लंदन में सुपुर्द-ए-खाक हुए महान चित्रकार एम.एफ. हुसैन
हालांकि भारत ने कोशिश की उनका महान चित्रकार मरने के बाद ही सही अपनी धरती पर वापस आ जाये लेकिन परिवार वालों ने अपने पिता की अंतिम इच्छा का मान रखते हुए लंदन की धरती ही उनके शरीर को दे दी। दरअसल हुसैन साहब की इच्छा थी कि उन्हें वहां दफनाया जाये जहां उन्होंने अंतिम सांसे ली हों। इसलिए परिवार वालों ने हुसैन जी की बात का मान रखा और उन के शव को दक्षिण लंदन के सरी में ब्रुकवुड सीमेटरी में दफना दिया।
चित्रकार को अंतिम विदाई देने के लिए भारत की ओर से मशहूर बिजनेस मैन लक्ष्मी मित्तल और गोपी हिंदुजा समेत 50 लोग पहुंचे थे। भारत सरकार की तरफ से उच्चायुक्त नलिन सूरी भी अंतिम संस्कार का हिस्सा बने। हुसैन साहब से पहले ब्रुकवुड सीमेटरी में 1918 में रतनजी दादाभाई टाटा को दफनाया गया था।
गौरतलब है कि चित्रकार मकबूल फिदा हुसैन का देहांत लंदन के अस्पताल में गुरूवार सुबह 8.30 बजे हो गया था। वो 96 साल के थे। उनकी मृत्यु के बाद भारत सरकार ने उनके परिवार को प्रस्ताव दिया था कि वो हुसैन साहब को उनके देश में ससम्मान दफनाना चाहते हैं। जिसे उनके परिवार वालों ने नहीं स्वीकारा।