कोरोना संक्रमित बेटे की मौत पर भाजपा विधायक का आरोप- पुलिस दर्ज नहीं कर रही अस्पताल के खिलाफ केस
कोरोना संक्रमित बेटे की मौत पर भाजपा विधायक का आरोप- पुलिस दर्ज नहीं कर रही अस्पताल के खिलाफ केस
हरदोई, मई 29: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के संडीला विधानसभा क्षेत्र से विधायक राजकुमार अग्रवाल के बेटे आशीष अग्रवाल का 26 अप्रैल को निधन हो गया। आशीष का राजधानी लखनऊ के अथर्व हॉस्पिटल में कोरोना संक्रमण का इलाज चल रहा था, जहां उसका निधन हुआ। आशीष की मौत के बाद बीजेपी विधायक राजकुमार अग्रवाल ने हॉस्पिटल पर ऑक्सीजन नहीं देने के आरोप लगाए थे। वो पिछले एक महीने से केस दर्ज कराने के लिए थाने और अफसरों के कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से लेकर स्वास्थ्य मंत्री से शिकायत की लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है।
हॉस्पिटल
प्रबंधन
ने
दी
सफाई
वहीं,
अब
इस
मामले
पर
अथर्व
हॉस्पिटल
प्रबंधन
ने
भी
अपना
पक्ष
रखा
है।
अथर्व
हॉस्पिटल
के
मालिक
डॉक्टर
संदीप
गुप्ता
ने
बीजेपी
विधयाक
राजकुमार
अग्रवाल
की
ओर
से
लगाए
गए
आरोपों
को
गलत
और
निराधार
बताया।
डॉक्टर
गुप्ता
ने
कहा
है
कि
जिस
दिन
ऑक्सीजन
लेकर
विधायक
आए
थे,
उस
दिन
हमारे
पास
पर्याप्त
ऑक्सीजन
उपलब्ध
थी।
इसके
बावजूद
विधायक
ऑक्सीजन
सिलेंडर
लेकर
आए
थे।
हमने
विधायक
का
सम्मान
रखते
हुए
ऑक्सीजन
सिलेंडर
रख
लिया
जो
करीब
100
लीटर
का
था।
उन्होंने
दावा
किया
कि
हमारे
पास
सीसीटीवी
फुटेज
है
जिसमें
ये
लोग
अस्पताल
के
अंदर
चहलकदमी
करते
हुए
देखे
जा
सकते
हैं।
कहा
कि
ऐसे
में
आरोप
लगाना
गलत
है।
क्या
है
मामला
मीडिया
रिपोर्ट्स
के
मुताबिक,
30
वर्षीय
आशीष
अग्रवाल
कोरोना
संक्रमित
थे,
जिन्हें
22
अप्रैल
को
लखनऊ
स्थित
काकोरी
के
अथर्व
हॉस्पिटल
में
में
भर्ती
करवाया
गया
था।
26
अप्रैल
की
सुबह
बेटे
का
ऑक्सीजन
लेवल
94
था।
वह
खाना
खा
रहा
था
और
सबसे
बातचीत
कर
रहा
था।
शाम
को
अचानक
डॉक्टरों
ने
बताया
कि
आशीष
का
ऑक्सीजन
लेवल
कम
हो
रहा
है।
इस
पर
उनके
दो
अन्य
बेटे
बाहर
से
ऑक्सीजन
सिलिंडर
लेकर
आए
तो
डॉक्टरों
ने
यह
ऑक्सीजन
मरीज
तक
नहीं
पहुंचने
दी।
विधायक
का
आरोप
है
कि
काफी
सिफारिश
के
बाद
भी
ऑक्सीजन
नहीं
ली
गई
और
थोड़ी
देर
बाद
बेटे
आशीष
की
मौत
हो
गई।
लापरवाही
का
लगाया
आरोप
विधायक
राजकुमार
अग्रवाल
का
कहना
है
कि
अस्पताल
की
ओर
से
बरती
गई
लापरवाही
से
उनके
बेटे
की
जान
चली
गई।
किसी
और
के
साथ
ऐसा
न
हो,
इसलिए
अस्पताल
के
खिलाफ
केस
दर्ज
करवाने
के
लिए
काकोरी
थाने
में
तहरीर
दी,
लेकिन
पुलिस
ने
सीएमओ
की
जांच
के
बिना
रिपोर्ट
दर्ज
करने
से
मना
कर
दिया।
विधायक
का
कहना
है
कि
इस
संबंध
में
सीएम
योगी
आदित्यनाथ
से
लेकर
चिकित्सा
स्वास्थ्य
मंत्री
तक
गुहार
लगा
चुके
हैं,
लेकिन
26
अप्रैल
को
दी
गई
तहरीर
पर
अभी
तक
केस
दर्ज
नहीं
किया
गया।
उन्होंने
बताया
कि
इस
सम्बंध
में
उन्होंने
डीजीपी
से
लेकर
पुलिस
कमिश्नर
तक
से
बात
की,
लेकिन
कहीं
सुनवाई
नहीं
हुई।
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क्या
कहा
पुलिस
कमिश्नर
डीके
ठाकुर
ने
पुलिस
कमिश्नर
डीके
ठाकुर
ने
इस
संबंध
में
बताया
कि
हमारे
पास
रिपोर्ट
आई
थी।
इस
तरह
के
मामलों
में
सीएमओ
का
रिकमेंडेशन
जरूरी
होता
है।
कहा
कि
वे
जब
जांच
करके
बताते
हैं
कि
अस्पताल
की
गलती
है
या
नहीं,
उसी
आधार
पर
एफआईआर
दर्ज
की
जाती
है।
पुलिस
कमिश्नर
ने
कहा
कि
ये
प्रक्रिया
कर
दी
गई
है।
जैसे
ही
सीएमओ
की
रिपोर्ट
आ
जाएगी,
हम
आगे
की
कार्यवाही
करेंगे।