8 मार्च को अपने फॉलोअर्स को चौंका सकते हैं PM मोदी, कर सकते हैं यह बड़ी अपील!
बेंगलुरू। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक ट्वीट ने एक बार देश को हैरान-परेशान कर दिया है। सोमवार देर शाम एक ट्वीट में प्रधानमंत्री मोदी जैसे ही कहा कि वह रविवार को अपने सभी सोशल मीडिया अकाउंट्स को छोड़ने की सोच रहे हैं, तो ट्वीटर पर उनके फॉलोअर्स की कमेंट्रस की सुनामी आ गई। थोड़ी ही देर में ट्विटर पर #NoSir और #NarendraModi ट्रेंड करने लगा।
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प्रधानमंत्री के ट्वीट को रीट्वीट और कमेंट्स करने वालों में प्रधानमंत्री मोदी के प्रशंसकों की संख्या अधिक थी। यही कारण था कि महज एक घंटे के भीतर ही पीएम मोदी की पोस्ट को 26, 000 बार रीट्वीट किया गया और उनके ट्वीट को करीब 76, 000 से अधिक 'लाइक' मिले। इस दौरान लगभर हर सेकेंड लोग इस पर कमेंट कर रहे थे। कुछ ही मिनटों में ट्विटर पर 'नो सर ट्रेंड करने लग गया।
हालांकि अपने किए ट्वीट में प्रधानमंत्री मोदी ने सीधे-सीधे सोशल मीडिया छोड़ने की बात नहीं की है और अगर वह सोशल मीडिया छोड़ने का विचार भी बना रहे हैं तो उसके लिए उन्होंने कुल 6 दिन का वक्त भी लिया है, जो एक रणनीति का हिस्सा हो सकता है।
उक्त ट्वीट के जरिए प्रधानमंत्री मोदी सोशल मीडिया में अपनी छवि का पुनर्मूल्याकंन कर रहे हों। रविवार से पूर्व कुल दिन के अंतराल पर लोगों को प्रतिक्रिया के जरिए यह काम आसानी किया जा सकता है, जिनमें उनके विरोधी और प्रशंसक दोनों मुखर हो जाएंगे।
फिलहाल, सोमवार शाम के बाद मोदी के प्रशंसकों की प्रतिक्रिया सोशल मीडिया पर ज्यादा देखने को मिली है और इसकी तस्दीक पीएम मोदी के ट्ववीट के कुछ मिनटों के बाद #NoSir का ट्रेड होना कर देती है। इस दौरान पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस नेता शशि थरूर और पूर्व यूपी सीएम अखिलेश यादव के ट्वीट भी चर्चा में रहे।
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प्रधानमंत्री मोदी के सोशल मीडिया छोड़ने के ट्ववीट को खासकर राहुल गांधी और अखिलेश यादव तंज कसते हुए रीट्वीट किया है। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी चर्चा में अपने उक्त ट्वीट के जरिए अपने प्रशसंकों, समर्थक, विपक्षी पार्टी के नेताओं और आम जनता की नब्ज टटोल रहे हैं।
गौरतलब है सोमवार शाम एक ट्वीट में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था, 'इस रविवार को अपने सोशल मीडिया अकाउंट फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब को छोड़ने की सोच रहा हूं, आप सभी को आगे जानकारी दूंगा' इस ट्वीट में पीएम मोदी ने स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा।
उनके उक्त ट्वीट की एक थ्योरी यह हो सकती है कि उन्होंने सोशल मीडिया छोड़ने का विचार करने की बात कही है, लेकिन छोड़ने का मन बनाया है या नहीं बनाया है, इसका खुलासा उन्होंने तुरंत नहीं किया है। उन्होंने इसके लिए बाकायदा कुल 6 दिन का वक्त लिया है।
एक दूसरी थ्योरी यह हो सकती है कि पीएम मोदी देश की जनता से संवाद स्थापित करने के लिए देसी सोशल मीडिया संस्करण लांच कर सकते हैं और तीसरी थ्योरी यह कहती है कि पीएम मोदी रविवार को राष्ट्र के नाम संदेश दे सकते हैं, जिसमें वह सोशल मीडिया यूजर्स को सप्ताह में एक दिन सोशल मीडिया से दूर रहने की सलाह दे सकते हैं।
चौथी थ्योरी यह है कि वह खुद सप्ताह में एक दिन यानी रविवार को सोशल मीडिया से दूरी की घोषणा कर सकते हैं। हालांकि चारो थ्योरी में से तीसरी थ्योरी वास्तविकता के अधिक करीब दिख रही है और अधिक संभावना है कि पीएम मोदी आगामी रविवार को सप्ताह में एक दिन सोशल मीडिया से दूर रहने की सलाह दे सकते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी देश की जनता को हफ्ते एक दिन सोशल मीडिया से दूर रहने और एक पूरा दिन परिवार के साथ बिताने की सलाह और अपील देते हुए नज़र आ जाए तो आश्यर्च नहीं होगा। ज्यादा संभावना है कि पीएम मोदी रविवार को चौथी थ्योरी यानी सोशल मीडिया से हफ्ते में एक दिन दूर रखने की अपील जनता से कर सकते हैं।
उल्लेखनीय है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोशल मीडिया के जरिए देश की जनता से खुद लगातार जुड़े रहते हैं, जहां वो अपनी निजी और सरकार की हर बात को शेयर करते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोशल मीडिया पर लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उनके टि्वटर अकाउंट पर अभी 5 करोड़ 33 लाख, फेसबुक पर 4 करोड़ 47 लाख, इंस्टाग्राम पर 3 करोड़ 52 लाख फॉलोअर्स हैं। वहीं, यूट्यूब चैनल पर उनके 45 लाख सब्सक्राइबर हैं।
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संवाद के लिए PM मोदी की पहली पंसद है सोशल मीडिया
माना जाता है कि 2014 के लोकसभा चुनाव के पहले शायद ही किसी पार्टी या राजनेता ने सोशल मीडिया का इतना उपयोग किया होगा, जितना भाजपा और खुद प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बनाए गए नरेन्द्र मोदी ने किया था। 2009 में शशि थरूर ऐसे एकमात्र भारतीय नेता थे, जो सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा एक्टिव थे। 2014 में नरेन्द्र मोदी ने सोशल मीडिया की ताकत को समझा और उसके जरिए देश की जनता को जोड़ने में कामयाब हुए।
आज दुनिया के सबसे बड़े लीडर में शुमार हैं मोदी
पीएम मोदी स्वदेशी और डिजिटल दोनों बातें हमेशा कहते हैं। शायद इसलिए आंशका जताई जा रही है कि पीएम मोदी सोशल मीडिया को छोड़ सकते हैं, लेकिन पीएम मोदी वर्तमान में दुनिया के सबसे बड़े नेता के रूप में शुमार हो चुके हैं। ऐसे में पीएम मोदी ऐसा कोई बड़ा फैसला लेकर अपनी अंतर्राष्ट्रीय छवि को बर्बाद करने का जोखिम कभी नहीं लेगें। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के बाद मोदी 2019 में सोशल मीडिया पर दुनिया के दूसरे बड़े राजनीतिक थे, जिन्हें सबसे ज्यादा फॉलअर्स थे।
क्या चीन की तरह भारत में लांच होगा देसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ?
चीन में फेसबुक, ट्विटर और व्हाट्सएप जैसी सोशल साइट्स पर प्रतिबंध है और उसने वीचैट, क्यूक्यू और वीबो जैसी सोशल साइट्स बनाई हैं तो क्या भारत सरकार भी अपना एक सोशल मीडिया प्लेटफार्म लांच करने वाली है। ऐसी कई तरह की अटकलें सोशल मीडिया पर लगाई जा रही हैं। जब तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने ट्वीट के राज का खुलासा नहीं करते तब तो केवल इंतजार ही किया जा सकता है।
सोशल मीडिया यूजर्स से हफ्ते में 1 दिन छुट्टी की अपील कर सकते हैं मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सप्ताह में 1 दिन रविवार को सोशल मीडिया बंद करने का ऐलान कर दिया है। इस संदर्भ में उन्होंने ट्वीट किया है। श्री नरेंद्र मोदी ने विस्तार से कुछ नहीं बताया लेकिन माना जा रहा है कि वह चाहते हैं कि सप्ताह में 1 दिन लोग अपने परिवार को दें और सोशल मीडिया से दूर रहें। प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को ट्वीट करते हुए कहा कि वे सोशल मीडिया छोड़ने के बारे में सोच रहे हैं। पीएम ने कहा, इस रविवार को सोशल मीडिया अकाउंट्स फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यू-ट्यूब छोड़ने के बारे में सोच रहा हूं। इसके बारे में आगे बताएंगे।"
फेक न्यूज व अफवाहों के अड्डे बने सोशल मीडिया
एक सच्चाई यह भी कि जिन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने प्रधानमंत्री और बीजेपी को शीर्ष पर पहुंचाया अब प्लेटफॉर्म कंट्रोल से बाहर हो रहा है, जो अब अफवाह और फेक न्यूज का अड्डा बन गया है। अकेले ट्विटर ही नहीं, फेसबुक पर भी फेक न्यूज और अफवाह खूब धड़ल्ले से शेयर किए जा रहे हैं। चूंकि दोनों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का नियंत्रण विदेशी हाथों में हैं। हो सकता है कि बीजेपी और प्रधानमंत्री मोदी विदेशी सोशल मीडिया से इतर एक वैकल्पिक और देसी माध्यम तैयार कर लिया है या योजना पाइपलाइन में हो।
नमो ऐप भी एक बेहतर विकल्प के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं मोदी!
अगर पीएम मोदी ने सोशल मीडिया को छोड़ा तो इतना तय है कि नमो ऐप को पूरजोर तरीके से बढ़ावा मिलेगा और उसका इंटरफेस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की तरह डेवलेप किया जा सकता है। नमो ऐप के जरिए पीएम लोगों तक बड़ी तादाद में पहुंच बनाए रख सकते हैं। चूंकि अभी नमो ऐप की सबसे बड़ी खामी यह है कि इसके जरिए संचार सिर्फ एकतरफा होता है, लेकिन इसमें बदलाव कर इंटरैक्टिव किया जा सकता है।
संचार के लिए वॉट्सएप मैसेंजर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं पीएम मोदी!
हाल फिलहाल एक विचारधारा को आगे बढ़ाने का सबसे बड़ा जरिया सोशल मैसेजिंग ऐप वॉट्सऐप बन चुका है, जो प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी के संदेशों के तेजी से प्रचार और प्रसार का बेहतर माध्यम हो सकता है। सोशल मीडिया की तुलना में वॉट्सऐप के जरिए सूचनाएं तेजी से वायरल होती है, जिसकी पहुंच अब बहुतायत लोगों तक हैं। मौजूदा समय में भारत में करीब 40 करोड़ व्हाट्सएप यूजर्स हैं। इनमें अधिकांश यूथ हैं और पीएम मोदी अक्सर यूथ की बात करते हैं, तो उनके लिए अपनी सूचना पहुंचाने के लिए वॉट्रसऐप बेहतर माध्यम हो सकता है।