हिमाचल की जीत से गदगद मल्लिकार्जून खड़गे, बोले- कांग्रेस को कोई खत्म नहीं कर सकता
हिमाचल प्रदेश में जिस तरह से कांग्रेस पार्टी को जीत मिली है उसने कांग्रेस पार्टी के लिए संजीवनी का काम किया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि कांग्रेस को कोई खत्म कर नहीं सकता है। एक जगह हम जाएंगे तो दूसरी जगह उगेंगे। हमे लोगों की मदद मिल रही है, लोग हमारे साथ जुड़ रहे हैं, हम कोशिश कर रहे हैं, हम आगे बढ़ रहे हैं। गुजरात में हम क्यों हारे इसका हम विश्लेषण करेंगे, जो भी कमियां है उन्हें दूर करने के लिए हम काम करेंगे।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हिमाचल में जीत का श्रेय पार्टी के हर कार्यकर्ता, हर लीडर को जाता है। जो बूथ लेवल से लेकर हमारे पीसीसी, सीएलपी, इंचार्ज और जिन लोगों ने प्रचार किया उन सबको जाता है। प्रियंका काफी प्रचार किया, रैली की, लिहाजा उनको भी श्रेय जाता है। जो लोग सबको एकजुट करे और उनमे लड़ने की हिम्मत डाले, उससे पार्टी में एक जोश आया, उसकी वजह से हमारी जीत हुई है। लोकतंत्र में हमेशा हार-जीत लगी रहती है। हिमाचल को लेकर खड़गे ने कहा मैं अपने कर्म, काम पर विश्वास करता हूं। हमारे लोगों ने काम किया इसलिए हम जीते हैं। हिंदू बेल्ट या मुस्लिम बेल्ट कुछ नहीं होता है, सभी राज्य हमारे हैं, इसीलिए भारत जोड़ो का काम चल रहा है।
हिमाचल में अगल मुख्यमंत्री कौन होगा, इसको लेकर कांग्रेस पार्टी में मंथन चल रहा है। इसपर मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हमारी पार्टी में एक प्रक्रिया है, हमारे पर्यवेक्षक जाते हैं, सबकी राय लेते हैं, कभी एक-एक करके बुलाते हैं, कभी सीएलपी में प्रस्ताव पास करते हैं। मैं 12 बार चुनाव लड़ा हूं, 11 बार जीता हूं। लेकिन चुनाव में हम इस प्रक्रिया का पालन करते हैं। सबकी राय लेकर पार्टी को जो चलाने योग्य होगा उसे चुना जाएगा। सभी लोग योग्य हैं, लेकिन स्थिति के अनुसार जिसको भी पार्टी चुनेगी, उसे ही नेता बनाया जाएगा।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मेरे पर्यवेक्षक आएंगे, मुझे बताएंगे, उसके बाद तय होगा। पार्टी में हाई कमांड कौन होगा, यह सवाल बेकार है, मैं कांग्रेस का अध्यक्ष हूं जब मैं कुछ बोल रहा हूं तो वही होगा। खड़गे ने कहा कि विधायकों की राय लेने का मतलब यह होता है जो भी सर्वसम्मति होगी, जो भी पार्टी को ठीक लगेगा वही हमारे पर्यवेक्षक बताएंगे। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र में अगर कोई एक वोट से भी जीतता है तो वह सदन में आता है और एक वोट से भी हारता है तो सदन से बाहर रहता है। लिहाजा वोट फीसदी की बात करना गलत है, हारे हैं तो हार को स्वीकार करना चाहिए।
हम जब जीतते हैं तब भी खुशी से मिलते हैं, सबको श्रेय देते हैं, जहां हारते हैं उसे स्वीकार करते हैं। कुछ लोगों की आदत होती है हर चीज को बड़ा करके इवेंट बनाकर दिखाना, लेकिन हम वैसे नहीं हैं। गुजरात में कांग्रेस को सिर्फ 17 सीट मिली उसपर खड़गे ने कहा कि लोकतंत्र में आगे-पीछे हो सकता है। आज नंबर-1 पार्टी कहलाने वाले किसी जमाने में संसद में सिर्फ 2 सदस्य थे। यह सब लोकतंत्र में होता रहता है। लोकतंत्र में जो भी जीतता है हम उसका स्वागत करेंगे, जो हारता है वह अपनी कमियों को ढूंढ़ता है।