Farmers Protest: एक साल से चल रहा किसान आंदोलन आखिरकार खत्म, आने वाली जनवरी साफ करेगी असल तस्वीर
नई दिल्ली, 09 दिसंबर: केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल के ज्यादा वक्त से चल रहा किसान आंदोलन आखिरकार समाप्त हो गया है। कृषि कानूनों को केंद्र सरकार के वापस लेने के बाद भी कुछ और मांगों पर किसान की सरकार से सहमति नहीं बन रही थी, लेकिन गुरुवार को सरकार की ओर से भेजे गए प्रस्ताव के बाद लंबे समय से चला आ रहा गतिरोध आखिकार खत्म हो गया। किसानों ने आंदोलन से उठने का ऐलान कर दिया। मीडिया से बात करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने घोषणा करते हुए बताया कि संगठन ने फैसला किया है कि 11 दिसंबर को हमारे किसान आंदोलन स्थल से उठेंगे। हालांकि किसानों ने आंदोलन खत्म करने का तो फैसला कर लिया है, लेकिन आंदोलन की असल तस्वीर 15 जनवरी के बाद साफ होगी।
किसान आंदोलन को खत्म करने का ऐलान
गुरुवार का दिन देश के किसानों के लिए बड़ा दिन साबित हुआ है। दिल्ली की सीमाओं सहित देश भर में चला रहा किसान आंदोलन अब पूरी तरह से समाप्त हो गया है। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता किसान दर्शनपाल सिंह ने बताया कि हमने फैसला किया है कि 11 दिसंबर को हमारे किसान आंदोलन स्थल को छोड़ देंगे। वहीं किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि जीत का ऐलान हो गया है। 11 तारीख को हम सभी धरने समाप्त कर रहे हैं। हम 15 जनवरी को समीक्षा बैठक करेंगे। अगर सरकार अपने वादों से हिलती है तो दोबारा से आंदोलन करने पर विचार करेंगे।
सरकार ने किए 5 वादे
सरकार की ओर से किसानों को भेजे गए अपने प्रस्ताव 5 वादे किए गए हैं, जिसमें एमएसपी पर एक कमेटी का गठन किया जाएगा। किसानों के खिलाफ दर्ज मुकदमे तत्काल प्रभाव के वापस लिए जाएंगे। मुआवजे पर केंद्र सरकार ने बताया कि इसके लिए यूपी और हरियाणा सरकार ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है। बिजली बिल एसकेएम से चर्चा के बाद ही संसद में पेश किया जाएगा। वहीं पराली को लेकर जो कानून पारित किया है। उसकी धारा 14 और 15 में क्रिमिनल लाइबिलिटी से किसान को मुक्ति मिलेगी।
15 जनवरी को साफ होगी असल तस्वीर
किसानों की सरकार से सहमति के बाद अब आंदोलन की असली तस्वीर 15 जनवरी के बाद साफ होगी। जानकारी के मुताबिक 11 दिसंबर को किसान सिंघू बॉर्डर छोड़कर अपने घर जाने लगेंगे। उसके दो दिन बाद किसान पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर जाएंगे। वहीं 15 दिसंबर तक देशभर में किसानों के सभी आंदोलन खत्म हो जाएंगे। इसके एक महीने के बाद यानी 15 जनवरी को किसान आंदोलन का नेतृत्व करने वाला संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) फिर से दिल्ली में बैठक करेगा। इस बैठक के दौरान किसान समीक्षा करेंगे कि केंद्र ने अपने वादों पर काम किया है या नहीं।
प्रदर्शनकारी किसान 11 दिसंबर को खाली करेंगे धरना स्थल