धक्का देने के बाद हुई थी जयललिता की मौत: AIADMK नेता ने लगाए 10 आरोप
AIADMK नेता ने कहा कि जयललिता के स्वास्थ्य की स्थिति और उन्हें कौन-कौन सी दवाएं दी जा रही है, 75 दिनों तक उनके अस्पताल में रहने के दौरान कोई भी बात पार्टी के किसी नेता को नहीं बताई गई।
चेन्नई। तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की मौत और उसके पीछे के कारणों को लेकर लगातार दावे और संदेह जाहिर किए जाते रहे हैं। मंगलवार को AIADMK के वरिष्ठ नेता पी.एच. पंडियन ने जयललिता की मौत पर सवाल उठाते हुए जांच की मांग की। तमिलनाडु विधानसभा के पूर्व स्पीकर ने वी.के. शशिकला पर भी सवाल उठाए, जो राज्य की मुख्यमंत्री बनने वाली हैं। उन्होंने दावा किया कि जयललिता ने खुद कहा था कि वह नहीं चाहतीं कि शशिकला मुख्यमंत्री बनें। पंडियन ने ये 10 अहम बातें कही हैं-
1. जयललिता को दिया गया था धक्का
पीएच पंडियन ने आरोप लगाया कि चेन्नई स्थित आवास में 22 सितंबर को किसी से जयललिता की बहस हुई और उसी दौरान उन्हें धक्का दिया गया। इस बात से गहरे सदमे में थीं जिसके बाद उन्हें चेन्नई अपोलो में भर्ती कराया गया ताकि मामला दबाया जा सके।
2.
जयललिता
की
मौत
अप्राकृतिक
थी
चेन्नई
अपोलो
और
लंदन
के
स्पेशलिस्ट
डॉ.
रिचर्ड
बेएले
ने
सोमवार
को
बताया
कि
जयललिता
की
मौत
हार्टअटैक
की
वजह
से
हुई
है
लेकिन
पंडियन
का
दावा
है
कि
उनकी
मौत
अप्राकृतिक
थी
और
उन्होंने
जहर
देकर
हत्या
किए
जाने
की
साजिश
की
तरफ
इशारा
किया
है।
उन्होंने
न
सिर्फ
जयललिता
की
मौत
की
जांच
कराने
की
मांग
की
बल्कि
22
सितंबर
को
जयललिता
के
आवास
में
कौन-कौन
मौजूद
था
इसकी
जांच
कराने
के
लिए
भी
कहा।
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3. इलाज को लेकर स्पष्ट जानकारी नहीं
AIADMK नेता ने कहा कि जयललिता के स्वास्थ्य की स्थिति और उन्हें कौन-कौन सी दवाएं दी जा रही है, 75 दिनों तक उनके अस्पताल में रहने के दौरान कोई भी बात पार्टी के किसी नेता को नहीं बताई गई। अस्पताल ने सोमवार को कहा कि एक टीम को जयललिता के इलाज की पूरी जानकारी दी गई जिसमें AIADMK नेता थंबीदुरै और शशिकला भी शामिल थे।
4.
शशिकला
रोई
नहीं
पंडियन
ने
कहा
कि
जयललिता
की
मौत
की
सूचना
मिलने
पर
जिस
वक्त
पांच
दिसंबर
को
AIADMK
नेता
अपोलो
अस्पताल
गए,
शशिकला
और
उनके
परिवार
के
लोग
रोए
नहीं।
उन
पर
जयललिता
की
मौत
का
कोई
असर
नहीं
दिखा।
5. शशिकला ने डेडबॉडी कब्जे में ले रखी थी
पंडियन ने आरोप लगाया कि पार्टी का पूरा नेतृत्व इस बात से हैरान था कि शशिकला और उनके परिवार के लोगों ने राजाजी हॉल में अंतिम दर्शन के दौरान जयललिता की डेडबॉडी को पूरी तरह अपने कब्जे में ले रखा था। शशिकला के परिवार को 'मन्नागुडी माफिया' के नाम से लोग जानते हैं। उन्होंने अंतिम संस्कार की सारी क्रियाओं पर अपना ही हस्तक्षेप रखा।
6.
शशिकला
को
CM
नहीं
बनाना
चाहती
थीं
जयललिता
पीएच
पंडियन
के
बेटे
और
AIADMK
के
पूर्व
विधायक
मनोज
पंडियन
ने
कहा
कि
जयललिता
ने
खुद
उनसे
कहा
था
कि
वह
शशिकला
को
मुख्यमंत्री
नहीं
बनाना
चाहतीं।
उनमें
इस
पद
पर
रहने
का
काबिलियत
नहीं
है।
7. शशिकला के पास बहुमत नहीं
मनोज पंडियन ने कहा कि शशिकला को पार्टी महासचिव बनाया जाना और पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री बनाए जाने की सारी प्रक्रिया गैरकानूनी है क्योंकि वह चुनी हुई नेता नहीं हैं। मनोज पंडियन के पिता ने कहा कि जयललिता खुद शशिकला को मुख्यमंत्री पद के योग्य नहीं समझती थीं।
8.
शशिकला
को
समर्थन
नहीं
दोनों
नेताओं
ने
कहा
कि
पार्टी
काडर
और
दूसरे
सेक्शन
में
भी
शशिकला
को
कोई
जिम्मेदारी
देने
के
लिए
समर्थन
नहीं
मिला।
लेकिन
फिर
भी
शशिकला
ने
पार्टी
पर
कब्जा
जमा
लिया।
9. जयललिता सिर्फ जनता के बारे में सोचती थीं
पंडियन ने कहा कि जयललिता ने 1996 में जेल से बाहर आने के बाद कहा था घोषणा की थी कि उनकी सारी संपत्ति जनता के लिए होगी। उन्होंने कहा, 'जयललिता ने मुझे ये जिम्मेदारी सौंपी थी कि मैं इसे संभव बनाऊं। अब उनके निधन के बाद मुझ पर इसे पूरा करने की जिम्मेदारी है।'
10.
भविष्य
की
योजनाएं
दोनों
नेताओं
ने
कहा
कि
वे
भविष्य
की
योजनाओं
को
लेकर
24
फरवरी
को
ऐलान
करेंगे।
इस
दिन
जयललिता
का
जन्मदिन
होता
है।
जयललिता
की
भतीजी
दीपा
जयकुमार
ने
पहले
ही
घोषणा
कर
रखी
है
कि
उसी
दिन
वह
भी
अपनी
पार्टी
का
ऐलान
करेंगी।
पार्टी ने खारिज किए पंडियन के आरोप
उधर पार्टी ने पंडियन की ओर से लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया है। पार्टी ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि पंडियन के परिवार के पांच लोग पार्टी में पद संभाल रहे हैं इसके बाद भी उन्हें चैन नहीं है। पार्टी ने कहा कि जयललिता को जहर दिए जाने का आरोप गलत है। इस संबंध में सिर्फ डॉक्टरों का बयान ही सही माना जाए।