Bhind news: 'भूरा माहू' से किसानों की फसल हो रही खराब, कृषि विभाग भेजेगा वैज्ञानिक
Bhind में भूरा माहू के प्रकोप की वजह से किसानों की फसल चौपट हो रही है। किसानों की धान की फसल में भूरा माहू नाम का कीड़ा लग गया है। इस वजह से किसानों की खेतों में खड़ी तैयार फसल खराब हो रही है। किसानों ने इसके लिए कृषि विभाग से मदद मांगी है। कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही किसानों के खेतों में इस बीमारी के बारे में जानकारी लेने के लिए वैज्ञानिकों का एक दल भेजा जाएगा।

गोहद इलाके में दिख रहा है भूरा माहू का प्रकोप
गोहद इलाके में धान की फसल की जाती है। यहां के तकरीबन 1 सैकड़ा गांव में धान उगाया जाता है लेकिन बीते 10 दिनों से धान की फसल पर भूरा माहू की बीमारी लग गई है। भूरा माहू की चपेट में आने से धान की फसल लगातार खराब हो रही है। भूरा माहू लग जाने की वजह से खेतों में तैयार खड़ी धान की फसल का दाना खराब होता जा रहा है और किसान यह सब देखने के लिए मजबूर हैं।
10 दिनों पहले ही शुरू हुई है भूरा माहू की बीमारी
किसानों ने पूरी मेहनत करके धान की फसल पैदा की थी। किसानों को उम्मीद थी कि इस बार अच्छी फसल होने की वजह से उन्हें दाम अच्छे मिलेंगे जिससे उनके आर्थिक स्थिति सुधर सकेगी लेकिन बीते 10 दिन से किसानों के इस सपने पर पानी फिर गया है क्योंकि भूरा माहू ने किसानों की खेतों में खड़ी धान की फसल पर अपना असर दिखा दिया है। इस वजह से किसानों की फसल खराब हो रही है।
रोग लगने के बाद दवा का नहीं होता असर
भूरा माहू से फसल को बचाने के लिए दवा का छिड़काव किया जाता है लेकिन अगर एक बार भूरा माहू का हमला फसल पर हो गया तो फिर उसकी रोकथाम करना मुश्किल हो जाता है। जिन किसानों के खेतों में भूरा माहू पहुंच चुका है उन किसानों को फसलों का नुकसान होना लगभग तय है।
कृषि विभाग भेजेगा वैज्ञानिकों की टीम
किसानों ने अपनी फसल बचाने के लिए कृषि विभाग के अधिकारियों से गुहार लगाई है। कृषि विभाग के अधिकारी अब गोहद में वैज्ञानिकों की एक टीम भेजेंगे। यह वैज्ञानिकों की टीम मौके पर जाकर यह देखेगी कि किसानों की खराब हो रही फसल को किस तरह से बचाया जा सकता है और अन्य क्षेत्रों में भूरा माहू को पहुंचने से किस तरह रोका जा सकता है