निर्भया केस: तिहाड़ के ऑफर से जल्लाद नाखुश, जानिए एक फांसी पर कितना मेहनताना तय हुआ?
नई दिल्ली- निर्भया गैंग रेप और हत्या के दोषी फांसी से बचने के लिए अभी भी कानून दांव-पेंच में लगे हुए हैं, लेकिन निर्भया का परिवार और पूरा देश जल्द से जल्द उसे न्याय मिलता देखना चाहता है । तिहाड़ जेल के अधिकारी भी पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए जेल के अंदर सारी तैयारियों पूरी कर चुके हैं। यह भी बात साफ हो चुकी है कि मुकर्रर तारीख से दो दिन पहले ही उत्तर प्रदेश से दो जल्लादों को दिल्ली पहुंचना है। लेकिन, इन सबके बीच ऐसी जानकारी सामने आ रही है कि पवन जल्लाद तिहाड़ जेल की ओर से मिले मेहनताना के ऑफर से खुश नहीं है। तिहाड़ जेल प्रशासन ने हर एक मुजरिम को फांसी के फंदे पर लटकाने के लिए जो पारिश्रमिक तय किया है, वह जल्लाद को इस महंगाई की दौर में कम लग रहा है।
मेहनताना के ऑफर से जल्लाद नाखुश
जानकारी के मुताबिक निर्भया के गुनहगारों की फांसी तामील होने से पहले जल्लाद की एक मांग ने तिहाड़ जेल के अधिकारियों को परेशानी में डाल दिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जेल प्रशासन ने हर एक मुजरिम को फांसी देने के लिए 15,000 रुपये का मेहनताना तय किया है। लेकिन, पता चला है कि पवन जल्लाद और पैसों की मांग कर रहा है। बताया जा रहा है कि इसके पीछे उसका तर्क ये है कि महंगाई बढ़ने से उसके रोजाना के खर्चों में इजाफा हो गया है। हालांकि, ये तय है कि उसे इस काम के लिए उतनी ही रकम मिलेगी जो कि जेल मैनुअल के मुताबिक है या इसके लिए यूपी के जेल अधिकारियों ने तिहाड़ प्रशासन को जो रकम बताई होगी।
परिवार से आखिरी बार मिलने का समय पूछा
इस बीच तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने चारों दोषियों मुकेश सिंह, अक्षय सिंह, विनय शर्मा और पवन गुप्ता से कह दिया है कि वो आखिरी बार अपने परिवार वालों से जब भी मिलना चाहें, उन्हें इसकी जानकारी दे दें। जेल सूत्रों के मुताबिक फांसी से दो दिन पहले तक ही उन्हें मुलाकात की इजाजत दी जाएगी। आखिरी मुलाकात में मुजरिमों को परिवार वालों से ज्यादा देर तक मिलने की छूट दी जाएगी और इस दौरान जेल सुप्रिटेंडेंट की मौजूदगी में वे एक वसीयत भी तैयार करेंगे। इस मौके पर जेल अधिकारी उस रकम की भी गिनती करेंगे, जो चारों दोषियों ने जेल में काम कर कमाए हैं। तिहाड़ जेल के एक अधिकारी के मुताबिक, 'एक बार वह आखिरी मुलाकात की तारीख के लिए राजी हो जाएं, हम उन्हें थोड़ा ज्यादा वक्त देंगे जिस दौरान उनके परिवार के दो से ज्यादा सदस्य उनसे मिल सकते हैं। हालांकि, सभी को एक साथ परिजनों से मिलने की अनुमति नहीं मिलेगी। '
दोषियों ने जेल में की इतनी कमाई
बीते 7 वर्षों से ज्यादा समय में चारों मुजरिमों के जेल में कमाए हुए पैसे उनकी इच्छा के मुताबिक उनके परिजनों को सौंप दिए जाएंगे। बता दें कि मुकेश सिंह ने इस दौरान सबसे ज्यादा 69,000 रुपये कमाए हैं। इसके बाद विनय शर्मा का नाम है, जिसके खाते में 39,000 रुपये जमा हुए हैं, पवन गुप्ता की कमाई 29,000 रुपये की है और अक्षय ने कोई भी शारीरिक मजदूरी करने से इनकार कर दिया था। एक वरिष्ठ जेल अधिकारी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट से मुकेश सिंह और विनय शर्मा का क्यूरेटिव पिटिशन खारिज होने के बाद विनय के पिता उससे मिलने पहुंचे तो वह कई बार फूट-फूट कर रो पड़ा। एक अधिकारी के मुताबिक 'हम उन्हें साप्ताहिक मुलाकात की छूट देते हैं, अक्षय, विनय और पवन के पिता ने मुलाकात की है, लेकिन मुकेश के परिवार वाले आखिरी बार नवंबर में उससे मिले थे।' ये मुलाकात आमतौर पर जेल मैनुअल के मुताबिक लगभग आधे घंटे की होती है
चारों कैदियों को एकांत में शिफ्ट किया गया
तिहाड़ सूत्रों के मुताबिक चारों दोषियों को अभी एकांत वॉर्ड में रखा जा रहा है और सभी कैदी डॉक्टरों की देखरेख में हैं। उन्हें अखबार या टेलीवजन भी नहीं देखने दिया जा रहा है। हालांकि, उनसे जुड़ी बातें उन तक वॉर्डन और उनके वकीलों के जरिए पहुंचाई जा रही हैं। सोमवार से ही उनके खान-पान को भी नियंत्रित कर दिया गया है। पिछले कुछ दिनों में विनय शर्मा में बहुत ज्यादा हिंसक प्रवृत्ति देखी गई है और उसने कम से कम 6 बार बदतमीजी की है। इस दौरान उसने या तो खाना खाने से मना कर दिया है या जेल स्टाफ से सहयोग करने के लिए तैयार नहीं हुआ है। हालांकि, बाकी तीनों शांत नजर आ रहे हैं। जेल सूत्रों के मुताबिक तिहाड़ में रहते हुए विनय शर्मा को 11 बार उसकी गलतियों के लिए सजा मिल चुकी है। जबकि, पवन गुप्ता को 8 बार, अक्षय को तीन बार और मुकेश को सिर्फ एक बार गलतियों के लिए सजा दी गई है।
एक नजर में पूरा निर्भया कांड
16 दिसंबर, 2012 की रात 23 साल की पैरामेडिकल की स्टूडेंट निर्भया के साथ 6 लोगों ने दक्षिणी दिल्ली के इलाके में चलती बस में गैंगरेप किया था और उसके शरीर के साथ हैवानियत की सारी हदें पार कर दी थीं। निर्भया को इन दरिदों ने जघन्य वारदात के बाद उसके मित्र के साथ चलती बस से दक्षिणी दिल्ली के इलाके में नीचे फेंक दिया। इस घटना को लेकर दिल्ली समेत पूरे देश में जन-आक्रोश उमड़ पड़ा। बाद में निर्भया ने सिंगापुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इस केस के 6 में से एक आरोपी राम सिंह ने ट्रायल के दौरान ही जेल में ही खुदकुशी कर ली थी। जबकि, छठा आरोपी नाबालिग होने की वजह से बाल सुधार गृह में मामूली समय गुजार कर बरी हो चुका है।