विश्व वन्यजीव दिवस 2021 पर जानें इसका इतिहास, विषय और महत्व
वन्यजीवों के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से हर साल 3 मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस मनाया जाता है।
नई दिल्ली। वन्यजीवों के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से हर साल 3 मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस मनाया जाता है। यह धरती अनेक प्रजातियों का घर है और वन्यजीव पर्यावरण में संतुलन बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। इन जीवों का संरक्षण काफी महत्वपूर्ण है। जैसे-जैसे जंगल काटे जा रहे हैं इन वन्यजीवों को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है। मानव द्वारा अपनी जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से इन वन्यजीवों के क्षेत्रों में लगातार किए जा रहे हस्तक्षेप के कारण कई प्रताजियों विलुप्त होने की कगार पर पहुंच गई हैं। प्रति वर्ष हजारों जीव मानव तस्करी का शिकार बन रहे हैं।
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अगर इसी तरह से वन्य जीवों को शिकार बनाया गया तो इससे धरती के ईकोसिस्टम पर बहुत हानिकारक प्रभाव पड़ेगा और आने वाले समय में इसके गंभीर दुष्परिणाम देखने को मिल सकते हैं। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए और वन्यजीवों के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से 3 मार्च का दिन विश्व वन्यजीव दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन समाजिक कार्यकर्ता विलुप्त हो रहे वन्य जीवों और जंगली पौधों के प्रति लोगों को जागरूक करने का प्रयास करते हैं। लोगों के समक्ष शहरीकरण, वन्यजीवों के अवैध शिकार, वन्यजीवों के निवास स्थान को नष्ट करने जैसे मुद्दों को उठाया जाता है और बताया जाता है कि लोग कैसे इन जीवों को बचाने में अपना योगदान दे सकते हैं। इस बार विश्व वन्यजीव दिवस का विषय 'वन और आजीविका: स्थायी लोग और ग्रह।' रखा गया है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि वन्य जीवों और वन्य पौधों के अस्तित्व को बचाने के लिए हमें किन कदमों को उठाने की जरूरत है।
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विश्व वन्यजीव दिवस का इतिहास
20 दिसंबर 2013 को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 68वें सत्र में 3 मार्च के दिन को विश्व वन्यजीव दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। विश्व वन्यजीव दिवस वन्यजीवों को समर्पित सबसे महत्वपूर्ण वैश्विक वार्षिक घटनाओं में से एक बन गया है। हमें इस दिवस की महत्ता को गहराई से समझने की आवश्यकता है। अगर हम नहीं चेते तो वह दिन दूर नहीं जब ये वन्यजीव प्रजातियां पूरी तरह से विलुप्त हो जाएंगी।