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यूपी: करीना के लिये जैनरेटर बैकअप, छात्रों के लिये लालटेन

By Ajay
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जनवरी 2016: उत्तर प्रदेश के सैफई में महोत्सव का आयोजन हुआ, जिसमें सैफ-करीना, जैकलीन, सोनाक्षी समेत कई बॉलीवुड सितारों ने ठुमके लगाये और सपा नेताओं समेत स्थानीय लोगों ने जमकर मजे उठाये। इन रंग में भंग पड़ सकता था, अगर रात को बिजली चली जाती। तो क्या होता- मुख्यमंत्री समेत बॉलीवुड के तमाम सितारे परेशान होते। जनवरी में गर्मी नहीं होती, लेकिन हां अंधेरा तो सताता ही। और बिन बिजली हाई-पावर साउंड सिस्टम धरे के धरे रह जाते।

Saifai Mahotsava

इसीलिये- प्रदेश सरकार ने बाहर से बड़े-बड़े जैनरेटर सेट मंगवाये। जब-जब बिजली गई, तब-तब हाई वोल्टेज बिजली सप्लाई इन जैनरेटरों से की गई। और म्यूजिक बजती रही लोग झूमते रहे।

फरवरी-मार्च 2016: उत्तर प्रदेश शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की परीक्षाएं होनी हैं। इस बार 172 ऐसे केंद्र बनाये गये हैं, जहां बिजली की सप्लाई ही नहीं है। यानि ये वो विद्यालय हैं, जहां पंखा तो दूर बल्ब भी नहीं लगा है।

इसीलिये- प्रदेश सरकार ने 16 जनवरी को एक शासनादेश जारी किया है, जिसमें सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं, कि उन स्कूलों में मिट्टी के तेल की आपूर्ति की जाये, जहां बिजली नहीं है। ताकि छात्रों को परीक्षा देने में कोई दिक्कत नहीं हो।

School in UP

लालटेन में होगी यूपी बोर्ड परीक्षाएं!

जी हां मान गये अखिलेश सरकार को, जिसने छात्रों पर इतना बड़ा अहसान कर डाला। इस अहसान का बदला ये दसवीं-बारहवीं के छात्र वोट के रूप में नहीं चुका सकते, क्योंकि ये अभी बालिग नहीं हुए हैं। लेकिन कहीं न कहीं इन बच्चों को अफसोस तो होगा ही, कि खुद के लिये जैनरेटर बैकअप लगाते हैं और हमारे लिये लालटेन!

यूपी में मार्च का तापमान

मौसम विभाग से प्राप्त पिछले 10 सालों के आंकड़ों का औसत निकालें तो यूपी में मार्च का अधिकतम तापमान 34 से 35 डिग्री सेल्सियस तक रहता है। अब सोचिये, अंधेरा होने पर सरकार लालटेन तो जला देगी, लेकिन गर्मी बढ़ने पर पंखें कौन हांकेगा। हूं! अगर छात्रों की इतनी ही फिक्र होती तो बिजली रहित स्कूलों में परीक्षा केंद्र बनाती ही नहीं।

Janeshwar Mishra Park

जनेश्वर पार्क के लिये 128 करोड़ और स्कूल के लिये?

क्या करें, मैंने सोचा था यह लेख यहीं पर समाप्त हो जायेगा, लेकिन "बिजली रहित स्कूल" शब्द सुनकर ही ताज्जुब होता है। ताज्जुब इसलिये क्योंकि पिछले पांच सालों में सरकार ने जनेश्वर मिश्र पार्क पर 128 करोड़ रुपए खर्च कर दिये, लेकिन स्कूलों में बिजली की व्यवस्था नहीं हो पायी।

अब अगर आप यह कह रहे हैं कि यूपी के पास पहले ही बिजली की कमी है, इन स्कूलों को कहां से देते, तो फिर एक सवाल उठता है। वो यह कि हर रात जगमगा उठने वाले जनेश्वर मिश्र पार्क के लिये सौर्य ऊर्जा संयंत्र लगाये जा सकते हैं, तो इन स्कूलों के लिये क्यों नहीं?

English summary
Uttar Pradesh government ordered all DMs to provide kerosene for UP Board exams. Same govt provided full generator backup in Safai Mahotsava. See the difference.
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