राजस्थान : वीर जवानों की पत्नियों ने मनाया करवा चौथ, छलनी में तस्वीर देखकर की लंबी उम्र की कामना
झुंझुनूं। 4 नवंबर 2020 को देशभर में करवा चौथ मनाया गया है। सुहागिन महिलाओं ने उपवास रख और सज-धजकर छलनी में चेहरा देख पति की लंबी उम्र की कामना की। राजस्थान के झुंझुनूं जिले में वीर जवानों की पत्नियां भी धूमधाम से करवा चौथ का त्योहार मनाती हैं। झुंझुनूं देश में सर्वाधिक फौजी देने वाला जिला है। करवा चौथ को यहां सरहद पर तैनात फौजियों की पत्नियों के साथ-साथ शहीद हो चुके जवानों की वीरांगनाएं भी यह पर्व मनाती हैं।
फौजियों के परिवारों में करवा चौथ को लेकर उत्साह
देश के अन्य हिस्सों की तरह ही झुंझुनूं के फौजी परिवारों में भी करवा चौथ को लेकर खासा उत्साह रहता है। देश की रक्षा के लिए तैनात जवानों की पत्नी व शहीद वीरांगनाएं दिनभर भूखी प्यासी रहकर पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। इनके लिए त्योहार केवल सजने-संवरने का ही पर्व नहीं है, बल्कि करवा माता में पूरी तरह से आस्था रखकर अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त करने का त्योहार है।
ऐसे करती हैं 'अपने चांद' के दीदार
करवा चौथ पर सामान्य घरों में सुहागिन महिलाएं चांद निकलने पर छलनी में दीया रखकर सामने खड़े पति का चेहरा देखकर उनकी दीर्घायु के लिए भगवान से प्रार्थना करती हैं। वहीं, शहीद वीरांगनाएं और सीमा पर तैनात जवानों की पत्नियां उनकी तस्वीर सामने रखकर 'अपने चांद' का दीदार करती हैं।
वीर भूमि झुंझुनूं में अद्भुत परम्परा
बता दें कि शेखावाटी अंचल की वीर भूमि झुंझुनूं में की अद्भुत परम्परा ही है कि यहां के जवान जब बार्डर पर मां भारती की रक्षा के लिए कंपकंपाती ठंड में हाथ में बंदूक लिए खड़ा होते हैं तो उनकी पत्नियां करवा चौथ का व्रत कर सुहाग की सलामती की दुआ मांगती हैं। यही वजह है कि दुश्मनों से लोहा लेते हुए शहीद हो चुके शेखावटी के जवानों की पत्नियां भी करवा चौथ का व्रत करती हैं।
पति की फोटो का दीदार करके ही उपवास खोलती हैं
मीडिया से बातचीत में कैप्टन प्रताप सिंह पूनिया की पत्नी संपत्ति देवी बताती हैं कि जब पति साथ नहीं हो तो किसी भी त्योहार के लिए उतनी उत्सुकता नहीं रहती है, लेकिन करवा चौथ का व्रत पति की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है। इसलिए करवा चौथ को वे पूरे धूम-धाम से मनाती हैं। पति की फोटो का दीदार करके ही उपवास खोलती हैं।
उनकी रूह आज भी अमर....
वहीं, झुंझुनूं की शहीद वीरांगनाओं का मानना है कि भले ही उनके पति अब ना रहे हों, लेकिन उनकी रूह आज भी अमर है। उसी के वे करवा चौथ का व्रत करती हैं। हाथों में पूजा की थाली, सामने शहीद पति की तस्वीर और उनके प्रेम में जगमगाता दीपक, अजर अमर पति को निहारती वीरांगना की आंखें। करवा चौथ पर ऐसा दृश्य देखकर भले ही परिवारवालों की आंखों में आंसू आ जाए, लेकिन ये वीरांगनाएं पूरी शिद्दत से व्रत रखती हैं।
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