OMG: आबादी वाले इलाके में घुसे तेंदुए की जब जान पर बनी तो पेड़ पर चढ़ गया
लखीमपुर खीरी। धौरहरा रेंज के तराई इलाकों में तेंदुओं का आतंक जारी है। वन विभाग की टीम को ग्रामीणों को तेंदुओं के आतंक से बचाने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है। रिहायशी इलाके में तेंदुए के आने से ग्रामीणों में अफरातफरी मच जाती है। ऐसा ही कुछ डुंडकी गांव में एक तेंदुए के घुस आने के बाद हुआ। तेंदुए को देखकर ग्रामीण डर गए थे लेकिन फिर उन्होंने किसी तरह उसे खदेड़ा, लेकिन तेंदुआ पेड़ पर चढ़ गया।
ग्रामीणों में दशहत का माहौल
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, घाघरा नदी के पास के इलाके में दो माह से हिंसक पशुओं का आतंक फैला हुआ है। इस दौरान तेंदुए ने एक बच्चे समेत कई मवेशियों को मार डाला, जबकि कई लोग घायल हो गए। लेकिन वन विभाग की टीम इसे भेड़िया कह रही थी। घाघरा के किनारे डुंडकी गांव है जो कटान पीड़ित है। इस गांव के लोग आसपास के इलाकों में बसे हुए हैं।
पेड़ पर चढ़ा तेंदुआ
रविवार को अचानक ग्रामीणों ने खेतों में हलचल देखी, जानवर इधर-उधर भाग रहे थे। ग्रामीणों को समझ नहीं आ रहा था कि अचानक क्या हो गया। इसी बीच खेत से निकलकर तेंदुआ ग्रामीणों के बीच आ पहुंचा। तेंदुए को देखकर ग्रामीणों ने ड्रम आदि बजाकर खदेड़ने की कोशिश की। इस दौरान काफी देर तक शोर मचता रहा। कुछ ग्रामीण उस इलाके से दूर भाग गए थे जबकि कुछ ने अपने बच्चों को घरों में बंद कर दिया था। इसके बाद तेंदुआ वहां से भागकर एक पेड़ पर जाकर बैठ गया। वह काफी देर तक पेड़ पर बैठा रहा।
काफी मशक्कत के बाद पकड़ में आया तेंदुआ
ग्रामीणों का कहना है कि पिछले कुछ समय से तेंदुओं का इस इलाके में आना-जाना बढ़ गया है और इस कारण ग्रामीणों में हमेशा डर बना रहता है। कुछ समय पहले, बेलागढ़ी में एक बच्चे के शिकार करने की घटना को वन विभाग की टीम ने खारिज कर दिया था। तब वन विभाग की टीम ने उसे भेड़िया बताया था। हालांकि, ग्रामीणों ने दबाव बनाया तो नदी पार के इलाके में गश्त बढ़ाई गई और पिंजरे लगाए गए, साथ ही कुछ कैमरे भी लगाए गए। काफी मशक्कत के बाद तेंदुआ पकड़ में आ गया। वहीं, वन विभाग की टीम के शुरुआती दावे को लेकर ग्रामीणों में रोष है।