CBI ने राकेश अस्थाना पर घूसखोरी के बाद जबरन वसूली का मामला दर्ज किया, सारे अधिकार वापस लिए
नई दिल्ली। सीबीआई के दो शीर्ष अधिकारियों के बीच चल रही जंग के बीच आखिरकार स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना पर गाज गिरी है। अस्थाना को उनकी सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया है। अस्थाना के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें मंगलवार को सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया और उनके खिलाफ जांच जारी है। आपको बता दें कि अस्थाना पर मोईन कुरैशी मामले में घूस लेने का आरोप लगा था, जिसके बाद से ही वह लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं।
कई बड़े मामलों की कर रहे थे जांच
सीबीआई की ओर से मंगलवार को निर्देश जारी किया गया है उसमे कहा गया है कि स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को तमाम जिम्मेदारियों से तत्काल प्रभाव से मुक्त किया जाता है। आपको बता दें कि सीबीआई में नंबर दो के शीर्ष अधिकारी स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना कई संवेदनशली और हाई प्रोफाइल मामलों की जांच कर रहे थे और इन मामलों की जांच कर रही एसआईटी के मुखिया थे। इन मामलों में ऑगस्ता वेस्टलैंड, वीवीआईपी हेलीकॉप्टर केस, विजय माल्या केस, कोयला घोटाला से संबंधित केस, रॉबर्ट वाड्रा केस, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुडा के खिलाफ भूमि आवंटन का केस, दयानिधि मारन के खिलाफ केस अहम है।
जांच जारी रहेगी
सीबीआई सूत्रों की मानें तो राकेश अस्थाना के खिलाफ घूसखोरी के मामले की जांच जारी रहेगी। अस्थाना के खिलाफ यह कार्रवाई ऐसे समय में की गई जब उनकी एसआईटी के सदस्य डिप्टी एसपी देवेंद्र कुमार को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया था। सीबीआई ने देवेंद्र कुमार को 10 दिन के खिलाफ 10 दिन की पुलिस हिरासत की मांग की है। सीबीआई स्पेशल जज ने उन्हें 7 दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया है। जिस तरह से देवेंद्र कुमार के खिलाफ कार्रवाई की गई उसके बाद राकेश अस्थाना के खिलाफ भी सीबीआई की ओर से बड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें उनकी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया ।
नंबर दो आरोपी
सीबीआई ने देवेंद्र कुमार पर आरोप लगाया है कि उन्होंने सीबीआई के डायरेक्टर आलोक वर्मा के खिलाफ फर्जी रिकॉर्ड दिखाए, जिसकी मदद आलोक वर्मा के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है। इससे पहले कुमार को घूसखोरी विवाद में नंबर दो का आरोपी बनाया गया था, जबकि राकेश अस्थाना को नंबर एक आरोपी बनाया गया था। गौर करने वाली बात है कि पिछले हफ्ते ही हैदराबाद के बिजनेसमैन सना सतीश बाबू ने शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि राकेश अस्थाना को मोईन कुरैशी मामले में घूस दी गई थी, जिसके वह चश्मदीद गवाह हैं।
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