पानी की कमी से जूझ रहे शिमला में वीआईपी को ना मिले खास सहूलियत: हाईकोर्ट
पानी की कमी से जूझ रहे शिमला में मंत्री, विधायकों को ना मिले खास सहूलियतें: हाईकोर्ट
शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने शिमला नगर निगम से कहा है कि मंत्री, विधायक, जज, पुलिस अफसरों या दूसरे वीआईपी लोगों के लिए पानी का कोई विशेष इंतजाम ना किया जाए, कोशिश की जाए कि सभी को पानी मिल सके। हाईकोर्ट मंगलवार को शिमला नगर निगम को ये आदेश दिया है। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला बीते आठ दिनों से पानी की भारी कमी से जूझ रही है, जिसके चलते लोगों को पानी के पानी तक के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
एक हफ्ते के लिए रोकें निर्माण कार्य
कोर्ट ने एक हफ्ते के लिए निर्माण कार्य और कार, बाईक धुलाई जैसे कामों को भी रोक देने के लिए कहा है। साथ ही सोशल मीडिया के जरिए पर्यटकों से भी अभी शिमला आने से कुछ दिन के रुकने की सलाह देने को कहा है। पानी की कमी के चलते बिगड़ते हालात को देखते हुये मंगलवार को हिमाचल हाईकोर्ट ने नोटिस लिया और मुख्य न्यायाधीश संजय करोल व न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने नगर निगम के कमीशनर व नगर अभियंता को तलब किया।
पर्यटकों को भारी परेशानी
शिमला में पहली बार इतने बड़े स्तर पर पानी का संकट खड़ा हुआ है। 8 दिनों से पानी ना होने के चलते कई जगहों पर पर्यटकों को वापस जाने को भी कहा गया है। शिमला में पानी की सप्लाई गिरने की सबसे बड़ी वजह यहां के गिरी और गुम्मा वॉटर स्कीम में पानी का सूखना और कम बारिश बताया जा रहा है।
शिमला नहीं मिल रहा जरूरत का पानी
शिमला में पानी गुम्मा, गिरी, अश्विनी खाड, चुर्ता और सिओग से आता है। यहां से 65 मिलियन लीटर पानी हर दिन आता है, शिमला में हर दिन करीब 45 मिलियन लीटर पानी की खपत है लेकिन शहर को 35 मिलियन पानी ही मिल पा रहा है, क्योंकि बड़ी तादाद में पानी लोगों तक पहुंचते-पहुंचते बर्बाद हो जाता है।
गर्मी से राहत पाने के लिए शिमला जा रहे हैं तो वहां खुद करना पड़ेगा पानी का इंतजाम!