विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद बिकरू गांव मना रहा जश्न, पड़ोसी ने बताया कैसा था गैंगस्टर का आतंक
नई दिल्ली। कानपुर शूटआउट का मुख्य आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे आज (शुक्रवार) को पुलिस एनकाउंटर में मारा जा चुका है। विकास दुबे की मौत की खबर जैसे ही न्यूज चैनलों में आई वैसे ही बिकरू गांव के निवासियों और उसके आस-पास के इलाकों में लोग जश्न मनाने लगे। लोगों ने आतंक के एक युक के अंत पर अपनी खुशी जाहिर की है। बता दें कि कानपुर में सीओ समेत आठ पुलिस जवानों की हत्या के मामले में मध्यप्रदेश उज्जैन से गिरफ्तार किए गए मोस्टवांटेड विकास दुबे चौबेपुर के बिकरू गांव में बने पैतृक मकान में रहता था। यह वही घर है जहां 8 पुलिसकर्मियों की निर्मम हत्या कर दी गई थी।
विकास दुबे के गांव में कैसा है माहौल
विकास दुबे की मौत से अब उसके गांव में जश्न का माहौल है लोगों को उसके आंतक से आजादी मिल गई है। गैंगस्टर अपने गांव के स्थानीय लोगों के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं था। नाम न बताने की शर्त पर न्यूज18 से बात करते हुए विकास के पड़ोसी ने बताया, पूरा गांव दुबे के आंतक का शिकार था हमने पहले भी कई बार पुलिस से शिकायत की थी और 2013 में तत्कालीन मुख्यमंत्री को भी लिखा था लेकिन कुछ नहीं किया गया।
विकास के सामने किसी को सिर उठाने की इजाजत नहीं थी
पड़ोसी ने बताया, हमारी शिकायत के बावजूद हमने कभी नहीं देखा कि विकास दुबे का दबदबा कम हुआ हो। सभी राजनेताओं ने उसका समर्थन किया और एक पूर्व महिला विधायक ने दुबे को राखी बांधी और दावा किया कि वह उनके भाई थे। हमारे पिता और चाचा को शूद्र होने के चलते बेरहमी से पीटा गया था। जब भी गैंगस्टर और उसके आदमी हमारी गली से गुजरते थे तो हमें अपना सिर उठाने की इजाजत नहीं थी और नमस्ते के साथ उनका अभिवादन करना अनिवार्य था। अगर कोई ऐसा नहीं करता तो उसे बेरहमी से पीटा जाता था।
आज का दिन किसी त्यौहार से कम नहीं
पड़ोसी ने आगे बताया, हमें दुबे के आतंक के साथ जीने के लिए मजबूर किया गया। आज का दिन हमारे लिए किसी त्यौहार से कम नहीं है। आखिरकार आतंक का शासन खत्म हो गया है, भगवान ने हमारी प्रार्थनाएं सुन ली। पड़ोसी ने सबूत के तौर पर उन शिकायत की कॉपी भी दिखाई जो उन्होंने पुलिस और मंत्रियों को हिस्ट्रीशीटर के खिलाफ दिए थे। बता दें कि उज्जैन से कानपुर ले जा रहे एक पुलिस वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद विकास दुबे शुक्रवार सुबह एक मुठभेड़ में मारा गया। पुलिस के मुताबिक उसने भागती इलाके में घटनास्थल से भागने की कोशिश की थी।
पुलिस से हथियार छीनकर भागने की कोशिश की
कानपुर आईजी मोहित अग्रवाल ने कहा कि नवाबगंज में तैनात एक इंस्पेक्टर सहित चार पुलिसकर्मी घायल हो गए। पश्चिम कानपुर एसपी अनिल कुमार ने मीडिया को बताया कि पुलिस से हथियार छीनने और भागने की कोशिश करने के बाद विकास दुबे को ले जा रहा वाहन दुर्घटना का शिकार हो गया। इसके बाद गैंगस्टर को पकड़ने के लिए एसटीएफ की टीम ने कॉम्बिंग ऑपरेशन किया, विकास को आत्मसमर्पण करने के लिए कहा गया था लेकिन उसने गोलियां चला दीं और गोलीबारी में उसको मार गिराया गया। इस हादसे में कुछ पुलिस वाले भी घायल हुए हैं।
मीडिया की गाड़ियों को एक किलोमीटर पहले रोका गया
'न्यूज18' की खबर के मुताबिक, ऐसा बताया जा रहा है कि जब यूपी की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम विकास दुबे को मध्य प्रदेश से लेकर चली थी, तभी से मीडिया की गाड़ियां उसके पीछे चल रही थीं। कानपुर तक भी मीडिया की गाड़ियां पीछे थी, लेकिन एक जगह पर करीब एक किलोमीटर पहले तक मीडिया की गाड़ियों को रोक दिया गया। यहां पर चेकिंग की जा रही थी, इसके तुरंत बाद एसटीएफ के काफिले में शामिल गाड़ी के पलटने की खबर आई।
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