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Kavi Krishna Mitra: 'समर्पण में कोई कमी रह गई'... आजीवन अटल रही मित्र कृष्ण की दोस्ती

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Kavi Krishna Mitra: आज साहित्य और काव्य पटल के उस नगीने ने दुनिया को अलविदा कह दिया, जिसके शब्द लोगों के अंदर जोश भर देते थे। जी हां यहां बात हो रही है लोकप्रिय कवि कृष्ण मित्र की, जिनकी लेखनी ने हिंदी साहित्य के मंच पर गाजियाबाद को भी नई ऊंचाई दी। लालकिले पर 16 बार काव्यपाठ कर चुके वरिष्ठ पत्रकार और जनजागरण के कवि कृष्ण मित्र का आज 91 साल की उम्र निधन हो गया। वो लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे। अपने पीछे वो अपनी दो बेटियां और एक बेटे को छोड़ गए हैं। उनके बेटे हिमांशु लव गाजियाबाद के पार्षद हैं।

कविताओं से लगाव बचपन से था...

कविताओं से लगाव बचपन से था...

विनोदप्रिय, शांत चित्त लेकिन वीर रस कविताएं लिखने वाले कृष्ण मित्र का पूरा परिवार भारत-पाक विभाजन के बाद गाजियाबाद में बस गया था। कविताओं से लगाव उन्हें बचपन से था और देश के ताजा हालातों पर उनका दिल बेचैन हो उठता था, जिसके चलते कवि हृदय कृष्ण पत्रकार बन बैठे और नौकरी की तलाश में वीर अर्जुन अखबार के दफ्तर जा पहुंचे, ये बात साल 1952 की है, जहां के सिटी एडिटर भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी थे।

साल 1952 में हुई थी अटल बिहारी से पहली मुलाकात

साल 1952 में हुई थी अटल बिहारी से पहली मुलाकात

यहीं पहली बार कृष्ण की पहली मुलाकात अटल बिहारी से हुई थी। अटल बिहारी ने बातों-बातों ही में उनका साक्षात्कार ले लिया था और उन्हें नौकरी दे दीथी। यहीं से अटल और कृष्ण की दोस्ती हुई , जो आजीवन अटल ही रही। दोनों ही कवि हृदय और दोनों ही सोच देशहित के लिए काम करने की, बस इस सोच ने दोनों को एक-दूसरे का परम मित्र बना दिया। आपको जानकर हैरत होगी कि कृष्ण लाल को मित्र उपनाम बाजपेयी ने ही दिया था।

'अटल ने हमेशा मुझे मित्र बुलाया...'

'अटल ने हमेशा मुझे मित्र बुलाया...'

एक इंटरव्यू में कृष्ण मित्र ने कहा था मेरा नाम तो कृष्ण लाल मित्र था लेकिन अटल बाजपेयी ने कहा कि कृष्ण अपने नाम के बीच से लाल हटा दो कृष्ण मित्र ही अच्छा लगता है। बस उस दिन से मैं कृष्ण मित्र हो गया। अटल ने हमेशा मुझे मित्र बुलाया, उन्होंने कभी भी मुझे कृष्ण कहकर संबोधित नहीं किया। बाजपेयी के निधन पर कवि ने कहा था कि 'आज मैंने अपने जीवन की रौनक खो दी। मुझे गर्व है कि मैं उनका आजवीन मित्र रहा।'

भावनाओं का भी सैलाब

भावनाओं का भी सैलाब

कवि कृष्ण मित्र की कलम हर ज्वलंत मुद्दे पर चली तो वहीं उनकी लेखनी में भावनाओं का भी सैलाब देखा जा सकता है।...

उनकी रचनाएं

महंगाई के प्रश्न पर आंदोलित है देश..

निर्णय भारत बांध का देता ये सन्देश,
देता ये सन्देश हुए संयुक्त प्रदर्शन,
राजनीती ने भुला दिए सारे आकर्षण
असमंजस का दौर चतुर्दिक दिया दिखाई
पूछ रहा है देश बढ़ी क्यूंकर महंगाई ...( कृष्ण मित्र)

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सुनाये विरह के बहुत गीत तुमने,
मगर मैं मिलन की कहानी कहूंगा
ह्रदय में लिखी जो तुम्हारी कहानी
उसे आज अपनी जबानी कहूंगा.... ( कृष्ण मित्र)

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महानगर बनते गए कंक्रीट की खान, ये पथरीले शहर हैं गंधहीन उद्यान !! - ( कृष्ण मित्र)

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तुम्हें देखकर मुझको यूं लग रहा है..समर्पण में कोई कमी रह गयी है - ( कृष्ण मित्र)

 I Love You Rasna: क्या है 'रसना' का मतलब? लोगों ने इसे क्यों कहा आईलवयू? I Love You Rasna: क्या है 'रसना' का मतलब? लोगों ने इसे क्यों कहा आईलवयू?

English summary
Kavi Krishna Mitra was close friend Atal Bihari Vajpayee. he Passed away in ghaziabad. here is some Interesting Facts.
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