लॉकडाउन के बाद कैसे शुरू हो घरेलू उड़ान, एयरलाइंस कंपनियों ने इस वजह से खड़े किए हाथ
नई दिल्ली- मौजूदा लॉकडाउन 17 मई तक है। आसार हैं कि इस बार सिर्फ हॉटस्पॉट और कंटेनमेंट जोन में ही लॉकडाउन रहेंगे। बाकी इलाकों में धीरे-धीरे व्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिश शुरू हो जाएगी। लेकिन, एयरलाइंस कंपनियां लॉकडाउन के बाद सिर्फ ग्रीन जोन में उड़ानों के प्रस्ताव से सहमत नहीं हैं। इन कंपनियों का कहना है कि बिना मेट्रो शहरों में उड़ान सेवाएं शुरू हुए, इस योजना का कोई फायदा नहीं है। और सच्चाई ये है कि सारे के सारे मेट्रो शहर इस वक्त कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं और वहां नए मरीजों का मिलना लगातार जारी है।
फिलहाल हवाई सेवा के लिए राजी नहीं एयरलाइन कंपनियां
एयरलाइंस कंपनियां फिलहाल घरेलू उड़ान सेवाएं शुरू करने के प्रस्ताव पर राजी नहीं है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव की अगुवाई में हुई एक कमिटी की बैठक में घरेलू उड़ान सेवाएं फिर से शुरू करने को लेकर चर्चा हुई। इसमें एयरलाइंस कंपनियों के प्रतिनिधियों और मंत्रालय के कुछ अधिकारियों ने भी इस प्रस्ताव पर असहमति जताई कि सिर्फ ग्रीन जोन में ही उड़ान सेवाएं शुरू की जाएं। एक एयरलाइंस कंपनी के सीईओ ने कहा, 'भारत में उड़ानें तब तक शुरू नहीं की जा सकतीं, जब तक कि कम से कम तीन बड़े एयरपोर्ट चालू हो जाएं। अगर दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और कोलकाता बंद रहेंगे तो बहुत ही कम संभावना है कि एयरलाइंस कंपनियां उड़ान शुरू करेंगी, भले ही सरकार भी हरी झंडी दिखा दे।' दरअसल, देश का 65 फीसदी एयर ट्रैफिक सिर्फ 6 महानगरों पर निर्भर है।
सारे बड़े मेट्रो शहर रेड जोन में हैं
हकीकत ये है कि देश के सारे बड़े महानगर मसलन, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरु और अहमदाबाद अभी रेड जोन में हैं, क्योंकि यह कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। दरअसल, घरेलू उड़ान शुरू करने की बात सबसे पहले केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ही उठाई थी। उन्होंने कहा था, 'हमें एविएशन सेक्टर को धीरे-धीरे और सोच-समझकर खोलना होगा। हम सिर्फ दो ग्रीन जोन के बीच उड़ानों की योजना बना सकते हैं। रेड जोन के बीच में उड़ानों को शुरू करना मुश्किल होगा।' वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक रेड जोन में उड़ान तभी संभव है, जब राज्य सरकारें इसके लिए तैयार हों। जबकि, तेलंगाना सरकार ने तो पहले ही लॉकडाउन का चौथा फेज 29 मई तक बढ़ा दिया है।
दिल्ली-मुंबई एयरपोर्ट बंद फिर कंपनियों को क्या फायदा?
केंद्र सरकार भी रेड जोन में इसे शुरू करने के लिए शायद ही दबाव डाल पाएगी। लॉकडाउन से पहले दिल्ली में इसको लेकर असमंजस की स्थिति भी पैदा हो गई थी, जब अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्ली एयरपोर्ट बंद करने की बात कह दी थी, जिसे बाद में केंद्र ने बदल दिया था। एक अधिकारी ने कहा, 'हम चाहते हैं कि आर्थिक गतिविधि शुरू हो और इसमें एविएशन बहुत ही महत्वपूर्ण है। लेकिन, केंद्र सरकार राज्य सरकारों को अलग रखकर कोई फैसला नहीं ले सकती, क्योंकि राज्य सरकारों को ही अपनी क्षमता के बारे में ज्यादा पता है।' एक और एयरलाइंस के अधिकारी ने बताया कि 24 मार्च को जबसे उड़ानें बंद हुई हैं ज्यादातर एयरक्राफ्ट बड़े एयरपोर्ट पर ही खड़े हैं। करीब 180 विमान दिल्ली एयरपोर्ट पर हैं और मुंबई में करीब 80 विमान हैं। बाकी विमान भी बड़े शहरों में ही पड़े हुए हैं। अगर थोड़ा-बहुत भी ऑपरेशन शुरू करना है तो दिल्ली या मुंबई को तो शुरू करना ही पड़ेगा, इसके बिना यह बात ही अव्यवहारिक है।