Bihar Election Result 2020: इमामगंज से जीतनराम मांझी को फिर मिली जीत, RJD के उदय नारायण चौधरी को 16717 वोटों से हराया
गया। बिहार चुनावा परिणम: गया जिले के इमामगंज विधानसभा सीट से हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रत्याशी जीतन राम मांझी ने जीत हासिल की है। जीतन राम मांझी ने अपने प्रतिद्वंदी उदय नारायण चौधरी को 16717 मतों से हराया। चुनाव में हुई मतगणना के अनुसार 32 राउंड की गिनती होने के बाद जीतन राम मांझी को कुल 78464 मत मिले। जबकि उदय नारायण चौधरी को 62279 मत मिले। इस प्रकार जीतन राम मांझी ने इमामगंज विधानसभा सीट से जीत हासिल की है। मांझी आठवीं बार विधायक का चुनाव जीते हैं। जीतन राम मांझी की जीत के बाद उनके समर्थकों में खुशी का माहौल है।
इससे पहले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री मांझी ने 1980, 1985,1996, 2000, 2005, 2010, 2015 विधानसभा चुनाव जीतने के बाद अब 2020 में आठवीं बार चुनाव जीता है। बिहार की इमामगंज सीट पर जो कि बिहार जिले के अंतर्गत आती है इस पर 28 अक्टूबर को पहले चरण में चुनाव हुए थे। इस सीट पर जीतनराम मांझी मौजूदा विधायक हैं और इस चुनाव में उनके खिलाफ आरजेडी के उदय नारायण चौधरी खड़े हुए थे। बता दें बिहार के 23 वें मुख्यमंत्री बनने के १० महीनों के बाद पार्टी ने उनसे नितीश कुमार के लिये पद छोड़ने को कहा। ऐसा न करने के कारण उनको पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। २० फरवरी २०१५ को बहुमत साबित न कर पाने के कारण उन्होनें इस्तीफ़ा दे दिया। नीतीश कुमार की वापसी के लिए रास्ता बनाने के लिए मजबूर होने के बाद मांझी ने 2015 में जेडी (यू) छोड़ दिया था और उन्होंने एचएएम (एस) का गठन किया और एनडीए के घटक के रूप में 2015 के बिहार विधानसभा चुनावों में 21 सीटों पर चुनाव लड़ा।
बता दें वर्ष 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव में हम पार्टी के प्रमुख जीतनराम मांझी ने जेडीयू के उदय नारायण चौधरी को 29408 वोटों से परास्त किया था। उदय नारायण चौधरी इससे पहले इमामगंज सीट से 7 बार चुनाव जीत चुके हैं और अब आठवीं बार चुनाव जीते हैं। अब तक के काउंटिंग पर गौर करें तो रुझाान के अनुसार एक बार फिर जीतनराम मांझी जीत की ओर आगे बढ़ रहे हैं।
बता दें चुनाव के दौरान हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने स्वर्गीय केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के भारत रत्न दिए जाने की मांग की है। मांझी ने इसको लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को चिट्ठी लिखी थी। मांझी ने कहा था कि भारतीय राजनीति में एक लंबे समय तक जिस तरह से पासवान ने काम किया और कमजोर वर्गों की आवाज उठाई, उसे देखते हुए उनको भारत रत्न मिलना चाहिए।