सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बोले मनीष सिसोदिया, अब फाइल एलजी के पास भेजने की जरूरत नहीं
नई दिल्ली। दिल्ली में अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल (एलजी) के बीच तनातनी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आज अपने फैसले में काफी हद तक आम आदमी पार्टी को राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली को पूर्ण राज्य की मांग को ठुकरा दिया है, लेकिन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को दिल्ली की जनता के हित में माना हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हम स्वागत करते हैं। सिसोदिया ने कहा कि अब हर फाइलें एलजी के पास भेजने की जरूरत नहीं होगी।
सिसोदिया ने कहा, 'हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा एलजी के पास मनमानी का पावर नहीं है। हर फैसले में टांग अड़ा रहे थे, अब फाइले एलजी के पास भेजने की जरूरत नहीं।' सिसोदिया ने कहा कि तीन आरक्षित विषयों पुलिस, जमीन और कानून व्यवस्था को छोड़कर सारे फैसले में हमारे पक्ष में हैं। यानी, दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार को हर काम के लिए एलजी से अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मनीष सिसोदिया ने कहा कि ट्रांसफर-पोस्टिंग का फैसला दिल्ली सरकार के पास होगा। उन्होंने कहा कि एलजी हर काम में टांग अड़े रहे थे, लेकिन इस फैसले के बाद दिल्ली की जनता को काफी राहत मिली और यह दिल्ली की जनता की जीत है। हालांकि, सिसोदिया ने कहा कि वे दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा के लिए अपनी लड़ाई लड़ते रहेंगे। उधर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी ट्वीट कर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को दिल्ली की जनता और लोकतंत्र की जीत बताया है।
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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में दिल्ली के पूर्ण राज्य की मांग को जरूर असवैंधानिक बताया है, लेकिन साथ में यह भी कहा है कि हर काम के लिए एलजी की सहमति अनिवार्य नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर एलजी और सरकार के बीच मतभेद हो तो राष्ट्रपति को फैसला लेना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि ना तो एलजी अकेले फैसला ले सकते हैं और ना ही एलजी सरकारी काम में बाधा डाल सकते हैं।
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