तमिलनाडु: राजनीकांत की राजनीति में एंट्री हो सकती है फीकी, ओपिनियन पोल में मिली सिर्फ 33 सीटें
चेन्नई। भारतीय फिल्मों के सुपर स्टार रजनीकांत ने बीते साल 2017 के दिसंबर महीने के आखिरी दिन 31 तारीख को ऐलान किया था कि वो राजनीति में कदम रख रहे हैं। इसके लिए उन्होंने पार्टी बनाई और लोगों से अपील की है कि वो उनके दल से जुड़े। सुपरस्टार ने मीडिया के सामने पॉलिटिकल विजन पेश करते हुए कहा था कि , 'तमिलनाडु में एक नई क्रांति जन्म ले रही है। राज्य में राजनीतिक बदलाव की जरूरत है। हमारी पार्टी आज के लिए नहीं बल्कि कल के लिए है। आने वाली पीढ़ियां बेहतर जीवन-यापन करेंगी।' रविवार को चेन्नई के राघवेंद्र हॉल में फैंस के बीच रजनीकांत ने ऐलान किया कि वह राजनीति में एंट्री ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह वक्त की जरूरत है। साथ ही उन्होंने तमिलनाडु की सभी 234 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया। इन सब के बीच आज अंग्रेजी समाचार चैनल India Today ने तमिलनाडु के विधानसभा चुनाव पर ओपीनियन पोल जारी किया है।
जयललिता के निधन के करीब एक साल बाद
इंडिया टुडे-कार्वी इनसाइट्स के ओपिनियन पोल के मुताबिक, जयललिता के निधन के करीब एक साल बाद, अगर राज्य में आज चुनाव हो तो तमिलनाडु की विधानसभा में ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) के विधायकों की संख्या आधे से कम हो जाएगी। चुनाव में AIADMK को 234 विधानसभा सीटों में से 68 सीटों से ज्यादा मिलने की संभावना नहीं होगी। बता दें कि साल 2016 के विधानसभा चुनावों AIADMK ने में अम्मा के नेतृत्व में जीत दर्ज की थी।
राज्य में चुनाव अभी हों तो...
सर्वेक्षण के मुताबिक यदि राज्य में चुनाव अभी हों, तो द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (DMK) और इसके सहयोगी दलों - कांग्रेस और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) - 130 विधयकों के साथ 34 फीसदी मतों के साझेदार बनेंगे। साल 2016 में, DMK ने अपने दम पर 88 सीटें जीतीं थीं। राजनीति में सुपरस्टार रजनीकांत की पार्टी को लिए 33 सीटें मिलने की संभावना है।
तमिलनाडु एक राजनीतिक वैक्यूम में चला गया
सर्वेक्षण के करीब 65 प्रतिशत मतदाताओं का मानना है कि जयललिता के निधन से तमिलनाडु एक राजनीतिक वैक्यूम में चला गया है। सर्वे में कई जवाब देने वालों का मानना है कि साल 2016 के दिसंबर में जयललिता की मृत्यु के बाद शासन की गुणवत्ता में गिरावट आई है। आशंका है कि AIADMK बिखर सकता है।
AIADMK को अपना मतदाता आधार बनाए रखने के लिए चुनौती
सर्वे के अनुसार AIADMK को अपना मतदाता आधार बनाए रखने के लिए चुनौती का सामना करना पड़ेगा। सर्वेक्षण में पाया गया कि आगामी चुनावों में प्रत्येक तीन समर्थकों में से एक ने AIADMK के लिए इस बार मतदान नहीं करने का निर्णय लिया है। सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार, असंतुष्ट मतदाताओं के लगभग 60 प्रतिशत हिस्सा रजनीकांत की तरफ जो डीएमके केृ मुकाबले 26 प्रतिशत अधिक है। सुपरस्टार के पक्ष में DMK के कुछ मतदताओं बदलाव है- लेकिन ये बदलाव AIADMK जितना नहीं है।
ये इलाके थे सर्वे में शामिल
इस सर्वे में राज्य में 77 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 4,758 लोगों से बात की गई। कुल मिलाकर राज्य के कुल 234 विधानसभा क्षेत्रों में से 33 प्रतिशत सभी 39 संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों को कवर किया गया।
करुणानिधि बेस्ट सीएम
सर्वेक्षण में एम करुणानिधि को तमिलनाडु का सबसे अच्छा मुख्यमंत्री चुना गया है। करुणानिधि को 29 फीसदी, एमजीआर और जे जयललिता क्रमशः 25 प्रतिशत और 21 प्रतिशत वोट मिले हैं।
इन मुद्दों पर असंतुष्ट है जनता
सर्वेक्षण में देखा गया कि जनता मुख्य रूप से रोजगार, स्कूलों, कॉलेजों, अस्पतालों, उद्योगों और किसानों सहित सभी महत्वपूर्ण आर्थिक और सामाजिक मानकों से असंतुष्ट थी।
पालनीस्वामी का प्रदर्शन खराब
सर्वे में शामिल 64 प्रतिशत लोगों ने ई के पालनीस्वामी के प्रदर्शन को "खराब" या "बहुत खराब" माना। उनमें से 30 प्रतिशत से अधिक का मानना है कि वर्तमान AIADMK के नेतृत्व में से पनीरसेल्वम, पलानीस्वामी, टीटीवी दिनाकरण समेत कोई भी अम्मा की विरासत को आगे नहीं बढ़ा सकते हैं।
AIADMK को 68 सीट, DMK को 132
सर्वे में AIADMK को 68 सीट, DMK को 132 और रजनीकांत की पार्टी को 33 सीट मिल सकती है। सर्वे में पूछा गया था कि क्या रजनीकांत को कमल हासन के साथ गठबंधन करना चाहिए? इस पर 29 फीसदी ने हां, 31 फीसदी ने ना, 17 फीसदी ने कहा कि कुछ कह नहीं सकते और 23 फीसदी ने कहा कि ये हमेशा एक दूसरे के खिलाफ रहे हैं।