जानिये वित्तीय घाटे के बीच भारतीय रेल को क्या दे सकते हैं प्रभु
नई दिल्ली। मोदी सरकार का दूसरा रेलवे बजट 25 फरवरी को रेल मंत्री सुरेश प्रभु सदन में पेश में करेंगे। लेकिन उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती इस बजट में भारतीय रेल को कर्ज से उबारना होगा।
10 फीसदी बढ़ सकता है किराया
10 फीसदी बढ़ सकता है किराया
पिछले वर्ष 2016 का वित्तीय लक्ष्य हासिल करने में भारतीय रेल असफल रहा है ऐसे में कयास यह भी लगाये जा रहे हैं कि तकरीबन 10 फीसदी तक का रेल किराया बढ़ाया जा सकता है। लेकिन किराया बढ़ाना सरकार के लिए बड़ी राजनैतिक संकट का विषय बन सकता है। एक रिपोर्ट की मानें तो रेल वित्तीय वर्ष 2015-16 में 1,80,000 करोड़ रुपए के लक्ष्य को हासिल करने में विफल रही है। 12 महीनों के भीतर इस लक्ष्य को हासिल करने में रेलवे पीछे रह गया है।
3.77 फीसदी का हुआ नुकसान
रेलवे को इस वित्तीय वर्ष में अपने लक्ष्य 141416.05 करोड़ की तुलना में 136079.26 करोड़ रुपए की कमायी हुई है जोकि 3.77 फीसदी कम है। बहरहाल माना जा रहा है कि सुरेश प्रभु इस बार 1.25 लाख करोड़ रुपए का रेलवे बजट पेश कर सकते हैं। सुरक्षा, रेलवे का इलेक्ट्रिफिकेशन और रेलवे ट्रैक को डबल किये जाने सहित रेलवे ट्रैफिक को बेहतर बनाना रेल मंत्री का बजट का मुख्य मुद्द होगा।
18 राज्यों को लिख चुके हैं मदद के लिए पत्र
रेल मंत्री रेल के बजट को घाटे से निकालने के लिए देश के 18 राज्यों को संयुक्त अभियान के जरिए रेल प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए पत्र भी लिखा है। महाराष्ट्र, ओडिशा, केरल, आंध्र प्रदेश सहित कुल छह राज्यों ने रेलवे के साथ साझा कार्यक्रम के लिए एमओयू भी साइन कर लिये हैं।
नयी ट्रेनों को मिल सकता है तोहफा
माना जा रहा है कि लगातार दूसरे बजट में भी सुरेश प्रभु नयी ट्रेनों का ऐलान कर सकते है। इस बार माल ढोने के लिए प्रीमियम हाई स्पीड ट्रेन का ऐलाान किया जा सकता है। वित्तीय कोष को बढ़ाने के लिए रेलवे नयी ट्रेनों का भी ऐलान कर सकता है। इसमें मुंबई के लिए सबअर्बन एसी ट्रेन सहित कई अन्य ट्रेने शामिल हो सकती हैं।
पर्यावरण के लिए भी हो सकता है ऐलान
माना जा रहा है कि ग्रीन स्टेशन मुहिम के तहत इस बार 400 रेलवे स्टेशनों को प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी के तहत इनवॉयरमेंट फ्रैंडली बनाने का भी ऐलना हो सकता है। इसके तहत सौर उर्जा, जल संचयन, उर्जा का संचयन और एलईडी बल्ब का इस्तेमाल का ऐलान बजट में हो सकता है।