यूपी: अर्द्धनग्न होकर शिक्षामित्रों ने भरी हुंकार, कहा 50000 से कम नहीं
समान काम के लिए समान वेतन की मांग को लेकर मिर्जापुर कलक्ट्रेट पर आंदोलनरत शिक्षामित्र गुरुवार को और उग्र हो गए।
मिर्जापुर/संभल/मुरादाबाद/वाराणसी/बरेली/इलाहाबाद/हरदोई। समान काम के लिए समान वेतन की मांग को लेकर मिर्जापुर कलक्ट्रेट पर आंदोलनरत शिक्षामित्र गुरुवार को और उग्र हो गए। अपनी मांगों के समर्थन में अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किया। साथ ही दिनभर कुछ शिक्षामित्र बनियान पहन कर तो कुछ नंगे बदन धरने पर बैठे रहे। धरने में शामिल होने के लिए जिले के कोने-कोने से महिला-पुरूष शिक्षामित्रों ने भाग लिया। इस दौरान सभाकर सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया। नारेबाजी करते हुए कहा 10 हजार में दम नहीं, 50 हजार से कम नहीं। सभा के दौरान वक्ताओं ने सरकार के दस हजार के मानदेय पर बतौर शिक्षामित्र मूल विद्यालयों पर वापसी के फैसले को एकतरफा करार दिया। वक्ताओं ने कहा 23 अगस्त को शासन की ओर से संयुक्त समायोजित शिक्षक/शिक्षामित्र संघर्ष मोर्चा के प्रतिनिधियों से बात कुछ और की और फैसला कुछ दूसरा ही लिया गया। आरोप लगाया कि शासन ने फैसला लेते वक्त मोर्चा के लोगों को विश्वास में नहीं लिया।
हरदोई में शिक्षामित्रों का हल्ला बोल
सहायक अध्यापक पद पर समायोजन रद्द होने और उसके बाद यूपी सरकार की शिक्षमित्रों को दस हजार रुपए मानदेय देने की घोषणा के बाद हरदोई में शिक्षमित्रों ने अपने आंदोलन के दूसरे दिन सड़कों पर उतर कर अर्धनग्न तरीके से प्रदर्शन करके सड़क पर जाम लगा दिया। चिलचिलाती धूप और भीषण गर्मी में केंद्र और प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सैकड़ो की संख्या में सड़क पर उतरे शिक्षामित्रों ने शहर की सड़कों पर पहले अर्धनग्न होकर जलूस निकाला और उसके बाद सड़क जाम। पुलिस प्रशासन के काफी समझाने पर शिक्षामित्रों ने जाम खत्म किया। शिक्षमित्रों ने अब इसके बाद उग्र प्रदर्शन की चेतावनी दी है।
वाराणसी में पुतला जलाकर किया विरोध
योगी सरकार में नए 10000 के मानदेय को लेकर सड़को पर उतरे शिक्षा मित्रो का प्रदर्शन रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है। बनारस में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय के काशी में आगमन पर शिक्षामित्रों में उनके काफिले को रोकने के लिए हजारों की संख्या में शिवपुर बाजार में अपना विरोध जताते हुए घण्टों चक्का जाम किया जिसके कारण हवाई अड्डे से शहर आने वाले मार्ग पर जाम गए। वहीं आज अपना विरोध जताते हुए शिक्षा मित्र बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंच गए और उन्होंने अपर शिक्षा सचिव का पुतला जलाकर अपना विरोध दर्ज कराया। इन शिक्षामित्रों की मांग है कि इन्हें भीख नहीं बल्कि नौकरी चाहिए।
बरेली में शासनादेश को फूंका
बरेली में शिक्षा मित्रों ने योगी सरकार के उस फैसले पर विरोध जताया है जिसमें सरकार ने शिक्षामित्रों का मानदेय 3500 से बढ़ाकर 10 हजार रुपए करने का एलान किया था । शिक्षामित्र आज बड़ी संख्या में बीएसए दफ्तर में एकत्र हुए और सरकार के उस आदेश की कॉपी जलाकर अपना विरोध जताया। शिक्षामित्रों का इस सम्बन्ध में कहना था कि सरकार उनके साथ धोखा कर रही रही। वह चाहते हैं कि उन्हें पूर्व की तरह सम्मान के साथ वेतन मिले। शिक्षामित्र संगठन में मीडिया प्रभारी चरण सिंह ने बताया कि आज शिक्षामित्रों ने अपना विरोध जताने के लिए उस आदेश की कॉपी को जलाया है जिसमें लिखा गया है कि शिक्षा मित्रों का वेतन 3500 से बढ़ाकर से 10000 रुपए किया गया है। शिक्षामित्रों का प्रदर्शन लगातार चलता रहेगा जब तक सरकार उन्हें पूर्व की तरह सहायक अध्यापक और समान वेतन नहीं देती। शिक्षामित्रों ने इस सम्बन्ध में एसीएम अरुणमणि त्रिपाठी को अपनी मांगों के समर्थन में एक मांग पत्र भी सौपा।
मुरादाबाद, संभल में आरपार के मूड में शिक्षा मित्र
सूबे में शिक्षा मित्रों का धरना एक बार फिर शुरू हो गया है। करीब दो सप्ताह से शांत बैठे शिक्षामित्र आज फिर सड़कों पर उतर आये। दरअसल पिछले दिनों लखनऊ में प्रदर्शन के दौरान सीएम योगी से वार्ता के बाद शिक्षामित्र काम पर लौट आये थे लेकिन मंगलवार को कैबिनेट ने शिक्षामित्रों को मूल पद पर वापसी करते हुए उनका मानदेय दस हजार निश्चित कर दिया और अगस्त महीने से उन्हें दस हजार रुपये ही मिलेंगे। इसके विरोध में शिक्षा मित्र आन्दोलन पर उतर आये हैं। उनके मुताबिक वे अब इसके लिए आर या पार की लड़ाई लड़ेंगे।
संभल के बहजोई स्थित मुख्यालय पर शिक्षामित्र संघ संभल ने वीएसए कार्यालय के सभी आफिसो में लगाया ताला लगा दिया और उसके बाहर धरने पर बैठ गए। शिक्षामित्रो का कहना है कि हमें 10000 रुपये मानदेय किसी भी सूरत में मंजूर नहीं। हमें अपना पुराना सम्मान वापस चाहिए। हम मरने और जेल जाने से भी बिल्कुल डरने वाले नही । बीएसए ऑफिस के अधिकारी कर्मचारी सभी कार्यालयों से बाहर ही रहे। उनको ऑफिसों में नहीं घुसने दिया। विभाग का कामकाज प्रभावित रहा। शिक्षामित्रों के बिगड़ते तेवर देख बीएसए आफिस के बाहर पुलिस फ़ोर्स तैनात कर दिया गया। शिक्षामित्रों को समझाने को एसडीएम चंदौसी अमित कुमार सीओ चंदोसी मौके पर पहुंचे लेकिन शिक्षा मित्र अपनी मांगो पर अड़े रहे ।एसडीएम के तमाम प्रयासो के बाद भी बीएसए कार्यालय नही खुलने दिया गया।
इलाहाबाद पर शिक्षामित्रों का प्रदर्शन
सहायक अध्यापक पद पर वापस समायोजन की मांग पर अड़े शिक्षामित्रों का प्रदर्शन एक बार फिर प्रदेशव्यापी हो चला है। यूपी के अलग अलग शहरों में सुबह से ही धरना, पैदल मार्च और विरोध प्रदर्शन चल रहा है। इलाहाबाद स्थित सर्व शिक्षा अभियान कार्यालय पर सुबह से ही सैकड़ों की संख्या में शिक्षामित्र जमे हुये हैं। हालात को बिगड़ने से रोकने के लिये पुलिस ने कार्यक्रम स्थल की घेराबंदी कर ली है। वक्ता लगातार प्रशासन को चेतावनी दे रहे हैं, कि इस तरह पुलिस लगाकर उनकी आवाज को न दबाया जाये नहीं तो प्रदर्शन बढेगा। शिक्षामित्रों का कहना है कि भाजपा सरकार ने वादाखिलाफी की है। योगी गुरू थे हम भी गुरूजन, योगी अगर राजयोग हैं थे हम भी कर्मयोगी। फिर ऐसी बर्बरता क्यों।
शिक्षामित्रों ने अध्यादेश लाकर सभी शिक्षामित्र को सहायक अध्यापक पद पर समायोजित करने की मांग दोहराई। साथ ही दस हजार रूपए दिये जाने पर सवाल उठाते हुये कहा कि जब यही करना था तो पहले ही कर देते। ये कमेटी और गहन चिंतन का ढोंग क्यों रचा जा रहा है। देर शाम शिक्षामित्र पैदल मार्च निकालने की तैयारी करते रहे।
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