मान्यता: हर सावन शिव दर्शन करने आते हैं नागराज, शिवलिंग से लिपटकर करते हैं आराधना
इंदौर, 2 अगस्त: देशभर में नाग पंचमी का पर्व बड़े ही भक्ति भाव के साथ मनाया जा रहा है, जहां देश के कई मंदिरों में भगवान नाग देवता का पूजन अर्चन किया जा रहा है। इस दिन भक्त बड़े भक्ति भाव से नाग देवता का पूजन अर्चन करते हैं, और उनसे सुख समृद्धि की कामना करते हैं। वहीं हम आपको एक ऐसे शिव मंदिर की मान्यता से परिचित कराने जा रहे हैं, जहां हर साल सावन माह के किसी ना किसी दिन भगवान नागराज इस मंदिर में आते हैं, और भगवान शिव की आराधना करते हैं।
पीथमपुर में है शिव मंदिर
प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर के पास पीथमपुर के ग्राम सागौर में स्थित सोमनाथ महादेव मठ मंदिर में हर साल सावन के पवित्र महीने में किसी एक ना एक दिन भगवान नागराज के दर्शन भक्तों को होते हैं, जहां भगवान नागराज भगवान भोलेनाथ की भक्ति करने मंदिर आते हैं।
भगवान नागराज करते हैं मंदिर की परिक्रमा
मंदिर आने वाले शिव भक्तों की माने तो यह दृश्य हर साल सावन माह में दिखाई देता है, जहां भगवान नाग देवता पूरे मंदिर की परिक्रमा कर भगवान भोलेनाथ के समक्ष जाकर बैठ जाते हैं, और फिर भक्तों को दर्शन देते हैं। इस दृश्य के दर्शन करने और इस दृश्य को देखने दूर-दूर से श्रद्धालु पीथमपुर के सागर स्थित सोमनाथ महादेव मठ मंदिर में पहुंचते हैं। ऐसी मान्यता है कि, भगवान के दर्शन करने से हर मनोकामना पूरी होती है।
सालों से कायम है यह परंपरा
पीथमपुर स्थित ग्राम सागौर के सोमनाथ महादेव मठ मंदिर में पूजन अर्चन करने वाले भक्तों की माने तो पवित्र सावन माह में हर साल किसी ना किसी दिन भगवान नागराज स्वयं मंदिर आते हैं, और भगवान शिव की आराधना करते हैं। यह परंपरा सालों से कायम है। सागौर के सोमनाथ महादेव मठ मंदिर में हर साल सावन माह के प्रत्येक सोमवार को बड़ी संख्या में भक्त भगवान के दर्शन के लिए आते हैं।
भक्तिभाव के साथ मनाया जा रहा पर्व
नाग पंचमी का पर्व देश भर में बड़े ही भक्ति भाव के साथ मनाया जा रहा है, जहां भक्त, भगवान नागराज का पूजन अर्चन कर सुख समृद्धि की कामना कर रहे हैं। ऐसी मान्यता है कि, इस दिन भगवान नाग देवता का पूजन अर्चन करने से हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही कालसर्प दोष का भी निवारण होता है। यही कारण है कि, इस दिन भक्त भगवान नाग देवता का पूजन करने अलग-अलग मंदिरों में पहुंचते हैं, तो वहीं भगवान की आराधना भी करते हैं।