बॉर्डर पर तनाव और कोरोना वायरस के बीच भारत से अपने नागरिकों को निकालेगा चीन!
बीजिंग। कोरोना वायरस महामारी के बीच ही लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर तनाव बढ़ता जा रहा है। इसके बीच ही चीन ने भारत में अपने नागरिकों को देश छोड़ने के लिए कह दिया है। चीनी दूतावास पर सोमवार को लगे एक नोटिस में कुछ ऐसी ही बातें कही गई हैं। इस नोटिस के मुताबिक चीन भारत से अपने नागरिकों को निकालने की योजना बना रहा है।
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27 मई तक कराना होगा रजिस्ट्रेशन
जो नोटिस चीनी दूतावास पर लगा है कि उसमें कहा गया है कि छात्र, पर्यटक और बिजनेसमेन जो भारत में फंसे हैं उन्हें स्पेशल फ्लाइट्स से चीन आने की मंजूरी है। फिलहाल इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि अभी कितने नागरिक भारत में पढ़ रहे हैं, रुके हैं या फिर यहां पर काम कर रहे हैं। चीन ने 27 मई तक उन नागरिकों का रजिस्ट्रेशन करने के लिए कहा है जो अपने देश वापस लौटना चाहते हैं। जिन लोगों को वापस लेकर जाया जाएगा उनमें वे चीनी नागरिक भी शामिल हैं जो भारत में योगा की प्रैक्टिस के लिए हैं या फिर बौद्ध धर्म से जुड़े किसी तीर्थयात्रा के मकसद से भारत आए थे। अभी तक नोटिस में यह जानकारी भी नहीं है कि स्पेशल फ्लाइट्स कहां से टेक ऑफ करेंगी।
LAC पर बनी है तनाव की स्थिति
चीन की तरफ से यह नोटिस ऐसे समय में आया है जब भारत और चीन के बीच विवादित सीमा को लेकर पिछले कुछ दिनों से तनाव की स्थिति बनी हुई है। जो नोटिस दूतावास पर लगा है वह मैनड्रिन भाषा में है। इस नोटिस में यह भी कहा गया है कि जो लोग स्पेशल फ्लाइट्स से चीन आना चाहते हैं उन्हें अपने टिकट के पैसे खुद अदा करने होंगे और देश पहुंचने पर 14 दिनों का क्वारंटाइन पीरियड भी पूरा करना होगा। नोटिस में लिखा है, 'विदेश मंत्रालय के संगठित प्रयासों और हालिया घटनाक्रमों के बाद, भारत में चीनी दूतावास और कांसुलेट्स ने छात्रों, पर्यटकों और अस्थायी व्यवसायी तो अपने देश लौटना चाहते हैं, उनकी मदद करेगी।'
चेकअप के बाद ही फ्लाइट की मंजूरी
नोटिस के मुताबिक जो लोग कोविड-19 से संक्रमित हैं या फिर जिन्हें तेज बुखार या खांसी के लक्षण हैं, वो अगले 14 दिनों तक फ्लाइट्स नहीं ले सकेंगे। इसके अलावा मरीजों के संपर्क में आए लोग या फिर जिनका बॉडी टेम्प्रेचर 37.3 डिग्री सेंटीग्रेट से ज्यादा है, उन्हें भी फ्लाइट में बोर्ड करने की मंजूरी नहीं होगी। इसके अलावा चीन जाने वाले लोग ने अगर अपनी मेडिकल हिस्ट्री छिपाई तो फिर उनके खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
अगर छिपाई बुखार की जानकारी तो मिलेगी सजा
नोटिस में कहा गया है, 'अगर पैसेंजर ने अपनी बीमारी या फिर कॉन्ट्रैक्ट हिस्ट्री को छिपाया या फिर क्वारंटाइन निरीक्षण के समय पाया गया कि उसने बुखार या दूसरी कोई दवाई ली है तो फिर जनता की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने वाले अपराध का जिम्मेदार होगा।' भारत पहला देश था जिसने कोविड-19 के दौरान 700 से ज्यादा नागरिकों और विदेशी नागरिकों को हुबेई की राजधानी वुहान से निकाला था। वुहान से ही दिसंबर 2019 में ही कोरोना वायरस सबसे पहले निकला था।