प्रयागराज: अस्पताल के गेट पर बच्ची की मौत, डॉक्टर के खिलाफ FIR दर्ज, बिना टांका लगाए छोड़ा था
प्रयागराज। प्रयागराज में इलाज के अभाव में तीन साल की मासूम की मौत के मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन से रिपोर्ट तलब की है। आयोग ने एक बयान में कहा था, 'बच्चे के परिवार की सामाजिक-आर्थिक हालत कमजोर है और ऐसे में वह अपनी जमीन बेचकर दो लाख रुपए की रकम ही दे सका। परिवार शेष रकम नहीं दे पाया जिस कारण बच्चे के पेट का टांका लगाए बिना ही उसे अस्पताल से घर भेज दिया गया।' आयोग ने इसी बाबत डीएम से कहा था कि वह इस मामले की जांच कराएं और भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत अस्पताल प्रशासन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराएं। बच्ची की पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद कौशांबी के पिपरी थाने की पुलिस ने सर्जन डॉक्टर अंकित गुप्ता के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
क्या है पूरा मामला ?
प्रयागराज में करेली इलाके में रहने वाले मुकेश मिश्रा मजदूरी करते हैं। 15 फरवरी को मुकेश की तीन साल की बेटी खुशी को पेट में दर्द की शिकायत हुई। मुकेश ने उसेउ यूनाइटेड मेडिसिटी अस्पताल रावतपुर में भर्ती कराया। डॉक्टरों ने पहले दवा से पेट का दर्द ठीक होने की बात कही, लेकिन करीब 10 दिन बीत जाने के बाद भी खुशी की हालत में सुधार नहीं हुआ। इसके बाद डॉक्टरों ने आंत में इंफेक्शन बताते हुए उसका ऑपरेशन किया। परिजनों का आरोप है कि ऑपरेशन के सप्ताह भर बीतने तक ड्रेसिंग नहीं की गई, जिससे पस आ गया। फिर उसी स्थान पर दूसरा ऑपरेशन किया गया। आरोप है कि सर्जन अंकित गुप्ता ने बच्ची को टांका बिना लगाए ही छोड़ दिया। मासूम की हालत में सुधार नहीं होने पर तीन मार्च को किसी दूसरी जगह इलाज कराने की बात कहते हुए उसे डिस्चार्ज कर दिया गया। 5 मार्च (शुक्रवार) को खुशी की हालत बिगड़ गई, जिसके बाद परिजन उसे अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन उसे भर्ती करने से इनकार कर दिया गया। इलाज के अभाव में बच्ची की अस्पताल के गेट पर ही दर्दनाक मौत हो गई।
आरोपी डॉक्टर के खिलाफ केस दर्ज
बच्ची की मौत के बाद आक्रोशित परिजनों और उनके साथ काफी संख्या में अन्य लोगों ने अस्पताल का घेराव किया। सूचना पाकर आसपास के कई थानों की पुलिस वहां पहुंची और भीड़ को समझा-बुझाकर मामला शांत किया। उन्होंने बताया कि बच्ची के पिता की तहरीर पर शनिवार को निजी अस्पताल के डॉक्टर अंकित गुप्ता के खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया। इस मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने प्रयागराज के जिला अधिकारी से कहा था कि एक अस्पताल के कथित तौर पर गैरजिम्मेदार रवैये के कारण एक बच्चे की मौत होने के मामले में प्राथमिकी दर्ज कर जांच कराई जाए।
पैसे नहीं मिलने पर अस्पताल के डॉक्टर ने बच्ची का ऑपरेशन कर बिना टांके लगाए निकाला बाहर, हुई मौत