीद-फरोख्त केवल कांग्रेस हाईकमान की इमेज खराब करने के लिए है।
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सचिन पायलट को कांग्रेस से न निकाले जाने की ये है खास वजह
सचिन पायलट को जहां तक पार्टी से अभी तक न निकाले जाने की बात है तो सूत्रों की मानें तो कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान सांसद राहुल गांधी सचिन पायलट के खिलाफ कार्रवाई करने के पक्ष में नहीं हैं। यही कारण है कि पार्टी की ओर से अभी तक सचिन पायलट के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। सचिन पायलट का भी कहना है कि उनका विरोध कांग्रेस पार्टी से नहीं बल्कि सीएम अशोक गहलोत है।
कांग्रेस दोहराना नहीं चाहती है ये गलती
सचिन पायलट के खिलाफ कार्रवाई न करने का एक ये भी कारण है कि कांग्रेस अपनी पुरानी गलतियां दोहराना नहीं चाहती है। कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने वाले ज्योतियादित्य सिंधिया भी राहुल गांधी के काफी करीबी थे लेकिन उनकी नाराजगी के प्रति अनदेखी करने की कीमत कांग्रेस को मध्यप्रदेश जैसा महत्वपूर्ण राज्य गवांकर चुकाना पड़ा था।
पायलट कांग्रेस में अपनी संभावनाओं को खत्म भी नहीं करना चाहते हैं
सचिन पायलट की सीधे इच्छा है कि उन्हें राजस्थान का सीएम बना दिया जाए। उनकी इस मांग पर सवाल कांग्रेस आलाकमान के सामने भी है कि जहां सीएम अशोक गहलोत के साथ 100 से ज्यादा विधायक हैं तो वहीं सचिन पायलट के पास सिर्फ 22 विधायक ही हैं ऐसे में सीएम गहलोत को नजरअंदाज करने की भारी गलती काग्रेंस कर नहीं सकती है कि क्योंकि विधायकों की संख्या के आधार पर गहलोत का पलड़ा भारी है। बता दें सचिन पायलट ने पहले ही दिन भाजपा में जाने की बातों को खारिज करते हुए साफ कर दिया था कि उनका भाजपा में जाने का कोई इरादा नहीं हैं साथ ही पायलट कांग्रेस में अपनी संभावनाओं को खत्म भी नहीं करना चाहते हैं।
सीएम गहलोत सत्र बुलाकर खेलना चाहते हैं ये दांव
सूत्रों के अनुसार सचिन पायलट कांग्रेस पार्टी में बने रहे ये अशोक गहलोत नहीं चाहते हैं। यहीं कारण है कि सचिन पायलट को बागी और भाजपा में शामिल होने की बात को लगातार तूल दे रहे हैं। बता दें गहलोत को भी अच्छे से पता है कि वर्तमान समय में सचिन पायलट के बाद कम से कम राजस्थान कांग्रेस में इस समय कोई और नेता नहीं है जो उनको चुनौती दे सके। इसलिए वह सत्र बुलाकर विश्वास मत या पेंडिंग बिलों के पास कराने का दांव खेलना चाहते हैं ताकि सचिन पायलट व्हिप का उल्लंघन करें और उनसे दलबदल कानून के तहत विधानसभा सदस्यता छीन ली जाए। इसके बाद सचिन पर कार्रवाई के लिए वह आलाकमान पर दबाव बना सकें।
राहुल गांधी ने भी राज्यपाल से सत्र बुलाने की, की है मांग
बता दें शुक्रवार को राजस्थान हाईकोर्ट के राज्य में यथास्थिति बनाने के आदेश के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने विधायकों के साथ राजभवन पहुंचे और राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात के बाद विधानसभा का सत्र बुलाने की मांग को लेकर वहीं धरने पर बैठ गए थे। कई घंटे तक गहलोत खेमे के विधायकों ने नारेजबाजी करते हुए धरना दिया। रात करीब आठ बजे कांग्रेस विधायकों ने धरना खत्म किया। इसके बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी राजस्थान राज्यपाल से विधानसभा सत्र बुलाने की सलाह दे डाली। उन्होंने कहा कि राज्यपाल महोदय को विधान सभा सत्र बुलाना चाहिए ताकि सच्चाई देश के सामने आए।
राहुल गांधी ने कहा- राजस्थान राज्यपाल को विधानससभा सत्र बुलाना चाहिए ताकि सच्चाई देश के सामने आए