जर्मनी में आज से एंजला मर्केल युग का अंत, ओलाफ स्कोल्ज बने देश के नये चांसलर
ओलाफ स्कोल्ज के पास तीन दलों वाले गठबंधन के पास 736 सीट वाले संसद के नीचले सदन में 416 सीटें हैं।
बर्लिन, दिसंबर 08: ओलाफ स्कोल्ज ने विश्व युद्ध के बाद जर्मनी के नौवें चांसलर के तौर पर पदभार संभाल लिया है और एंजला मर्केल की जगह उन्होंने जर्मनी के नये चांसलर के तौर पर देश की सत्ता को संभाल लिया है। एंजला मर्केल पिछले 16 सालों से जर्मनी की चांसलर के तौर पर काम कर रही थीं और उन्होंने इसी साल अपना पद छोड़कर राजनीति से सन्यास लेने का फैसला किया था।
जर्मनी में ओलाफ स्कोल्ज युग
स्कोल्ज की सरकार यूरोपीय संघ के सबसे अधिक आबादी वाले देश जर्मनी के आधुनिकीकरण और जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने की उम्मीदों के बीच कार्यभार संभालने जा रही है। खासकर कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान अलग अलग समस्याओं से देश को बाहर निकालना ओलाफ स्कोल्ज के लिए बड़ी चुनौतियों में से एक होगा। 63 साल के ओलाफ स्कोल्ज साल 2018 से जर्मनी के वित्त मंत्री के तौर पर कार्यकाल संभाल रहे थे। ओलाफ स्कोल्ज को बुधवार को देस की संसद में 395 सांसदों का समर्थन मिला है। अब उनके पास उनके तीन दलों वाले गठबंधन के पास 736 सीट वाले संसद के नीचले सदन में 416 सीटें हैं।
एंजला मर्केल युग का अंत
आधुनिक दुनिया में एंजला मर्केल और जर्मनी...ये दोनों नाम एक दूसरे का पर्याय बन चुका था। जर्मनी का जिक्र होते ही एंजला मर्केल का नाम अपनी जुबान पर आता है और लोग लोकतंत्र के प्रति आस्थावान हो जाते हैं। क्योंकि एंजला मर्केल ने उस जर्मनी में लोकतांत्रिक सरकार का संचालन किया है, जहां पर हिटलर जैसा बदनाम पैदा हुआ था। पद पर इतने लंबे समय तक रहने की वजह से एंजला मर्केल को जर्मनी की "शाश्वत चांसलर" करार दिया गया था। एंजला मर्केल 67 साल की हो चुकी थीं और उम्र के इस पड़ाव पर आकर उन्होंने राजनीति से दूर जाने का फैसला कर लिया था। जर्मनी के विपक्षी नेता भी मानते हैं कि अगर वो चुनाव लड़तीं, तो पांचवीं बार भी रिकॉर्ड मतों से उन्हीं को जीत हासिल होता।
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