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एलजेपी में और बढ़ी रार, चिराग के आरोपों पर बोले पशुपति पारस- उन्होंने भी मुझे प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया था

चिराग के आरोपों पर बोले , मैंने नहीं चिराग ने तोड़ा पार्टी संविधान : पशुपति पारस

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नई दिल्ली, 16 जून: लोक जनशक्ति पार्टी में फूट के बाद चिराग पासवान और पशुपति पारस आमने- सामने हैं। चिराग पासवान ने एलजेपी के तमाम घटनाक्रम को लेकर आज प्रेस वार्ता की। इसमें उन्होंने कहा कि पार्टी संविधान के हिसाब से उनको ना तो संसदीय दल के नेता से कोई हटा सकता है और ना ही पपार्टी अध्यक्ष के पद से। इसके अलावा भी कई आरोप उन्होंने पार्टी में बगावत करने वाले अपने चाचा पशुपति पारस पर लगाए। जिसके बाद पशुपति पारस की ओर से भी जवाब दिया गया है।

LJP political tussle Pashupati Kumar Paras reaction on chirag paswan press conference

पशुपति पारस ने कहा, मुझे लोजपा के संविधान की जानकारी है। पार्टी के संविधान में साफ लिखा है कि एक व्यक्ति-एक पद। चिराग पासवान 2013 से पार्लियामेंट्री बोर्ड के चेयरमैन हैं, 2019 में उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया, जिसके लिए चुनाव भी नहीं हुआ। इसके बाद वो संसदीय दल के नेता भी बन गए। लोजपा के संविधान के खिलाफ एक व्यक्ति तीन पदों पर बैठ गया। ऐसे में पार्टी नेताओं ने बैठक की और इसमें फैसला लिया कि चिराग पासवान के पास एक ही पद रहना चाहिए। जिसको देखते हुए उनको संसदीय दल के नेता और राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटा दिया गया।

पशुपति पारस ने ये भी कहा कि चिराग ने ही पहले उनको प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया था। उन्होंने कहा, आप चिराग पासवान से पूछें कि उन्होंने मुझे प्रदेश अध्यक्ष पद से क्यों हटाया। मेरी देखरेख में बिहार में लोजपा ने लोकसभा का चुनाव लड़ा और सभी 6 सांसद जीते। इसके बाद विधानसभा में भी हम एनडीए के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन चिराग पासवान इसके लिए राजी नहीं हुए। यही वजह है कि लोजपा की बुरी गत हुई।

पशुपति पारस के धड़े की ओर से लोजपा के कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए सूरजभान सिंह ने कहा कि चिराग पासवान और पशुपति कुमार पारस दोनों को एक साथ आना चाहिए और एक ही पार्टी में रहना चाहिए। चिराग को समझना चाहिए कि उनके चाचा ने उनके अधीन काम किया है तो अब उन्हें भी चाचा के नेतृत्व को स्वीकार करना चाहिए।

चिराग ने क्या कहा है

लोक जनशक्ति पार्टी में जारी संघर्ष पर चिराग पासवान ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें उन्होंने कहा कि यह सब तब हुआ जब मैं बीमार था। मैंने उस समय अपने चाचा से बात करने की भी कोशिश की लेकिन मैं असफल रहा। उन्होंने कहा कि सदन के नेता की नियुक्ति पार्लियामेंट्री बोर्ड का फैसला है, ना सांसद। वहीं राष्ट्रीय अध्यक्ष को केवल तभी हटाया जा सकता है जब उसकी मृत्यु हो जाती है या इस्तीफा देता है। चिराग ने जदयू को भी निशाने पर लिया।

चिराग पासवान को एक और बड़ा झटका, एलजेपी के अध्यक्ष पद से भी हटाए गएचिराग पासवान को एक और बड़ा झटका, एलजेपी के अध्यक्ष पद से भी हटाए गए

बिहार में प्रभाव रखने वाली लोक जन शक्ति पार्टी में बीते तीन-चार में बड़ी हलचल देखने को मिली है। पार्टी के छह में से पांच सांसदों ने पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान से बगावत की है। बिहार के हाजीपुर से सांसद और चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस की अगुवाई में ये बगावत हुई है। पहले पार्टी सांसदों ने चिराग पासवान को लोकसभा में नेता के पद से हटाया। इसके बाद अब पार्टी के अध्यक्ष पद से भी चिराग को हटा देने की बात कही है। बता दें कि लोकजन शक्ति पार्टी के छह लोकसभा सांसद हैं। इसमें एक पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान भी हैं। चिराग को छोड़ बाकी सभी सांसद पशुपति कुमार पारस, चौधरी महबूब अली कैसर, वीणा देवी, चंदन सिंह और फ्रिंस राज ने बगावती तेवर अपना लिए हैं।

English summary
LJP political tussle Pashupati Kumar Paras reaction on chirag paswan press conference
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