दिग्विजय सिंह के गुरु और ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द का आरक्षण पर बड़ा बयान
नई दिल्ली। अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले द्वारका शारदापीठ और ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने अब आरक्षण के खिलाफ भी मोर्चा खोला है। अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के खिलाफ बोलने के बाद अब शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने आरक्षण को पूरी तरह से खत्म करने की मांग कि है। उन्होंने कहा कि इसकी जगह समाज के हर वर्ग को उन्नति का एक समान अवसर देकर समाज सेवा के योग्य बनाया जाना चाहिए इसी से सभी की भलाई होगी।
जब
विशेष
सुविधा,
तो
कौन
सताएगा
शंकराचार्य
स्वामी
स्वरूपानंद
सरस्वती
के
जारी
बयान
में
कहा
गया
है
कि
जिन
लोगों
को
शिक्षा,
नौकरी,
तरक्की
में
आरक्षण
की
विशेष
सुविधा
मिल
रही
हो,
उन्हें
क्या
कोई
सता
सकता
है?
शंकराचार्य
ने
सवाल
किया
है
कि
जब
लोग
आरक्षण
का
फायदा
उठाकर
उंचे-उंचे
पदों
पर
बैठे
हैं,
तो
क्या
उन्हें
सता
पाना
किसी
के
लिए
संभव
भी
है?
कैसे
कोई
उन
पर
अत्याचार
कर
सकता
है?
सभी
के
कल्याण
की
सोचे
नेता
शंकराचार्य
स्वामी
स्वरूपानंद
के
मुताबिक
हामारे
नेताओं
को
हर
व्यक्ति
और
वर्ग
के
कल्याण
के
लिए
सोचना
चाहिए।
नेताओं
को
सिर्फ
किसी
वर्ग
विशेष
की
ओर
ध्यान
नहीं
देना
चाहिए।
शंकराचार्य
ने
अपने
बयान
में
कहा
है
कि
आरक्षण
पूरी
तरह
से
समाप्त
होना
चाहिए
और
सबको
उन्नति
का
समान
अवसर
देकर
समाज
सेवा
के
योग्य
बनाना
चाहिए।
आगे
उन्होंने
कहा
कि
अगर
कोई
बिना
योग्यता
के
आरक्षण
के
आधार
पर
डॉक्टर
बनेगा
तो
वो
पेट
में
कैंची
ही
छोड़गा
और
अगर
प्रोफेसर
बनाएंगे
तो
वो
पढ़ाएगा
नहीं
और
इंजीनियर
बना
तो
पुल
गिराएगा।
शंकराचार्य
ने
कहा
है
कि
उन्हें
भी
योग्य
बनने
दो,
उन्हें
प्रतिस्पर्धा
में
आगे
आने
दो,
तभी
उनकी
तरक्की
होगी,
उनको
केवल
वोट
बैंक
बनाकर
रखना
उनके
प्रति
अत्याचार
करना
होगा।
SC/ST
एक्ट
का
भी
विरोध
केंद्र
सरकार
द्वारा
SC/ST
एक्ट
में
किए
गए
संशोधन
का
भी
शंकराचार्य
स्वरूपानंद
सरस्वती
ने
बीते
शुक्रवार
को
विरोध
किया
था।
शंकराचार्य
ने
केंद्र
की
बीजेपी
सरकार
को
हिंदू
विरोधी
तक
करार
दिया।
उन्होंने
कहा
था
कि
इस
तरह
से
संशोधित
रूप
में
लाया
गया
SC/ST
एक्ट
भारतीय
समाज
में
विघटन
का
कारण
बनेगा।
उन्होंने
कहा
था
कि
इस
कानून
से
जातिगत
भेदभाव
और
ज़्याद
बढ़
जाएगा
और
समाज
पीछे
की
ओर
चला
जाएगा।
जब
समाज
पीछे
जाएगा
तो
देश
भी
आगे
नहीं
बढ़
पाएगा।
बता दें कि शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह अपना धार्मिक गुरु मानते हैं।
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