IPS Asim Arun: कानपुर पुलिस कमिश्नर असीम अरुण, जो अब नौकरी छोड़ सपा के किले को ढहाने में करेंगे योगी की मदद
लखनऊ, 08 जनवरी: देश के सबसे बड़े आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। यूपी में सात चरणों में मतदान होगा। पहला चरण 10 फरवरी से शुरू होगा, जबकि अंतिम चरण 7 मार्च को होगा। इसके बाद 10 मार्च को मतगणना के बाद परिणाम घोषित किए जाएंगे। इस बीच सूबे के पुलिस महकमे से बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है। कानपुर पुलिस कमिश्नर असीम अरुण अपनी नौकरी छोड़कर चुनावी दंगल में जोर आजमाइश करते नजर आएंगे। इसके लिए बकायदा असीम अरुण ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लंबा चौड़ा पोस्ट साझा किया है।
सोशल मीडिया पर खुद दी जानकारी
कानपुर के पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने शनिवार को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) के लिए आवेदन किया है, जिसके बाद उनके विधानसभा चुनाव लड़ने की अटकलों ने जोर पकड़ लिया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर जानकारी देते हुए लिखा, "प्रिय मित्रों, आपको यह अवगत कराना चाहता हूं कि मैने वीआरएस के लिए आवेदन किया है, क्योंकि अब राष्ट्र और समाज की सेवा की सेवा एक नए रूप में करना चाहता हूं। मैं बहुत गौरवान्वित अनुभव कर रहा हूं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुझे भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता के योग्य समझा।"
कन्नौज से लड़ सकते हैं चुनाव
बताया बताया जा रहा है कि उन्होंने शनिवार दोपहर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात की थी, जिसके बाद फेसबुक पर यह पोस्ट साझा किया। ऐसे में अब उनके बीजेपी प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने की खबरों ने जोर पकड़ लिया है। ऐसे में अटकलें लगाई जा रही हैं कि पुलिस कमिश्नर असीम अरुण बीजेपी के प्रत्याशी के रूप में कन्नौज सदर विधानसभा सीट से चुनावी ताल ठोक सकते हैं। बता दें कि आईपीएस अधिकारी का कन्नौज पैतृक गांव है।
जानिए कौन हैं आईपीएस असीम अरुण
एडीसी रैंक के अधिकारी असीम अरुण को सबसे पहले SWAT बनाने का भी श्रेय जाता है। वो 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। पिछले साल मार्च में उन्होंने कानपुर पुलिस कमिश्नर की जिम्मेदारी संभाली ली। इससे पहले असीम अरुण ATS चीफ के पद पर नियुक्त थे। यूपी पुलिस के 'सिंघम' अधिकारियो में उनकी गिनती होती है। उनका जन्म तीन अक्टूबर 1970 को बदायूं में हुआ। असीम अरुण के पिता भी आईपीएस अधिकारी थे। उन्होंने प्रदेश के डीजीपी का पद भी संभाला था।
सपा का अभेद्य किला है कन्नौज
वहीं जिस सीट से असीम अरुण के बीजेपी प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने का चर्चा की जा रही है। अगर उस सीट पर नजर डालें तो कन्नौज सदर विधानसभा सीट को सपा का गढ़ माना जाता है। पिछले बार 2017 में विधानसभा चुनाव के दौरान पूरे प्रदेश में मोदी लहर के बावजूद भाजपा को यहां से हार का मुंह देखना पड़ा था। समाजवादी पार्टी यहां से 2002, 2007, 20012 और 2017 में लगातार चौथी बार विजेता बनकर उभरी है। समाजवादी पार्टी के अनिल कुमार दोहरे 3 बार के विधायक हैं। ऐसे में देखने वाली बात यह है कि सपा का अभेद्य किला माना जा रहा कन्नौज को ढहाने में असीम अरुण सीएम योगी की मदद कैसे करेंगे। अगर सबकुछ ठीक रहा तो।
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