पंजाब में पत्रकारों को दिया गया कोरोना योद्धा का दर्जा, जानें और किन राज्यों में मिल चुका है ये सम्मान
नई दिल्ली, 3 मई: कोरोना महामारी में भारत बुरी तरह प्रभावित है और हर दिन स्थिति बद से बत्तर होती जा रही हैं। वहीं लोगों को जल्द से जल्द खबर पहुंचाने वाले पत्रकार भी इस महामारी में अपनी जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं। अब तक कई पत्रकारों की कोरोना की चपेट में आने के बाद मौत भी हो चुकी है। वहीं पत्रकारों के इस जोखिम भरे काम को देखते हुए पंजाब सरकार ने अपने प्रदेश के सभी मान्यता प्राप्त पत्रकारों को फ्रंट वारियर्स की सूची में शामिल कर लिया है।
सोमवार को पंजाब सीएम के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने बताया कि सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की घोषणा की है कि पंजाब में सभी मान्यता प्राप्त और पीले कार्ड के पत्रकार अब कोविड फ्रंटलाइन वारियर्स की सूची में शामिल हैं। यानी अब पंजाब के मान्यता प्राप्त पत्रकार कोरोना योद्धा की सूची में शामिल हो चुके हैं।
संगठनों की थी ये मांग
कोरोना के खतरे के बीच लगातार काम कर रहे मीडियाकर्मियों को कोरोना योद्धा घोषित करने वाला पंजाब पहला राज्य नहीं है इससे पहले मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और बिहार में पत्रकारों को फ्रंट लाइन वर्कर की श्रेणी में शामिल किया गया है।
बंगाल
सरकार
ने
दिया
ये
दर्जा
पत्रकारों
से
संबंधित
कुछ
संगठनों
ने
भी
इसकी
मांग
उठाई
थी
जिसके
बाद
कई
प्रदेश
की
सराकारों
ने
पत्रकारों
को
कोविड
वॉरियर्स
का
दर्जा
दिया
है।प्रेस
स्वतंत्रता
दिवस
के
दिन
पश्चिम
बंगाल
की
मुख्यमंत्री
ममता
बनर्जी
ने
राज्य
के
पत्रकारों
को
कोविड
योद्धा
घोषित
किया
है।
मध्यप्रदेश सरकार ने दिया ये दर्जा
इसके पहले मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को कहा कि प्रदेश के सभी मान्यता प्राप्त पत्रकार अग्रिम पंक्ति के कर्मियों की श्रेणी में शामिल किया था। शिवराज ने कहा था 'कोरोना संक्रमण काल में वास्तविकता को जन-जन तक पहुंचाने वाले पत्रकार भी वास्तव में कोरोना योद्धा हैं। उन्होंने कहा इन पत्रकारों को अग्रिम पंक्ति के कर्मियों को दी जाने वाली सभी सुविधाओं का लाभ मिलेगा।
ओडिशा
में
दी
जा
रही
ये
सुविधा
ओडिशा
के
मुख्यमंत्री
नवीन
पटनायक
ने
रविवार
को
राज्य
के
पत्रकारों
को
अग्रिम
मोर्चा
का
कोविड
योद्धा
घोषित
किया
था
और
प्रदेश
के
6944
श्रमजीवी
पत्रकार
गोपबंधु
संबादिका
स्वास्थ्य
बीमा
योजना
के
तहत
शामिल
किए
गए
हैं।
उन्हें
दो
लाख
रुपये
का
स्वास्थ्य
बीमा
दिया
जा
रहा
है।
बिहार में भी इस सूची में पत्रकारों को किया गया शामिल
वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश ने सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग द्वारा मान्यता प्राप्त सभी पत्रकारों के साथ-साथ जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी द्वारा सत्यापित प्रिन्ट, इलेक्ट्रोनिक एवं बेव मीडिया के गैर मान्यता प्राप्त पत्रकारों को प्राथमिकता के आधार पर उन्हें फ्रंटलाइन वर्कस की श्रेणी में रखते हुए उन्हें टीका लगवाने का आदेश दिया था।