बाबू का कारनामा : SDM के फर्जी साइन करके काटे 3 करोड़ के चेक, मां की मौत बोलकर हुआ अंडरग्राउंड
Jaislmer News in Hindi, जैसलमेर। राजस्थान के जैसलमेर जिले के फतेहगढ़ उपखंड कार्यालय में कार्यरत कार्मिक की ओर से पूर्व उपखंड अधिकारी के कथित तौर पर फर्जी दस्तखत कर करीब तीन करोड़ रुपए की राशि के गबन का मामला सामने आया है।
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विभागीय सूत्र बताते हैं कि समय रहते Jaisalmer Fraud पकड़ में आ जाने से राशि हड़पी नहीं जा सकी और अब इस मामले की जांच जैसलमेर जिला कलक्टर के निर्देशानुसार शुरू कर दी गई है। जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद मामले में अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में पुलिस थाने में भी एफआइआर करवाई जा सकती है। फिलहाल फतेहगढ़ उपखंड कार्यालय में इस मामले को लेकर चुप्पी का माहौल है और कोई कुछ बोलने तक को तैयार नहीं है।
बता दें कि उपखंड कार्यालय में कार्यरत कार्मिक द्वारा पूर्व एसडीएम सुमन सोनल के फर्जी साइन कर पैसे उठाने से पहले ही मामला सामने आ गया है। उपखंड कार्यालय में कार्यरत कार्मिक हरप्रीत सिंह पर आरोप है कि उसने फतेहगढ़ ग्राम पंचायत व देवीकोट ग्राम पंचायत में हाईवे के निर्माण का पैसा उठाने की नियत से चैक पर पूर्व एसडीएम के फर्जी साइन कर दिए। इसके बाद एनएचआई के खाते में पैसे नहीं होने तथा अनुमोदन पत्र नहीं होने से चैक बाउंस हो गए। इसके बाद उपखंड अधिकारी को इसकी जानकारी मिली।
कार्मिक हरलाल द्वारा फतेहगढ़ ग्राम पंचायत के लिए 48 लाख 85 हजार 961 तथा देवीकोट पंचायत के लिए 78 लाख 20 हजार 974 रुपए के चैक काटकर उस पर फर्जी साइन कर दिए गए। लेकिन चैक बाउंस होने से फर्जीवाड़े के प्रयास का खुलासा हुआ। इस संबंध में पूर्व उपखंड अधिकारी सोनल को अवगत करवाया गया, जिस पर उन्होंने बताया कि कोई चैक काटे ही नहीं थे। गौरतलब है कि सुमन सोनल का स्थानांतरण लोकसभा चुनाव 2019 की आचार संहिता लागू होने से पहले राजसमंद जिले के भीम उपखंड में हो चुका है।
फतेहगढ़ एसडीएम कार्यालय में कार्यरत कार्मिक हरप्रीत सिंह पूर्व में जैसलमेर के कलेक्ट्रेट कार्यालय की सामान्य शाखा में कार्यरत था। 2016 में तत्कालीन कलेक्टर ने हरप्रीत सिंह को निलंबित कर मुख्यालय फतेहगढ़ कर दिया। इसके बाद 2017 तत्कालीन एसडीएम की अनुशंसा पर बहाल कर फतेहगढ़ एसडीएम कार्यालय में पोस्टिंग दी गई।
मां की मौत का कहकर गायब हरप्रीत
गबन की जानकारी जब एसडीएम विकास राजपुरोहित को मिली तब उसके बाद उपखंड अधिकारी ने तुरंत हरप्रीत सिंह को बुलाकर पूछताछ शुरू की। इसके बाद कार्मिक अपनी मां के निधन की बात कहकर गायब हो गया। अब हरप्रीत सिंह कहां है इसकी जानकारी विभाग को नहीं है।
सरपंचों
से
डील
की
आशंका
एनएचआई
के
विकास
फंड
को
ग्राम
पंचायतों
को
देने
की
एवज
में
कार्मिक
द्वारा
ग्राम
पंचायतों
के
सरपंचों
से
दस
दस
लाख
रुपए
की
डील
होने
की
बात
सामने
आई
है।
अगर
यह
चैक
बाउंस
नहीं
होता
तो
ग्राम
पंचायत
के
खाते
में
जमा
होता
जहां
से
इनकी
डील
के
मुताबिक
पैसे
की
बंदरबांट
कर
दी
जाती।
पहले भी अधिकारियों के फर्जी साइन कर की सौदेबाजी
अब तक की विभागीय जांच में यह सब बातें सामने आई हैं कि कर्मचारी हरप्रीत सिंह पहले भी कई फर्जी साइन कर करोड़ों रुपए की हेराफेरी कर चुका है। विभागीय जांच में और भी कई मामले खुलने की उम्मीद है। अभी वह ड्यूटी पर नहीं आ रहा है। कार्मिक द्वारा पूर्व एसडीएम के फर्जी हस्ताक्षर कर करोड़ों रुपए के गबन की कोशिश की गई है।
पिछले सप्ताह सामने आए इस प्रकरण के बाद उपखंड कार्यालय फतेहगढ़ में अंदरखाने हडक़ंप मचा हुआ है। यह और बात है कि इस मामले में उपखंड अधिकारी से लेकर अन्य कार्मिक कुछ बताने को तैयार नहीं हैं। वहीं प्रथम दृष्टया जिस काार्मिक पर फर्जीवाड़ा करने का आरोप है, वह इन दिनों छुट्टी पर चल रहा है। पूर्व उपखंड अधिकारी सुमन सोनल ने भी इस मामले की पूरी जांच करवाने की आवश्यकता जताई है।
इस मामले में जैसलमेर जिला कलेक्टर नमित मेहता ने बताया है कि एसडीएम के फर्जी साइन से चेक काटने का मामला सामने आया है। वर्तमान एसडीएम से मामले की जांच करवा रहे हैं। साथ ही फरार चल रहे आरोपी बाबू को उपस्थित होने के लिए कहा गया है। उसके आने के बाद पूछताछ की जाएगी।