सऊदी में अब हो रहा फैशन शो, कम कपड़ों में रैंप वॉक कर रहीं मॉडल्स, क्राउन प्रिंस पर आगबबूला कट्टरपंथी
महिलाविरोधी कानूनों के लिए जाना जाने वाला सऊदी अरब इन दिनों राजधानी रियाद में हुए फैशन शो की वजह से छाया हुआ है।
रियाद, 01 सितंबरः महिलाविरोधी कानूनों के लिए जाना जाने वाला सऊदी अरब इन दिनों राजधानी रियाद में हुए फैशन शो की वजह से छाया हुआ है। देश-विदेश से आए कई फैशन डिजायनरों ने इस आयोजन में हिस्सा लेकर इतिहास बना दिया है, वहीं बुर्के में रहने की आदी हो चुकी महिलाओं ने भी पश्चिमी देशों के परिधानों से मिलते जुलते वस्त्र पहन कर रैंप वॉक यह संकेत दिया कि रूढिवादी विचारों का पर्याय बन चुका सऊदी अब वाकई प्रगतीशीलता की तरफ कदम बढ़ा चुका है। हालांकि एक तरफ जहां इस आयोजन को लेकर सऊदी सरकार की प्रशंसा हो रही है वहीं दूसरी तरफ सऊदी प्रिंस कट्टरपंथियों के निशाने पर आ गए हैं। रूढ़िवादी ये सवाल कर रहे हैं कि जिस मुल्क में दो-दो पवित्र मस्जिद हैं वहां इस तरह के आयोजन की क्या जरूरत है?
25 अगस्त को हुआ फैशन शो
सऊदी अरब की राजधानी रियाद में 25 अगस्त से फैशन शो की शुरुआत हुई। इस फैशन शो का नाम जिमी फैशन वीक रखा गया है। हालांकि ये पहली बार नहीं है जब सऊदी में फैशन शो का आयोजन हुआ है। इससे ठीक चार साल पहले 2018 में पहली बार देश में पहली बार फैशन वीक का आयोजन हुआ था। उस फैशन शो का नाम अरब फैशन वीक रखा गया था। अरब फैशन वीक में हिस्सा लेने कई देशों से महिलाएं आई थीं। लेकिन इस बार का फैशन शो बेहद बड़े स्तर पर आयोजित हुआ है।
देश-विदेश के फैशन डिजायनर हुए शामिल
2022 के इस फैशन वीक में देश-विदेश के 18 डिजाइनर्स ने हिस्सा लिया। इस दौरान डिजाइनर्स ने देश की संस्कृति को ध्यान में रखते हुए मॉर्डन डिजाइन पेश किए। सऊदी डिजाइनरों ने इस तरह के शो की व्यवस्था के दौरान प्रतिबंधों में ढील पर उत्साह व्यक्त किया। सऊदी डिजाइनर नजला अल-मंसूर ने कहा, "मैं वर्षों से ऐसा होने की कामना कर रही थी। मैंने ये काम 2003 में शुरू किया था, और ईमानदारी से कहूं तो इसमें काफी सारी कठिनाइयां थीं। हमें खुद को साबित करने के लिए विदेश जाना पड़ा। यह एक खूबसूरत बात है कि अब हम यह शो सऊदी में कर रहे हैं।"
सरकार के फैसले से डिजायनरों में उत्साह
सऊदी अरब के स्थानीय फैशन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए एक स्थानीय सऊदी डिजाइनर जमाल अशौर द्वारा जिमी फैशन शो की शुरुआत की गई है। अशौर ने कहा, "जिमी इंटरनेशनल फैशन शो सभी फैशन डिजायनरों की भावना का समर्थन करता है, उन्हें उम्मीद है कि ये सभी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मुल्क का नाम रोशन करेंगे।" सऊदी डिजायनर अमल अहमद ने कहा, "हमने जो हासिल किया है उसे हासिल करना आसान नहीं था। आज हम जहां पहुंचे हैं वहां तक आने के लिए हम कई अलग-अलग चरणों से गुजरे हैं। आज, हर कोई हमें जानेगा, हमें सुनेगा, हमारा फैशन देखेगा, हम कितने रचनात्मक हैं और हम सऊदी ब्रांड बना सकते हैं।"
मोहम्मद बिन सलमान ने शुरू किया बदलाव
मोहम्मद बिन सलमान ने 2015 में सत्ता में आने के बाद से देश में बदलाव शुरू किया है, इसके बाद कई तरह के सामाजिक बदलावों को देखा गया है। अब यहां पर महिलाएं ड्राइव कर सकती हैं, लिंग भेदभाव बहुत कम हो गया है और महिलाओं को कुछ एंटरटेनमेंट के लिए कुछ जगहों पर जाने की मंजूरी भी मिल गई है। फैशन वीक का आयोजन भी इसी पहल के तहत देखा जा रहा है। मोहम्मद बिन सलमान का उद्देश्य 2030 तक देश को ट्रांसफॉर्म करना है। यही वजह है कि महिलाओं की भागीदारी काफी बढ़ी है।
कट्टरपंथियों ने की आलोचना
सऊदी अरब में वर्तमान सरकार ने देश में सार्वजनिक मनोरंजन के कुछ रूपों पर प्रतिबंधों में ढील दी है। इससे पहले बॉलीवुड सितारों के संगीत कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते थे। सऊदी अरब ने महिलाओं के ड्राइविंग और लिंग भेद पर प्रतिबंधों में भी ढील दी है। समाज कट्टर इस्लामी मानदंडों से दूर जा रहा है। फैशन शो के इस वीडियो में पारंपरिक ड्रेस पहने कई शेखों को इस फैशन शो का लुत्फ उठाते देखा जा सकता है। हालांकि कुछ लोगों ने इस फैशन शो को गलत चलन बताया। सऊदी अरब का एक इन्फ्लूएंसर ने कहा, "इमानदारी से कहूं तो यह शो शर्मनाक है। यह महिलाओं के शरीर का फैशन शो है। ऐसे कार्यक्रमों के लिए मुल्क में कोई जगह नहीं होनी चाहिए।"
सऊदी में बढ़ती जा रही फैशन इंडस्ट्री
सऊदी अरब की फैशन इंडस्ट्री दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। साल 2022 में इस इंडस्ट्री से देश की सरकार को 3.88 बिलियन डॉलर का रेवेन्यू मिलने की उम्मीद है। फैशन इंडस्ट्री का अधिकतर रेवेन्यू चीन में पैदा हो रहा है। देश में अब फैशन को लेकर काफी जागरूकता आ गई है। लोगों को पता है फैब्रिक से लेकर एसेसरीज और बाकी चीजों का उनके लुक पर क्या असर पड़ सकता है। सिर्फ इतना ही नहीं देश में अब इंफ्लुएंसर्स, फैशन ब्लॉगर्स और यू-ट्यूबर्स की भी अच्छी खासी संख्या मौजूद है।
भारतीय महिला की मौत के बाद पुर्गताल की स्वास्थ्य मंत्री का इस्तीफा, कोरोनाकाल में खूब कमाया था नाम