दिल्ली के अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए डेडिकेटेड बेड केवल 44 % खाली
नई दिल्ली। पिछले कुछ दिनों में राजधानी दिल्ली में कोरोना के मामलों में तेजी आई है और संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 1154 तक जा पहुंची है। ऐसे में सरकार के सामने चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए दिल्ली के राम मनोहर लोहिया और सफदरजंग अस्पताल को नोडल सेंटर बनाया गया था। हालांकि, अब कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए एलएनजेपी अस्पताल सबसे बड़ा और डेडिकेटेड अस्पताल है। राजधानी दिल्ली में कोरोना के मरीजों के लिए कुल 2406 बेड हैं।
केवल 44% बेड ही खाली
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, कोविड-19 अस्पतालों को लेकर सामने आई जानकारी के आधार पर कोरोना मरीजों के इलाज के लिए डेडिकेटेड कुल संख्या के केवल 44% बेड ही खाली हैं। बताया जा रहा है कि ये प्रतिशत और भी कम हो सकता है अगर क्वारंटाइन किए गए 2000 लोगों में से कुछ पॉजिटिव पाए गए, क्योंकि तब उनको अस्पतालों में शिफ्ट करना होगा। एक सीनियर अधिकारी ने बताया, 'हम इस वक्त कोरोना संक्रमण के दूसरे चरण में हैं और अभी तक संक्रमण उनमें ही पाया गया है जिनकी ट्रेवल हिस्ट्री रही है या फिर वे संक्रमित मरीजों के संपर्क में आए हैं। अगर ये कम्युनिटी लेवल पर संक्रमण बढ़ा तो और अधिक बेड की आवश्यकता होगी।'
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जीबी पंत अस्पताल को प्लान से अलग किया गया
दिल्ली सरकार ने शुरू में एलएनजेपी अस्पताल और जीबी पंत अस्पताल को मिलाकर कोविड-19 मरीजों का इलाज करने का प्लान बनाया था, लेकिन अन्य मरीजों को हो रही दिक्कतों के कारण सरकार ने जीबी पंत अस्पताल को इससे अलग कर दिया। पिछले हफ्ते जारी किए गए एक आदेश में दिल्ली सरकार ने कहा था कि ओपीडी क्षेत्र का इस्तेमाल करते हुए लोकनायक अस्पताल में 500 अतिरिक्त बेड के इंतजाम किए जाएंगे। इसके बाद सरकार ने रविवार को नया आदेश जारी किया, जिसमें गुरु नानक आई सेंटर के अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे लोक नायक अस्पताल के हेड को तुरंत 200 से अधिक बेड उपलब्ध कराएं।
एलएनजेपी अस्पताल में सबसे ज्यादा मरीज भर्ती
राजधानी में कोरोना वायरस के कारण 24 लोगों की मौत हुई है। अस्पतालों की बात करें तो इस वक्त एलएनजेपी अस्पताल में 746 मरीज भर्ती हैं जबकि यहां वर्तमान में 1200 बेड की क्षमता है। राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में 230 की क्षमता है और यहां 200 मरीज भर्ती हैं। इसी तरह जीटीबी में 80 मरीज भर्ती हैं जबकि यहां 350 बेड की क्षमता है। आरएमएल में 66 बेड की क्षमता है और यहां 36 मरीज भर्ती हैं। एलएचएमसी में 19 मरीज भर्ती हैं जबकि यहां 50 की क्षमता है। सफदरजंग अस्पताल में 60 बेड की क्षमता है और यहां 31 मरीज भर्ती हैं। इसी तरह एम्स में 178 मरीज भर्ती हैं। इसके अलावा निजी अस्पतालों में 60 मरीज भर्ती हैं। इस तरह कुल 2406 में से 1350 बेड मरीजों को अलॉट किए जा चुके हैं।