तिहाड़ में भी जारी थीं निर्भया के दोषियों की 'गलत हरकतें', फांसी से ठीक पहले सामने आई बड़ी जानकारी
तिहाड़ में भी जारी थीं निर्भया के दोषियों की 'गलत हरकतें', जेल प्रशासन ने 23 बार दी चारों को सजा...
नई दिल्ली। दिल्ली के बसंत विहार गैंगरेप मामले में निर्भया के चारों दोषियों को फांसी दिए जाने की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। बीते 7 जनवरी को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी करते हुए 22 जनवरी को सुबह 7 बजे तिहाड़ जेल में फांसी दिए जाने का फैसला सुनाया था। इसके बाद दो दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल की, जिसे खारिज कर दिया गया। अब तिहाड़ जेल प्रशासन चारों दोषियों को तय तारीख और समय पर फांसी देने की तैयारियों में जुट गया है। तिहाड़ में रहने के दौरान भी चारों दोषियों में किसी तरह का कोई सुधार नहीं हुआ और जेल प्रशासन ने इन्हें कई बार दंडित किया।
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चारों दोषियों ने 23 बार तोड़े तिहाड़ जेल के नियम
तिहाड़ जेल से जुड़े सूत्रों ने बताया कि जेल में रहने के दौरान निर्भया केस के चारों दोषियों के आचरण में पिछले सात सालों में किसी तरह का कोई सुधार नहीं हुआ। चारों दोषियों ने कुल मिलाकर 23 बार तिहाड़ जेल के नियम तोड़े, जिनके लिए जेल प्रशासन ने चारों को दंडित भी किया। चारों दोषियों में विनय शर्मा को जेल नियम तोड़ने पर 11 बार, अक्षय ठाकुर को एक बार, मुकेश सिंह को तीन बार और पवन गुप्ता को आठ बार दंडित किया गया। साल 2016 में तीन दोषियों मुकेश, पवन और अक्षय ने 10वीं कक्षा का फॉर्म भरा और परीक्षा भी दी। हालांकि तीनों में से कोई भी इस परीक्षा में पास नहीं हो सका। वहीं 2015 में विनय ने गेजुएशन का फॉर्म भरा था, लेकिन उसने इसे बीच में ही छोड़ दिया।
विनय शर्मा सबसे ज्यादा परेशान और चिंतित
डेथ वारंट जारी होने के बाद सुप्रीम कोर्ट के नियमों के मुताबिक, चारों दोषियों के परिवार को फांसी से पहले दो बार उनसे मिलने की अनुमति दी गई है। जेल से जुड़े सूत्रों ने बताया कि चारों दोषियों में से विनय शर्मा सबसे ज्यादा परेशान और चिंतित नजर आ रहा है। मंगलवार को उसके पिता ने भी उससे मुलाकात की थी। इससे पहले मंगलवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने विनय शर्मा और मुकेश सिंह की तरफ से दाखिल की गई क्यूरेटिव पिटिशन को ठुकरा दिया। इसके बाद मुकेश ने राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दाखिल की है। तिहाड़ जेल प्रशासन ने चारों दोषियों को फांसी दिए जाने के सभी इंतजाम भी पूरे करने शुरु कर दिए हैं।
कोर्ट कब जारी करता है डेथ यानी ब्लैक वारंट
गौरतलब है कि डेथ वारंट यानी ब्लैक वारंट, फांसी की सजा पाए किसी भी दोषी के खिलाफ उस वक्त जारी किया जाता है, जब न्यायिक प्रक्रिया पूरी हो जाती है और दोषी की सभी अपील खारिज हो जाती हैं। ब्लैक वारंट जारी होने के बाद सुप्रीम कोर्ट के नियमों के मुताबिक, जेल अधिकारी दोषियों और उनके परिजनों को फांसी के बारे में जानकारी देते हैं। इसके बाद दोषी की इच्छा पर उसके परिजनों के साथ उसकी मुलाकात कराई जाती है। इन सारी प्रक्रियाओं के बाद तय तारीख और तय समय पर दोषी को फांसी दे दी जाती है।
22 जनवरी को सुबह 7 बजे दी जाएगी फांसी
आपको बता दें 2012 के दिल्ली गैंगरेप केस में निर्भया के चारों दोषियों के लिए डेथ वारंट जारी हो चुके हैं। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने बीते 7 जनवरी को निर्भया केस में डेथ वारंट जारी करते हुए कहा कि चारों दोषियों को 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी दे दी जाए। इस फैसले के बाद निर्भया की मां ने कहा कि आखिरकार उनकी बेटी को अब जाकर इंसाफ मिला है। उन्होंने कहा कि इन चारों दोषियों को फांसी की सजा मिलने से न्यायिक प्रणाली में लोगों का विश्वास मजबूत होगा। डेथ वारंट जारी होने के बाद अब चारों दोषियों को तिहाड़ जेल में तय तारीख और समय पर फांसी दे दी जाएगी।
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