पुलवामा हमले में वो छोटी सी चूक, जो CRPF के जवानों पर पड़ी भारी
पुलवामा हमले में एक ऐसी चूक सामने आ रही है, जिसका फायदा आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद ने उठा लिया।
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए फिदायीन हमले (pulwama terror attack) के बाद देशभर से केवल एक ही आवाज उठ रही है कि 'बस, अब और नहीं...अब पाकिस्तान और आतंकियों को अंतिम सबक सिखाया जाए...।' देशभर में इस हमले के बाद आक्रोश देखने को मिल रहा है। शहीदों के परिजनों की भीगी आंखों और मायूस चेहरे सरकार से अपने 44 बहादुर जवानों के खून का बदला मांग रहे हैं। सवाल यह भी है कि सीआरपीएफ (crpf) के इतने बड़े काफिले के रूट में तमाम सुरक्षा के इंतजाम होने के बावजूद एक आतंकी इतनी भारी मात्रा में विस्फोटक से भरी गाड़ी लेकर कैसे पहुंच गया। दरअसल इस मामले में एक बड़ी चूक सामने आ रही है, जिसका फायदा उठाते हुए जैश-ए-मोहम्मद (jaish e mohammed) के आतंकियों ने इतने बड़े हमले को अंजाम दिया।
ये थी वो चूक, जिसका फायदा आतंकियों ने उठाया
गुरुवार को हुए पुलवामा आतंकी हमले से पहले सीआरपीएफ ने जम्मू-श्रीनगर हाईवे की पूरी तरह जांच की थी। आमतौर पर जब भी सेना या अर्धसैनिक बलों का कोई काफिला हाईवे से गुजरता है तो रोड ऑपनिंग पार्टी यानी आरओपी उस रूट की जांच करती है कि कहीं किसी जगह पर आतंकियों ने कोई विस्फोटक तो नहीं लगाया है। लेकिन...यहां एक चूक सीआरपीएफ के जवानों के लिए भारी साबित हुई। दरअसल जिस रूट से सीआरपीएफ का काफिला गुजरने वाला था, वो रूट सेना के वाहनों के अलावा आम नागरिकों के वाहनों के लिए भी खुला था। जैश-ए-मोहम्मद के फिदायीन आतंकी ने आम नागरिकों के लिए खोले गए रास्ते का फायदा उठाया और विस्फोटक से भरी गाड़ी लेकर काफिले की बस से जा टकराया।
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काफिले में कैसे दाखिल हुआ फिदायीन आतंकी
सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद ने आम नागरिकों को मिली इसी छूट का फायदा उठाया और आस-पास के गांवों के रास्तों से होते हुए सर्विस रोड के जरिए हाईवे पर दाखिल हुआ। इसके बाद आदिल अहमद ने घात लगाकर करीब 300 किलो विस्फोटक से भरी अपनी स्कॉर्पियो गाड़ी सीआरपीएफ के काफिले की एक बस से जा टकराई। जानकारी के मुताबिक सीआरपीएफ के दो काफिलों में कुल 2574 जवान और अफसर 78 वाहनों के जरिए, जिनमें बस, बख्तरबंद वाहन और जीप शामिल थीं, जम्मू से दक्षिण कश्मीर जा रहे थे। अधिकारियों का कहना है कि जम्मू-श्रीनगर हाईवे पिछले 6 दिनों से बंद था। इसकी वजह से गुरुवार को छुट्टी और ट्रेनिंग से लौटने वाले जवानों की संख्या काफी ज्यादा थी।
पाकिस्तान ने छीना गया MFN का दर्जा
इस हमले के बाद शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर सुरक्षा संबंधी समिति की बैठक हुई, जिसमें पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस लेने का फैसला लिया गया। बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि आतंकियों को किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'इस हमले को लेकर पूरे देश में गुस्सा है, देश का खून खौल रहा है। आतंक को कुचलने के लिए कार्रवाई और तेज होगी और हमारे जवानों के बलिदान की बड़ी कीमत आतंकियों को चुकानी होगी। मैं राजनीतिक दलों से अपील करता हूं कि हम सभी राजनीतिक छींटाकशी से दूर रहें। हम सभी को एक होकर आतंकवाद के खिलाफ खड़ा होना है और लड़ना है। हमने सुरक्षा बलों को पूरी छूट दे दी है, किसी को भी नहीं बख्शा जाएगा, इस हमले के लिए आतंकियों को सजा मिलेगी।
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